कफ दोष (kapha dosha) दूर करने के रामबाण उपायहमारे शरीर में त्रिदोष यानी तीन दोष होते हैं वात,पित्त और कफ गलत खान-पान की वजह से ये दोष बढ़ता हैं।
कफ दोष क्या हैं - कफ दोष ''पृथ्वी'' और ''जल'' इन दो तत्वों से मिलकर बना हैं। पृथ्वी के कारण कफ दोष में स्थिरता और भारीपन और 'जल' के कारण तैलीय और चिकनाई वाले गुण होते हैं यह दोष शरीर की मजबूती और इम्युनिटी क्षमता बढ़ाने सहायक हैं
कफ दोष का शरीर में मुख्य स्थान पेट और छाती हैं। कफ शरीर को पोषण देने के अलावा बाकी दोनों दोषों (वात और पित्त) को भी नियंत्रित करता हैं,
इसकी कमी होने पर ये दोनों दोष अपने आप ही बढ़ जाते हैं इसलिए शरीर में कफ का संतुलित अवस्था में रहना बहुत ही जरूरी हैं।
अगर आप कफ प्रकृति के हैं तो जान ले की कफ किन-किन चीजों से बढ़ता हैं। लेकिन इससे बचने के लिए आपको ऐसी चीजों को खाने से बचना होगा जो कफ पैदा करती हैं, या कफ को बढाती हैं केवल कफ के बढ़ने से 28 प्रकार के रोग पैदा होते हैं।
अब हमें यह जानना हैं कि कफ किन चीजो से बढ़ता हैं,अगर आपकी प्रकृति कफ हैं तो कफ आपको यह ध्यान में रखना हैं की कफ बढ़ने वाली चीजों का कम से कम सेवन करना हैं। वसायुक्त चीजों के सेवन से कफ बढ़ता हैं, दूध कफ को बढ़ाता हैं
अगर आपकी कफ प्रकृति हैं तो दूध का सेवन कम से कम करें या फिर हल्दी के साथ इसका सेवन करें। मांस कफ को बढ़ाता हैं, मक्खन का सेवन कफ को बढ़ाता हैं, पनीर और दूध से बनी मिठाई कफ को बढाती हैं इसलिए इनका सेवन कम से कम करें।
गलत खानपान के साथ ऋतुओं के बदलने पर भी कफ संबंधित रोग हो जाते हैं,वसंत ऋतु में सांस,और कफ की तकलीफ में राहत के लिए वमन क्रिया कराते हैं। इस क्रिया से पहले स्नेहन और स्वेदन कराते हैं स्नेहन दो प्रकार से करते हैं
इसमें घृत तेल से मालिस की जाती हैं स्वेदन में शरीर से पसीने के माध्यम से विकार निकालने की प्रक्रिया कराते हैं। इसके बाद भाप स्नान कराते हैं। फिर विरेचन क्रिया से शरीर में कफ शोधन कराते हैं। इसके बाद मुलैठी एवं शहद का विशेष काढ़ा पिलाते हैं
मुलैठी एवं शहद का पेय, विशेष काढ़ा भी दिया जाता हैं। और व्यक्ति को उल्टी कराकर वमन क्रिया पूरी करते हैं यह क्रिया खासी, सर्दी, दमा के लक्षण, ज्वर मिचली, भूख की कमी, खून की कमी, चर्म रोग, मिर्गी, त्वचा रोग, एसिडिटी के लिए भी करते हैं
वमन के बाद विश्राम कराते हैं इससे श्वसन क्रिया सुचारू होती हैं और सीने में हल्कापन आता हैं, इस दौरान स्नान, पानी पिने व अन्य कार्यो के लिए गर्म का ही प्रयोग करें साथ ही दिन में सोना और देर रात तक जागना नहीं चाहिए।
कफ बढ़ने के कारण - गलत खान-पान आदतों और स्वभाव की वजह से भी कफ असंतुलित हो जाता हैं,तैलीय पदार्थ, मीठे,खट्टे और चिकनाई वसायुक्त खाद्य पदार्थो का सेवन,मांस मछली का अधिक सेवन करना
तिल से बनी चीजे, गन्ना, दूध, नमक का अधिक सेवन, ठंडी चीजों का अधिक सेवन और फ्रिज का ठंडा पानी पीना, हमेशा आलसी स्वभाव में रहना और व्यायाम ना करना, नमकीन और अधिक मीठी चीजें और कोल्ड ड्रिंक ओवरइटिंग और ज्यादा गरिष्ठ भोजन करने की वजह से भी कफ बढ़ता हैं।
कफ बढ़ जाने के लक्षण - अगर आप का कफ बढ़ गया हैं तो आप हमेशा सुस्ती और आलस से भरे रहंगे और आपको ज्यादा नींद आयेगी, शरीर में भारीपन रहेगा, और त्वचा में सफेदी आ जायेगी मल-मूत्र और पसीने में चिपचिपापन रहेगा,
शरीर में गीलापन महसूस होगा सिरदर्द, सर्दी जुखाम, खासी, भूख न लगना, आँखों और नाक से अधिक गंदगी का स्त्राव, अंगों में ढीलापन, सांस की तकलीफ और खासी आदि लक्षण सामने आते हैं।
कफ की कमी से होने वाले रोग - शरीर में रूखापन,बहुत प्यास लगना,शरीर के अंदर से जलन महसूस होना,फेफड़ों हड्डियों, सिर और में खालीपन महसूस होना,कमजोरी महसूस होना और नींद की कमी।
कफ बढ़ने पर क्या खाएँ - भोजन करने के बाद गुड़ का सेवन फायदेमंद हो सकता हैं, गुड़ की तासीर गर्म होती हैं यह कफ को कम करने के साथ ही पाचन क्रिया को बेहतर बनाता हैं। तुलसी,सौंठ,अदरक और शहद जैसी चीजों का सेवन कफ को कम करने में बहुत फायदेमंद होता हैं।
कफ दूर करने के घरेलू उपाय -
अदरक कफ निकालने का तरीका - (1) यह हैं की अदरक का जूस निकालकर शहद की कुछ बूंदे मिलाकर पीएं, दूध में हल्दी मिलाकर पीना वैसे भी फायदेमंद हैं और यह खासी में भी कारगर हैं, हल्दी का एंटी-बैक्टीरियल गुण आराम दिलाता हैं
सुबह गर्म दूध पीने से कफ दूर होता हैं, और कफ से छुटकारा पाने के लिए भाप बेहद ही बेहतरीन तरीका माना जाता हैं, नाक के जरिये भाप लेने से जमे हुए कफ को पतला करने में मदद मिलती हैं और इस तरीके से कफ आसानी से निकल जाता हैं।
नमक का पानी कफ निकालने का तरीका - (2) गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने से कफ का इलाज करने में मदद मिलती हैं, इसके साथ ही गर्म पानी गले में दर्द और जलन से भी आराम देने का काम करता हैं नमक बैक्टीरिया को मारता हैं
और कफ की समस्या को दूर करता हैं,सबसे पहले एक चोथाई चम्मच नमक को एक गिलास गर्म पानी में मिला लें फिर इस मिश्रण से गरारे करें इस उपाय को पूरे दिन में 7 से 8 बार करें।
नींबू कफ निकालने का उपाय - (3) नींबू कफ को निकालनी के लिए बहुत ही बेहतरीन उपाय हैं। साथ ही नींबू में एंटीबैक्टीरियल और विटामिन सी के गुण मौजूद होते हैं जो संक्रमण को कम करते हैं।
सबसे पहले दो चम्मच नींबू का रस को एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर, उन्हें एक ग्लास गर्म पानी में डाल दें,अब इस मिश्रण को पी जाएँ।अब इस मिश्रण को दिन में तीन बार करें। जिससे आपके गले को आराम मिले और कफ का उत्पादन कम हो।
शहद से कफ निकालने का तरीका - (4) एक चम्मच शहद लें और उसमें एक-एक चुटकी सफेद और काली मिर्च डाल लें। मर्च गले के संक्रमण का इलाज करने में मदद करती हैं,और शहद बलगम से आपको राहत दिलाएगा। इस मिश्रण को पूरे दिन में दो बार कुछ हफ्तों तक करें। इस तरीके से आपका कफ आसानी से निकल जाएगा।
शहद और गर्म पानी से कफ निकालने का तरीका - (5) एक चम्मच शहद लें और उसे एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर पी लें। इस मिश्रण के तरीके को कम से कम दिन में 4 से 5 बार करें, इस तरीके से बी कफ पिघलकर बाहर निकल आयेगा।