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Water purification

घर पर जल को शुद्ध (Water purification) करने के 4 तरीके अगर ये कहा जाए कि जिंदगी में पानी के बिना कुछ भी संभव नहीं है, तो गलत नहीं होगा। प्यास बुझाने के अलावा, खाना बनाने जैसे तमाम काम पानी के बिना संभव नहीं हैं। कई लोगों की नजर में पानी की शुद्धता जरूरी नहीं होती।

लेकिन आपकी यह सोच आपके और आपके परिवार के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। नहाने के पानी से लेकर पीने के पानी तक की शुद्धता मायने रखती है। जहां अशुद्ध पानी पीने से अनेक रोगों को निमंत्रण देता है वहीं अशुद्ध पानी से त्वचा संबंधी बीमारियों भी हो सकती है। मानव के शरीर में 70%, भाग पानी का होता है। पानी की महत्ता इसी से सिद्ध हो जाती है कि तीव्र प्यास लगने पर भी यदि पानी न मिले तो प्राण व्याकुल हो जाते हैं।

अन के बिना व्यक्ति कुछ दिन जी सकता है लेकिन पानी के बिना नहीं रह सकता। हमारे देश के गरीब लोगों के लिए बिना खर्च एवं बिना दवाई के आरोगता प्राप्त करने की यह एक चमत्कारिक विधि है। दातुन या ब्रश करने से पहले पानी पीने से कई रोग मिट जाते हैं। ऐसा हम लोगों ने हमारे बुजुर्गो से कहानी के रूप में सुना है। लेकिन हमारे देश के बुजुर्गो की बातों का प्रचार-प्रसार विदेशी लोगों के द्वारा भी किया जाता है। पानी प्रयोग नामक एक लेख जापनीज सिकनेस एसोसिएशन की ओर से प्रकाशित हुआ था।

उसमें बताया गया था कि जो इस प्रकार पानी का प्रयोग रोजाना करते हैं उन्हें बहुत बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। जैसे कि मधुमेह, ब्लडप्रेशर, रक्त की कमी, जोड़ों का दर्द, हृदय रोग, मोटापा, लीवर के रोग, गुर्दे के रोग, सिर दर्द,आंखों की बीमारियों, दांतों के रोग, कैंसर, नाक, कान व गले के रोग आदि।कहने का मतलब कि प्रत्येक बीमारी दूर हो सकती है।

इसके अलावा जापान की एक मशहूर कंपनी Enagic का केंगेन वाटर भारत में बहुत प्रचलित हो रहा हैं। विश्व और भारत के मशहूर नेता, अभिनेता, खिलाडी जैसे बराक ओबामा, बिल गेट्स और विश्व के टॉप एथलीट इसका उपयोग करते है। केंगेन पानी एल्कलाइन होता हैं जो हमारे शरीर में एसिडिटी के स्तर को नियंत्रित करता हैं। जो हमारे पाचन क्रिया को बेहतर बनाता हैं क्योकि यह पानी क्षारीय होता है और इसका PH मान 9.5 तक होता है और जो शरीर में कैंसर, कोलेस्ट्रॉल आदि गंभीर बीमारियों के होने की सम्भावना को बहुत ही कम कर देता हैं।

मनुष्य का शरीर अपने नियमित दिनचर्या के अनुसार अपने भोजन के द्वारा ORP (ऑक्सीडेशन रिडक्शन पोटेंशियल यानि ऑक्सीकरण में कमी की संभावना) दूर करता हैं। ये OPR यानि हमें शरीर में जल्दी से नए टिश्यू का निर्माण करती है। आसान शब्दों में कहा जाये तो यह मनुष्य की बुढा होने की प्रक्रिया को धीरे करती है। जिससे आदमी अधिक उम्र में भी जवान दिखता हैं। सामान्य भोजन और जूस में -100 ORP होते हैं। परन्तु केंजेन वाटर में – 400 ORP होते हैं। इस पानी में एंटी ओक्सिडेंट, एल्कलाइन और माइक्रो क्लस्टर्स का गुण होते है जो शरीर की चमक बनाये रखते है इससे 50 वर्ष का व्यक्ति भी 30 वर्ष का लगता है।

पानी के फायदे

दोस्तों यह आवश्यक तो नही है कि हम तभी इस तरह के प्रयोग शुरू करें जब हम किसी बीमारी के शिकार हो जाएं? हम बीमार ही क्यों पड़े? اسرار ماكينة القمار अगर इस तरह के प्रश्न आपके मन आते हैं तो आज से ही पानी का प्रयोग शुरू करें। पानी पीने से शरीर को आरोग्यता मिलती है,तंदुरुस्ती आती है,लाल रक्त कोशिकाओं का विकास तेज होता है,इम्युनिटी पॉवर मजबूत होता है,पाचन अंग बेहतर हाइड्रेटेड होते हैं,

आंतों में फंसे पुराने अपशिष्ट शरीर से बाहर निकल जाते है कब्ज, पेट में जलन, मोटापा, उच्च रक्तचाप, अर्श, ज्वर, लू लगना, सुजाक, पेशाब की बीमारियां और हृदय की धड़कन, त्वचा पर मुहांसे, रूखापन, झुर्रिया, शरीर में मौजूद टोक्सिन्स, लू नहीं लगना, बालो की समस्या आदि बीमारियों से बचे रहते है। पानी बीमारियों को दूर नहीं भगाता बल्कि पानी पीने का तरीका ही बीमारियों से छुटकारा दिलाता है। पानी को एक साथ नहीं बल्कि धीरे-धीरे घूंट-घूंट कर पीना चाहिए ताकि शरीर के तापमान के अनुसार वह पेट में पहुंच सके।

एक मां अगर शिशु को दूध पिलाने से 15 मिनट पहले यदि गिलास पानी पी लें, फिर अपना दूध शिशु को पिलाये तो इस तरह दूध पिलाने से दूध शीघ्र पच जाता है और बच्चों को दस्त आदि नहीं आते। अगर आंकड़ों की मानें, तो पीने के पानी में 2,100 विषैले तत्व मौजूद होते हैं। ऐसे में अच्छा यही होगा कि पानी का इस्तेमाल करने से पहले इसे पूरी तरह से शुद्ध कर लिया जाए

पानी को शुद्ध करने के प्राकृतिक तरीकेWater purification

गंदे पानी को साफ करने के लिए कई प्राकृतिक उपाय होते हैं और इन सारे तरीकों में से सबसे खास तरीका है

एंजाइम के द्वारा– एंजाइम को बनाने के आपको एक हवा बंद डिब्बा या बोतल लेनी है अब उसमे एक लीटर पानी लेकर 300 ग्राम सब्जियों के छिलके और 100 ग्राम गुड लेकर सबको बोतल में डालकर बंद कर देना है बोतल को बंद करने पर गैस बनेगी उस गैस को पहले महीने में रोज निकलना है पर ढक्कन को पूरा नहीं खोलना है बस ढीला करके गैस निकाल देनी है दुसरे महीने में हर सात दिन में और तीसरे महीने में हर 15 दिन में गैस निकालनी है और 90 दिन में आपका एंजाइम तैयार हो जाएगा याद रखे इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए आपको इसका अनुपात का ध्यान रखना है

10:3:1 यानि पानी 1000 ग्राम सब्जी के छिलके 300 ग्राम गुड 100 ग्राम और अधिक बनाने के लिए 10 लीटर पानी 3 किलो सब्जी के छिलके और 1 किलो गुड यह तैयार होने बाद 1 लीटर अशुद्ध पानी में 10 ml डालने से नाली का पानी का भी पीने योग्य शुद्ध हो जाएगा। इसके अलावा अग्नि होत्र भस्म से भी पानी शुद्ध हो जाता है एक मटकी पानी में एक चुटकी अग्निहोत्र भस्म मिलाने से पानी शुद्ध हो जाता है। गाय के गोबर के दबा-दबा कर कंडे बना लें और इसको बनाते समय इसमें एलोवेरा मिला लें। कंडे सूखने के बाद इसको पानी में डालने से वह पानी की सारी अशुद्धियाँ सोख लेता है।

कितने टीडीएस तक का पानी पी सकते है

पानी की टीडीएस अगर 350 हो तो यह पीने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है वैसे अगर पानी 200 से 500 टीडीएस तक की रेंज का बढिया होता है और 900 से 1000 टीडीएस तक का पानी पिया जा सकता है पानी 100 से कम टीडीएस का नहीं पीना चाहिए क्योकि यह अधिक हाइपर टोनिक होता है जिससे हमारे शरीर का होम्योस्टासिस को गड़बड़ कर देता है जिससे कई बीमारियाँ हो सकती है।

आरओ का पानी का टीडीएस कितना होता है

आरओ से फिल्टर्ड पानी में 18 से 25 पीपीएम टीडीएस मिल रहा है जो काफी कम है। इसे ठीक नहीं माना जा सकता। यह शरीर के लिए नुकसानदायक है इससे शरीर में कई तरह के मिनरल नहीं मिल पाते। आरओ पानी से सूक्ष्म पोषक तत्व भी निकाल देता है। इन तत्वों के निकलते ही पानी की पीएच वैल्यू गिर जाती है यानी पानी फिर एसिडिक बन जाता है। पीएच का स्केल 0-14 के बीच होता है। पीएच वेल्यू 7 से नीचे होने पर पानी ऐसिडिक होता है। 7 से ऊपर होने पर पानी अल्केलाइन होता है। हमारा शरीर 97 फीसदी तक अल्केलाइन है। पीने लायक पानी का पीएच वैल्यू 6.5 से 8.5 के बीच होना चाहिए।

आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने का सही तरीका –

1. जिस तरह से हम बैठ कर खाना खाते है, उसी प्रकार हमेशा बैठें और फिर पानी पिएं।

2. एक ही बार में पूरा गिलास पानी नहीं पीना चाहिए। पानी को गर्म चाय की तरह एक एक घूँट लेकर पीना चाहिए।

3. जब बात पानी के तापमान की आती है, तब पहली वरीयता गर्म/गुनगुने पानी को देनी चाहिए। हालांकि,आप कमरे के तापमान वाला पानी भी पी सकते हैं किंतु ठंडा या बर्फ वाला पानी पीने से बचें। ठंडा पानी पीने से शरीर के कुछ अंगों में रक्त नहीं पहुँचता है।

4. भोजन के पहले या बाद बहुत अधिक पानी ना पिएं। आप भोजन के बीच में पानी के छोटे घूंट ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें भोजन के समय ज़्यादा पानी पीने से पेट में पाचन के लिए पर्याप्त जगह नही रहती है, जिससे भोजन अच्छी तरह से पच नही पाता है।

5. हमेशा याद रखें कि आपका पेट 50% भोजन के साथ, 25% पानी के साथ और शेष 25% पाचक रस के साथ भरा होना चाहिए।

6. प्यास शरीर की एक प्राकृतिक आवश्यकता है और आपको इसे नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। पानी पिएं, जब भी आपको प्यास लगे।

7. मूत्र भी एक संकेतक है जिससे हमें पता चल सकता है कि हमारा शरीर हाइड्रेटेड है या नहीं। अगर आपका मूत्र पीले रंग का है, तो आपको ज़्यादा पानी पीने की ज़रूरत है, क्योंकि यह निर्जलीकरण का एक संकेत है।

8. सूखे होंठ निर्जलीकरण का एक और संकेत हैं। इसलिए अगर आपके होंठ सूखे हैं, तो आपको तुरंत पानी पीना शुरू कर देना चाहिए।

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आयुर्वेद का मानना है कि सबसे उत्तम पानी है बारिश का पानी। तो अगर आप बारिश का पानी इक्कट्ठा कर लें और साल भर पीयें तो आपसे भाग्यशाली कोई और नही होगा। अंडर ग्राउंड टैंक बनाकर इसमें पानी इकट्ठा कर लें। बारिश के पानी का कोई एक्सपायरी डेट नहीं है। अगर अंडर ग्राउंड टैंक में आपने पानी जमा कर लिया तो ये पानी आप 2 साल से 3 साल तक पी सकते हैं जो की अमृत के सामान काम करता है। लेकिन पहली बारिश को छोड़कर बाद में इकट्ठा करें।

क्योकि पहली बारिश प्रदूषण,धुल और अशुद्धियों से भरी होती है दूसरा पानी जो सबसे अच्छा माना जाता है उसको नदियों का पानी कहा जाता है। वह नदियां जो ग्लेशियर से जुड़ी होती है जैसे की गंगा नदी। क्योंकी ग्लेशियर की बर्फ जमती है फिर पिघलती है और फिर उससे पानी बनकर नदियों में जाता है। इसलिए ये पानी भी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। तीसरा सबसे अच्छा पानी होता है तालाबो का पानी इसको उबालकर पियें। चौथा अच्छा पानी होता है बोरिंग का जो बारिश के पानी को ही रिचार्ज करके बोरिंग में आता है।

पांचवां पानी होता है म्युनिसिपल कारपोरेशन (आरओ) का जो आप पीते हैं अब आप जरा सोच लीजिए आरओ का पानी सबसे लास्ट में है यानी की बाकि पानी में से सबसे खराब पानी होता है जिसके 90% मिनरल फ़िल्टर के जरिये निकल जाते है। जिसके कारण शरीर में उन मिनरल्स की कमी हो जाती है और इसमें बोतलबंद पानी तो सबसे ज्यादा नुकसानदायक है। प्लास्टिक की होने के कारण यह एक खतरनाक केमिकल रिलीज करती है जिससे कैंसर भी हो सकता है कृपया इस पानी का सेवन कम से कम करें। धन्यवाद

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