अगर आप घमौरिया की समस्या(prickly heat) से परेशान हैं, तो यह 5 सरल उपाय
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घमौरियां की समस्या (prickly heat)-
गर्मियों में तेज धूप के कारण घमौरिया (prickly heat) होना एक आम समस्या है. लेकिन इन चुभती घमौरियों(prickly heat) पर तेज गर्मी के कारण से बहता पसीना बेहद कष्टदायी हो जाता है और अगर इसमें खुजली हो तो यह बहुत तकलीफ देता है घमौरिया होने पर शरीर में बेहद जलन और खुजली होती है। ज्यादातर यह घमौरिया पेट, गले और पीठ पर ही होता है।
घमौरिया को मिलियारिया रुब्रा भी कहते है। यह एक प्रकार के छोटे रैश होते हैं, जो रंग में लाल के दिखते है। गर्मियों में अक्सर धूल मिट्टी की वजह से पसीना निकलने वाली ग्रन्थियों का मुंह बन्द हो जाता है। जिससे फिर पसीना त्वचा में मौजूद मृत कोशिकाएं और बैक्टीरिया के साथ स्वेद ग्रंथि को भी बंद कर देता है.
जिसकी वजह से हमारे शरीर पर छोटे-छोटे लाल दाने निकल जाते हैं। इन दानों में खुजली व जलन होती है और इसे ही सामान्य भाषा में हम इसे घमौरिया कहते है। घमौरिया में त्वचा के कुछ हिस्सों में सुई की तरह चुभन महसूस होती है। इसमें बहुत खुजली हो सकती है, लेकिन यह खतरनाक नहीं होता।
यह सामान्यत: शरीर के उन अंगो में अधिक होता है, जो कपड़ों से ढ़के रहते हैं, जैसे की पीठ, पेट, गर्दन, छाती का ऊपरी भाग, पेट व जांघ के बीच का भाग या बगल में होती है। आमतौर पर घमोरिया त्वचा के ठन्डे होने के बाद अपने आप ठीक हो जाती है। घमौरियां ज़्यादातर गर्म व उमस वाली स्थितियों में अधिक होती हैं। शिशुओं और छोटे बच्चो में यह अधिक होती है।
तथा बुखार से ग्रस्त बिस्तर पर रहने वाले लोगों को यह होने की अधिक संभावना रहती है। जब आपकी त्वचा के पर धुल-मिटटी की परत जमने से त्वचा के रोम छिद्र अवरुद्ध हो जाते है जिससे आपकी त्वचा में मौजूद पसीना बाहर नहीं निकल पाता है। जिससे घमौरिया होने लगता है। इसमें कुछ प्रकार की घमौरियां कांटेदार या अत्यधिक खुजली वाली हो सकती हैं। घमौरिया से बचने का सबसे अच्छा तरीका है त्वचा को ठंडा रखना और पसीने को कम करना।
घमौरिया होने के कारण-
घमौरियां तब होती हैं, जब आपके पसीना निकलने वाले कुछ रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। पसीना भाप बनने के बजाय, त्वचा के नीचे फंस जाता है, जिससे सूजन और दाने होते हैं।एक नवजात शिशु की पसीने वाली नलिकाएं पूरी तरह से विकसित नहीं होती हैं। इसलिए यह आसानी से अवरुद्ध हो जाती है जिससे त्वचा पर पसीना नहीं आता है। जिससे कारण घमौरिया होता है
खासकर अगर नवजात शिशु को बहुत गर्म कपड़े पहनाए गए हो या उसे बुखार हो तो यह अधिक होता है। ज्यादा एक्सरसाइज करने से, अधिक मेहनत या कोई ऐसा कार्य जिससे पसीना अधिक आता हो तो उससे आपको घमौरियों हो सकता है। सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने पर भी आपको घमौरिया हो सकता है
जो लोग ज्यादा दिनों तक बिस्तर पर ही आराम करते है या उनको बुखार हो तो घमौरियां हो सकती है। सूर्य की किरणों के सीधे संपर्क में आने से घमौरिया हो सकती है।यदि आप अधिक देर तक धुप में रहने से भी आपको घमौरिया हो सकती है।
मौसम में बदलाव की वजह से भी घमौरिया हो सकती है।रोजाना ठीक तरह से अपने शरीर की साफ़-सफाई ना रखने पर भी घमौरिया हो सकती है। ज्यादा टाईट और असहज कपड़े पहनने से भी घमौरिया हो सकती है।
घमौरिया के प्रकार - घमौरिया तीन प्रकार का होता है
1.क्रिस्टलीय घमौरिया - इसमें त्वचा की सतह पर पसीना से भरे छोटे स्पष्ट या सफेद उभार होते हैं। इसमें खुजली या दर्द नहीं होता है। यह बड़ों के तुलना में नवजात शिशुओं में अधिक होता है।
2.रूब्रा घमौरिया -इसमें त्वचा की सतह पर लाल उभार, सूजन और पसीना न आने जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। यह त्वचा की गहरी परतों में होता है इसमें खुजली और जलन दोनों होती है।
3.गहरा घमौरिया -यह हमारी त्वचा की सबसे गहरी परत में होता है यह बार-बार हो जाता है इसमें बड़े, कठोर और मांस के रंग के उभार होते हैं। इसमें सुई जैसी चुभन और दर्द भी होता है।
घमौरिया के लक्षण -
घमौरी होने पर शरीर में लगातार खुजली होती रहती है। शरीर के उस हिस्से में छोटे-छोटे लाल रंग के दाने हो जाते है।
शरीर में जलन होती रहती है।शरीर से पसीना लगातार निकलता रहता है।कपड़ों से भी चुभन सी महसूस होती है। त्वचा पर खुजलीदार लाल धब्बे या दाने आना,पसीना निकलने पर बैचनी होना,काँटेदार चुभन महसूस होना, दर्दनाक अनुभव, इत्यादि।
घमौरिया से बचाव के उपाय -
जितना हो सके गर्मी में ठंडे स्थान पर रहने की कोशिश करे। घमौरिया से बचने के लिए ढीले और पतले हवादार कपड़े पहने। ऐसे कार्य नहीं करें जिनको करने में पसीना अधिक आता है। घमौरिया से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पियें। ऐसे स्थान पर सोयें जहाँ पर अच्छी हवा आती हो घमौरिया से बचने के लिए ठंडे पेयों का सेवन करें जैसे- जूस, शर्बत की ठंडाई आदि पिएं। घमौरिया से बचने के लिए नारियल पानी पीना भी बहुत कारगर है।खाने में फलों को शामिल करे तरबूज, खीरा, पपीता, खरबूज, ककड़ी ऐसे मौसमी फल खाए।
घमौरिया बचने के लिए घरेलू उपचार-
1. मुलतानी मिट्टी - मुलतानी मिट्टी को पानी में डाल दें। और गलने पर लेप तैयार कर लें। और इसे घमौरियों पर लगाएं। इससे आपको ठंडक भी मिलेगी और घमौरियों से भी आराम मिलेगा।
2.नीम- नीम की पत्तियों को पीसकर इसका लेप बना लें। और प्रभावित क्षेत्र पर लगायें। या फिर नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी से नहा लें। इससे जल्दी ही घमौरिया ठीक हो जाएगी।
3.बर्फ - बर्फ को एक कपड़े में लपेट कर घमौरियों वाली जगह पर रगड़े करें। इससे त्वचा को ठंडक मिलेगी और घमौरियां भी कम होने लगेंगी।
4.एलोवेरा - ऐलोवेरा की एक पत्ती लेकर काटकर उसका गुदा निकाल लें।और घमौरियों वाली लगह पर लगाएं और सूखने के बाद इसे धो लें। इससे घमौरियां गायब हो जाएंगी।
5.चंदन - चंदन की लकड़ी को घीसकर उसका लेप तैयार कर लें। यह एक बेहतरीन विकल्प है, जो घमौरियों को दूर कर त्वचा को भी खूबसूरत बनाता है।
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