शीशम का पेड़ (Rosewood tree benefits) अद्धभुद औषधीय गुणों से भरा पेड़ हैं, हम इससे कई बड़े-बड़े रोगों को ठीक कर सकते हैं, शीशम के पत्तो में वो गुण पाए जाते हैं
जो गंभीर बीमारियों से निजात दिलाते हैं, शीशम का पेड़ कई जगह बाग़-बगीचों में पाया जाता हैं
या सड़कों के किनारे भी कई शीशम के पेड़ होते हैं,शीशम के पेड़ का आकार मध्यम से लेकर बडे तक हो सकता हैं और ये पेड़ भारत में पाया जाता हैं इसका वैज्ञानिक नाम डैल्बर्जिया सिसो (Dalbergia Siso) हैं जो कि फैबेसी (Fabasi) फैमिली से ताल्लुक रखता हैं। इसमें एनेलजेसिक, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एमिनोएसिड, फ्लेवोनॉयड, फेनोलिक कंपाउंट, डायजेस्टिव, ओस्ट्रोजेनिक, थर्मोजेनिक,एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं इसे अंग्रेजी में इंडियन रोजवुड के नाम से भी जाना जाता हैं इस पेड़ की छाल, पत्तियाँ, जड़ गुदे आदि का इस्तेमाल कई रोगों में काम में लिया जाता हैं। प्रकृति ने नियमित रूप से हमें ऐसी अद्धभूद चीजे दी हैं इस दुनिया में कई ऐसी अद्धभूद चीजे देखने को मिलती हैं। प्रकृति ने इस पृथ्वी पर जल,जमीन और जंगल दिए हैं। सभी का अपना-अपना महत्व हैं। जहाँ जमीन पर रहनें का काम होता हैं वहीं जल से व्यक्ति अपनी प्यास बुझाता हैं। जंगलों का भी कम महत्व नहीं हैं जंगलों की सहायता से ही शुद्ध वायु प्राप्त होती हैं जो जीवन जीने के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक होता हैं आज के समय में बढ़ते प्रदुषण की वजह से लगातार जंगल कम होते जा रहे हैं इनमें से कुछ पौधे अपने औषधीय गुणों की वजह से जाने जाते हैं इसी तरह से शीशम का पेड़ हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर हैं इसी के बारे में हम आपको ये जानकारी पोस्ट के द्वारा दे रहें हैं - इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती हैं शायद आपके घर में भी फर्नीचर बनाने के काम में ली होगी। शीशम की लकड़ी, शीशम के पत्ते,और शीशम के तेल के इस्तेमाल से क्या-क्या फायदे लिए जा सकते हैं शायद ही कोई व्यक्ति जानता होगा। पेट की जलन - पेट की जलन को दूर करने के लिए आप शीशम के कोमल -कोमल पत्तो को मिक्सी में पीसकर इसका जूस बनाएँ और इसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर नियमित सेवन करें कुछ ही दिनों में आप के पेट की जलन समाप्त हो जायेगी। शीशम के पत्ते से कैंसर का इलाज - हमारा शरीर कई प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना हैं जैसे -जैसे शरीर को इनकी जरूरत होती हैं वैसे -वैसे ये कोशिकाएं नियन्त्रण रूप से विभाजित और बढ़ती रहती हैं लेकिन कई बार ऐसा होता हैं कि शरीर को इन कोशिकाओं की जरूरत नहीं होती हैं, फिर भी इनका बढ़ना जारी रहता हैं,कोशिकाओं की ये असामान्य विकास कैंसर कहलाता हैं कैंसर सेल्स जैसे-जैसे बढ़ती हैं और गुणा होती हैं वैसे ही होकर पुरे कैंसर सेल्स एक जगह बोड़ी समूह का रूप ले लेती हैं जो ट्यूमर कहलाता हैं,यह ट्यूमर आस- पास के उतकों पर हमला करता हैं,और उन्हें नष्ट करता हैं,ट्यूमर कैंसरस या नॉन कैंसरस हो सकते हैं, कैंसर सेल्स एक जगह से शुरू होकर पुरे बोडी (मेटास्टाजेज) में फैल सकती हैं,शीशम के पेड़ के पत्ते भी कैंसर की बिमारी को दूर कर सकते हैं इसके लिए कैंसरग्रस्त इंसान को शीशम के पत्तो का रस बना के 15 दिनों तक नियमित सुबह 4.5 शीशम के कोमल पत्तो को खाना चाहिए यदि आप नियमित रूप से ऐसा करेंगें तो आपके कैंसर का असर काफी हद तक कम हो जायेगा। इसका कारण ये हैं की शीशम के पत्तों में ऐसे दुर्लभ तत्वों की मौजूदगी होती हैं जिसकी वजह से कैंसर की बिमारी दूर हो सकती हैं मूत्र सम्बन्धी रोग मे - शीशम औषधीय गुणों का भंडार हैं शीशम के पत्तो का 20 से 30 ML जूस का काढ़ा बनाकर दिन में तीन बार लेने से मूत्र सम्बन्धी रोग दूर होते हैं जैसे की रुका हुआ पेशाब खुलकर आना पेशाब में जलन होना, पेशाब द्वार में दर्द होना,मूत्र सम्बन्धी रोग सारे दूर होते हैं। एनीमिया को दूर करता हैं - शरीर में खून की कमी हो जाने को एनीमिया कहते हैं इस समस्या के लिए शीशम के पत्तो के रस का सेवन किया जाता हैं इस बिमारी की वजह से शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती हैं, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता हैं। और आपको थकान या कमजोरी जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता हैं वो इससे दूर हो जाता हैं। गोनारिया से छुटकारा - गोनारिया एक सेक्शुअल ट्रांमिटीड इंफेक्शन हैं, जो की बैक्टीरिया के कारण होता हैं गोनारिया पुरुष और महिला दोनों को अपना शिकार बना सकता हैं। जिससे पेनिस या वजायना से असामान्य डिस्वार्ज या पेशाब करते समय दर्द हो सकता हैं। पुरषों में इस समस्या की वजह से टेस्टीकल्स में दर्द हो सकता हैं और महिलाओं को इसकी वजह से पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता हैं। लेकिन इस समस्या के इलाज के लिए आप शीशम के पत्तो का इस्तेमाल कर सकते हैं। शीशम के 10 से 15 कोमल-कोमल पत्ते रोज सुबह खाली पेट नियमित रूप से सेवन करें गोनारिया से छुटकारा मिल जाएगा।