16 unique benefits of Peepal tree

पीपल के पेड़ के 16 अनोखे फायदे (16 unique benefits of Peepal tree)

पीपल के पेड़ के 16 अनोखे फायदे (16 unique benefits of Peepal tree) पवित्र पीपल को सदियों से हिन्दू पारम्पारिक मान्यताओं द्वारा पूजा जाता हैं पीपल भगवान विष्णु का वरदान हैं,जो कोई शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की श्रद्धा भाव से पूजा करता हैं, उस पर लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती हैं,

और उस प्राणी के द्वारा पूर्व जन्म में किये हुए और अंजान में हुए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं,शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनिदेव के दोष दूर होते हैं शनिदेव की कृपा प्राप्त होती हैं। इसलिए ही तो शनिवार के दिन ज्योतिष तेल का दिया जलाने की बोलते हैं,पर ध्यान रहे की रविवार के दिन इसकी पूजा नहीं करें। और इस पेड़ को काटना भी नहीं चाहिए पीपल को काटने वाले के घर की सुख-समृद्धि नष्ट हो जाती हैं और ऐसे घर में कभी भी लक्ष्मी नहीं ठहरती हैं,

और उसे शनिदेव के कोप से कोई नहीं बचा सकता हैं, इसलिए ध्यान रहे पीपल के पेड़ को काटना नहीं हैं और जो इस पवित्र पीपल के वृक्ष को लगाता हैं उसे पितृ मोक्ष की प्राप्ति मिलती हैं। लेकिन पीपल धार्मिक मान्यता के अलावा और भी लाभ देता हैं भारतीय जड़ी बूटियाँ अपने गुणों में अद्भुत हैं इनमें तथा पेड़- पौधों में परमात्मा ने दिव्य शक्तियाँ भर दी हैं,भारतीय वन सम्पदा के गुणों और रहस्यों को जानकर विश्व आश्चर्यचकित रह जाता हैं

भारतीय जड़ी बूटियों से मनुष्य का कायाकल्प हो सकता हैं खोया हुआ स्वास्थ्य और यौवन पुन: लौट सकता हैं,भयंकर से भयंकर रोगों से छुटकारा पाया जा सकता हैं तथा आयु को लम्बा किया जा सकता हैं। आवश्यकता हैं इनके गुणों का मनन-चिंतन कर इनके उचित उपयोग की पीपल के वृक्षों में अनेक औषधीय गुण हैं तथा इनके औषधीय गुणों को बहुत कम लोग जानते हैं। जो गुणी होता हैं लोग उसका आदर करते ही हैं, पीपल के वृक्षों को पूजते हैं भारत में उपलब्ध विविध वृक्षों में जितना अधिक धार्मिक एवं औषधीय महत्व पीपल का हैं

अन्य वृक्ष का नहीं हैं यही नहीं पीपल निरंतर दूषित गैसों का विषपान करता रहता हैं पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी वृक्षों में सर्वोतम माना जाता हैं पीपल की प्राणवायु यानी ऑक्सीजन को शुद्ध करने वाले वृक्षों में सर्वोतम हैं, पीपल ही एक ऐसा वृक्ष हैं जो चौबीसों घंटे ऑक्सीजन देता हैं जबकि अन्य वृक्ष रात को कार्बन-डाई आक्साइड या नाइट्रोजन छोड़ते हैं,इस वृक्ष का सबसे बड़ा उपयोग पर्यावरण प्रदुषण को दूर करने में किया जाता हैं, क्योंकि यह प्राणवायु प्रदान कर वायुमंडल को शुद्ध करता हैं और इसी गुणवत्ता के कारण भारतीय शास्त्रों ने इस वृक्ष को सम्मान दिया हैं।

पीपल के जितने ज्यादे वृक्ष होंगे,वायुमंडल उतना ही ज्यादा शुद्ध होगा,और पीपल के नीचे ली हुई साँस ताजगी प्रदान करती हैं बुद्धि तेज करती हैं पीपल के निचे रहने वाले लोग बुद्धिमान,निरोगी और दीर्घायु होते हैं,भारत में उगने वाला ये पवित्र पीपल का पेड़ ओषधीय गुणों का भंडार हैं,यह पेड़ कई प्रकार की बीमारियों का नाश करता हैं कई तरह के औषधिय गुणों से भरपूर हैं,इसके चमत्कारी लाभ हैं जो हमें पता ही नहीं हैं,ऐसे अद्धभूद चमत्कार हैं पीपल के! वैसे तो सूर्य अस्त से बाद कोई भी पेड़ के पत्ते तोड़ना वर्जित हैं

क्यूंकि सूर्य ढलने के बाद पौधों की नेगटिव एनर्जी शुरू हो जाती हैं,इसलिए ही तो रात को पेड़ के पत्ते तोड़ना पाप माना जाता है,दुनिया का सबसे पहला पेड़ हैं जिसकी रात को भी पोजिटिव एनर्जी आती हैं, वो पीपल हैं इतना गुणकारी हैं ये पेड़! इससे मानसिक रोगी और भयंकर डिप्रेशन भी दूर होता हैं जिसको भी मानसिक रोग हो उस व्यक्ति को इस पेड़ के निचे बिठा दीजिए रोज 15 या 20 मिनट और पाँच या सात दिन बाद वो ठीक हो जायेगा इस को खुद अनुभव करके देख सकते हैं,की कितने अद्धभूद लाभ हैं

इस पेड़ के और इसके गुण गाए जितने ही कम हैं इस पेड़ को लगाना चाहिए और इसकी पूजा करनी चाहिए इसी से हमें आशीर्वाद मिलता हैं साथ ही हमारी बिमारियाँ भी दूर होती हैं इसके पत्ते,फल,टहनी,बीज,छाल,ओर इसकी जड़,सब बड़े काम की चीज हैं, यह बाते हमें पता नहीं हैं हमारे पूर्वज कहते हैं हम इसे ध्यान में रखते हुए इस चीजों का उल्लेख कर रहे हैं पर ध्यान रहे की पीपल असली हो क्यूंकि आजकल नकली पौधे भी आते हैं उससे आपको लाभ नहीं मिलने वाला पूर्ण लाभ के लिए हमें पीपल असली चाहिए जब ही सारे लाभ पा सकेंगें।

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पीपल के पेड़ के फायदें -16 unique benefits of Peepal tree

(1) (अस्थमा) पीपल के सूखे पत्ते लेकर उसे कूट पीसकर बारीक पाउडर बना ले और उसे पुराने गुड़ के साथ या शहद के साथ ले आधा चम्मच पीपल के पत्तो का पाउडर और गुड़ या शहद के साथ लें पुराने से पुराना दमा ठीक हो जायेगा।

(2) पीपल की छाल और पके हुए फलों का अलग-अलग पाउडर बनाकर उसे समान मात्रा में मिला लें इस मिश्रण को दिन में तीन बार खाने से भी (अस्थमा) के रोग से छुटकारा मिलता हैं।(कोलेस्ट्रोल का स्तर कम करता हैं)

कोलेस्ट्रोल को कम करने में भी पीपल काफी फायदेमंद हैं पीपल के पके हुए फल के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रोल नियंत्रित रहता हैं,(2) पीपल के तीन पत्ते और तीन अमरुद के पत्ते और तीन आम के पत्ते लें और एक पेस्ट बना लें इसे सुबह खाली पेट चबा लें यह आपके शरीर के रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और मधुमेह में बहुत प्रभारी हैं।
(ह्रदय रोग) दिल के कई प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए पीपल का पेड़ बहुत फायदेमंद होता हैं

इसके उपयोग के लिए पीपल की 15 ताज़ी हरी पत्तियों को 1 गिलास पानी में अच्छी तरह से उबालें, पानी को तब तक उबाले जब तक पानी 1 /3 न हो जाए अब पानी को ठंडा करके छान लें इस काढ़े की तीन खुराक बना लें इस काढ़े को सुबह हर 3 घंटें बाद लें ऐसा करने से यदि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आया होता हैं तो उसका ह्रदय फिर से स्वस्थ हो जाता हैं और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना कम होती हैं।
(चर्म रोग)

(1) पीपल की छाल चर्म रोगों में अत्यंत लाभकारी हैं,पीपल की छाल की राख बनाकर उसमें चूना और देशी गाय का घी मिलाकर खरल में अच्छी तरह पीसकर नियमित तरीके से लेप करें,चर्म रोग ठीक हो जायेगा।

(2) पीपल के पत्तो को पानी में उबालकर उसके काढ़े से नहाने से त्वचा के अनेक रोग दूर हो जाते हैं,और पीपल की कोमल कोपलें मुलायम पत्तियां) खाने से खुजली और त्वचा पर फैलने वाले चर्मरोग (चमड़ी के रोग) दूर हो जाते हैं, इसका 40 मिलीलीटर काढा बनाकर पीने से भी यही लाभ होता हैं।

(3) पीपल, हरड, पुरानी खल,सरसों सहजन की छाल और नीम की छाल को बराबर मात्रा में लेकर एक साथ पीसकर चूर्ण बना लें,इस चूर्ण को गाय के गौमूत्र में मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा के सारे रोग समाप्त हो जाते हैं।

(3) (खून साफ़ होना) 1-2 ग्राम पीपल के बीजों का पाउडर बनाकर पाउडर को शहद में मिलाकर रोजाना दो बार खाने से खून साफ़ होता हैं।

(4) (गैस और कब्ज) पीपल के पत्तो का प्रयोग कब्ज या गैस की समस्या में दवा के तौर पर किया जाता हैं इसे पित्तनाशक भी माना जाता हैं इसलिए पेट की समस्याओं में इसका प्रयोग लाभप्रद होता हैं, पीपल के ताजे पत्तों का रस निकालकर सुबह-शाम एक चम्मच पिने से पित्तरोग के साथ सारी समस्याएं समाप्त होता हैं।

(5) (दांत मजबूत) पीपल की ताज़ी टहनी से रोज दातुन करने से दांत मजबूत होते हैं,इससे बैक्टेरिया खत्म होते हैं और मसूड़ों की सूजन भी कम होती हैं और जो मुहँ में आने वाली दुर्गन्ध हैं वो भी खत्म हो जाती हैं,इसके अलावा 10 ग्राम पीपल की छाल, कत्था और 2 ग्राम काली मिर्च को बारीक पीसकर बनाए गए मंजन का प्रयोग करने से भी दाँतों की सारी समस्याएँ समाप्त हो जाती हैं।

(6) (स्मरण शक्ति) स्मरण शक्ति के लिए पीपल के ताजे पत्तों को 500 ग्राम (देशी) गाय दूध में अच्छी तरह उबालकर इसमें पर्याप्त मात्रा में मिश्री मिलाकर सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती हैं।

(त्वचा के लिए) त्वचा का रंग निखारने के लिए भी पीपल की छाल का लेप या इसके पत्तो का प्रयोग किया जा सकता हैं, इसके अलावा यह त्वचा की झुरियों को कम करने में भी मदद करता हैं, पीपल की ताज़ी जड़ को भिगोकर त्वचा पर इसका लेप करने से झुर्रियां कम होने लगती हैं।

(तनाव कम करें) पीपल एंटीओक्सिडेंट से भरपूर होता हैं इसके कोमल पत्तों को नियमित रूप से चबाने पर तनाव में कमी होती हैं, और बढ़ती उम्र का असर भी कम होता हैं।
पुरषों के रोग (वीर्य वृद्धि) वीर्य बढ़ाने में पीपल की भूमिका अच्छी साबित होती हैं, इसके लिए आप पीपल के लगने वाले फल को जब फल सुख जाए उसे अच्छी तरह से पिस लें और इसे हल्का सेक ले और एक गिलास दूध में एक चम्मच चूर्ण मिलाकर पी जाए इससे वीर्य में अचानक वृद्धि होगी।

(विष का प्रभाव) किसी जहरीले जीव-जन्तु द्वारा काट लेने पर अगर समय पर कोई चिकित्सक मौजूद नहीं हो, जब पीपल के पत्ते का रस थोड़ी-थोड़ी देर में पिलाने पर विष का असर कम होने लगता हैं।

(पीलिया) पीलिया हो जाने पर पीपल के जो पहले आते हैं नए-नए पत्ते थोड़े कच्चे होते हैं 4-5 पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर बनाएँ गए शरबत को पीना हैं ये पीलिये में बेहद फायदेमंद होता हैं इसे 4 -5 दिन नियमित रूप से दिन में दो बार देना हैं।

(बांझपन) जिन महिलाओं के गर्भधारण नहीं होता हैं उसके लिए पीपल का इस्तेमाल बहुत ही अच्छा साबित होता हैं पीपल की पत्तो को (देशी)गाय के ताजे दूध में उबालकर पिने से गर्भाशय शुद्ध होता हैं और गर्भ धारण करने में सरलता होती हैं, यह प्रयोग सेक्स के 5 या 6 दिन पहले से ही अपनाना शुरू कर दें, हर रोज नए पत्ते का इस्तेमाल करें। (2) मासिक धर्म खत्म होने के बाद 1-2 ग्राम पीपल के सूखे फल के चूर्ण को कच्चे दूध के साथ पीएं 15 दिन तक नियमित दें इससे महिला का बांझपन मिटता हैं।

(ल्यूकोरिया) पीपल के फल को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर देशी गाय के दूध के साथ नियमित लें ल्यूकोरिया से छुटकारा मिल जाएगा।

(अधिक प्यास लगना) पीपल की 50-100 ग्राम छाल के कोयलों को पानी में बुझा लें इस पानी को साफ़ कर पिलाने से हिचकी की समस्या,उलटी और अत्यधिक प्यास लगने की समस्या में लाभ होता हैं।

(भूख बढ़ाने के लिए) अगर आपको भूख कम लगती हैं तो पीपल के वृक्ष लाभ इस समस्या में लें सकते हैं, पीपल के पके फलों के सेवन से कफ, पित्त, रक्तदोष,वित्त दोष,जलन उल्टी, तथा भूख की कमी की समस्या ठीक होती हैं।

(जुकाम) सर्दी-जुकाम जैसी समस्या में भी पीपल लाभदायक होता हैं, पीपल के पत्तों को छाव में सुखाकर मिश्री के साथ इसका काढा बनाकर पिने से आराम मिलता हैं इससे जुकाम जल्दी ठीक होने में मदद मिलती हैं।

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