लकवा (Paralysis)की समस्या -
पैरालिसिस (Paralysis)को आम भाषा में लकवा मारना या पक्षाघात(Paralysis) होना भी कहा जाता है। लकवा मारना मस्तिष्क में होने वाली एक प्रकार की बहुत ही गंभीर तथा चिंताजनक बीमारी है। शरीर के अन्य अंगों की तरह हमारे मस्तिष्क को भी लगातार रक्त आपूर्ति की जरूरत होती है। खून में ऑक्सीजन तथा विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते है
जो हमारे मस्तिष्क को सही रूप से कार्य करने में काफी सहायता करते है। जब हमारे मस्तिष्क में खून की सप्लाई होना बंद हो जाती है, तो एक या अधिक मांसपेशी या समूह की मांसपेशियाँ पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है। तब ऐसी स्थिति को पक्षाघात अथवा लकवा मारना कहा जाता हैं।
यह बीमारी प्रायः अधिक उम्र के बुजुर्ग लोगों में अधिक पाई जाती है। इस बीमारी में शरीर का कोई हिस्सा या आधा शरीर निष्क्रिय व चेतनाहीन होने लगता है। यह बीमारी होने की वजह से व्यक्ति की संवेदना शक्ति खत्म हो जाती है, तथा वह व्यक्ति चलने फिरने उठने तथा शरीर में कुछ भी महसूस करने की क्षमता भी खो देता है। हमारे शरीर के जिस हिस्से के अंगो पर लकवा मारता है, उस हिस्से के अंग काम करना बंद कर देते है।
लेफ्ट साइड में ब्रेन के अंदर स्ट्रोक आने के बीपी के कारण से या कोलेस्ट्रॉल के कारण से ब्रेन में क्लॉट आ जाता हैं। अगर राइट साइड में क्लॉट आ जाता हैं तो लेफ्ट साइड का पैरालिसिस हो जाता हैं और अगर लेफ्ट साइड में क्लॉट आये तो राइट साइड में पैरालिसिस हो जाता हैं। अगर ब्रेन के दोनों तरफ क्लॉट आ जाये तो पुरे शरीर में पैरालिसिस हो जाता हैं। लकवा कभी भी कहीं भी तथा किसी भी शारीरिक हिस्से में हो सकता है। ऐसे कई कारण होते है। जिसकी वजह से लोगों को पैरालिसिस (लकवा) हो सकता है।
किसी भी एक्सीडेंट के होने से, इन्फेक्शन के कारण,रक्त वाहिकाओं के अवरुद्ध हो जाने से तथा ट्यूमर होने की वजह पैरालिसिस होने की संभावना बनी रहती है। जब हमारे मस्तिष्क में खून की सप्लाई नहीं होती तब भी पैरालिसिस जैसी समस्या हो जाती है।
हमारे खून में ऑक्सीजन तथा विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते है जो हमारे मस्तिष्क के सही ढंग से कार्य करने में सहायक होते हैं। जब हमारे मस्तिष्क में सही ढंग खून की सप्लाई नही होती या खून के थक्के जमा हो जाते हैं तब इसकी वजह से पैरालिसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। जब हमारे दिमाग का कोई हिस्सा जो किसी विशेष मांसपेशियों को कंट्रोल करता है, और वह क्षतिग्रस्त हो जाता है, तब भी पैरालिसिस की स्थिति उत्पन्न होने लगती है।
जिन लोगों में हाई ब्लड प्रेशर,डायबिटीज,कोलेस्ट्रॉल अधिक मात्रा में पाया जाता है तथा जिन लोगों के शरीर का वजन बहुत अधिक है, उन लोगों में पैरालिसिस होने का खतरा बना रहता है। रीढ की हड्डी पर चोट लगने से जब हमारा मेरूदंड प्रभावित होता है। तब ऐसी स्थिति में पैरालिसिस हो सकता है।
अन्य कारण - युवावस्था में अत्यधिक संभोग करना, नशीले पदार्थों का सेवन करना, आलस्य की वजह से स्नायविक तंत्र धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, इस रोग के आक्रमण की आशंका भी बढ़ती जाती है। सिर्फ आलसी जीवन जीने से ही नहीं, बल्कि इसके विपरीत अधिक भागदौड़, क्षमता से अधिक मेहनत या व्यायाम करना, अधिक मात्रा में आहार करना आदि कारणों से भी लकवा होने की स्थिति बनती है।