दमा को जड़ (treatment of asthma) से खत्म करे ये रामबाण उपाय सोने पर सुहागा वाली कहावत तो आपने सुनी होगी ,लेकिन कभी सूना हैं की 70 प्रकार की बीमारियों पर भारी है सिर्फ सुहागा।
इसलिए यूँ तो सुहागा कई रोगों की दवा हैं पर आपको सिर्फ दमा के बारे में बताया जा रहा हैं (दमा) को जड़ से खत्म करने का रामबाण उपाय सुहागा दमा की बिमारी तो आजकल आम बात हो गई हैं, दमा फुफ्फस (फेफड़ों) पेट, कंठ, नाक, के कई प्रकार के साधारण और जटिल रोगों के ऐसे मामले तो आजकल 90% मिलेंगे।
ये गलत खानपान की वजह से होता हैं,लोग खाने-पीने का ध्यान नहीं रखते उल्टा -सीधा और गलत तरीके की चीजों का सेवन लम्बे समय तक करते हैं,फिर वो पेट के डाइजेसीस सिस्टम को बिगाड़ देता हैं। इसी वजह से तरह-तरह के रोग पैदा होते हैं। इन्ही रोगों में से एक रोग ये भी हैं
(दमा) दमा एक गंभीर समस्या हैं और यह बिमारी कई लोगों को परेशान करती हैं इसी को जड़ से खत्म करने के लिए (सुहागा) ये औषधि किसी चमत्कार से कम नहीं हैं। इसके फायदे बहुत हैं, ये आपके लिए बहुत फायदेमंद होता हैं,ये आपकी परेशानियों को दूर भगाता हैं। इसके गुणकारी असर से कई तरह के रोग ठीक कर सकते हैं।
दमा को ठीक करने के लिए लगभग 75 ग्राम भुना हुआ सुहागा 100 ग्राम शहद में मिला लें इसे सोते समय 1 चम्मच की मात्रा में लेकर चाटने से श्वास रोग (दमा) में बहुत लाभ होता हैं। लेकिन सुहागा काम में लेने से पहले उसे लोहे की कड़ी या लोहे के तवे पर सेक ले सेकने की विधि निचे दी गई हैं -
सुहागा का फूला बनाने की विधि- सुहागे का फूला बनाने के लिए सुहागा शुद्ध करने के लिए सबसे पहले सुहागे को लोहे की कड़ाई या लोहे के तवे पर डालें और तेज आंच पर पकाएं, इतना पकाएं की पिघलने के पश्चात सूख जाएं।
अब ये धीरे-धीरे फूलने लगेगा, फूलने के बीच थोड़े-थोड़े समय बाद लोहे की छुरी से उलट पुलट करते रहे इस प्रकार सारा सुहागा फूल जायेगा। अब इसे बारीक पीसकर किसी शीशी में भरकर रख लें।
कठिन खासी, क्रूप, काली खासी, जीर्ण खासी, की सभी अवस्थाओं में यह सुहागा और मुलहटी का चूर्ण शहद के साथ लेना उत्तम औषधि सिद्ध हुई हैं। भुना हुआ सुहागा आधा ग्राम गर्म पानी से सुबह-शाम लेने से नजला ठीक हो जाता हैं।
सुहागा बच्चों के लिए रामबाण हैं - जुखाम खासी जैसे बाल रोगों की यह विशिष्ट औषधि बच्चों के दमा में और काली खासी में भी लाभप्रद हैं।बच्चे को काली खासी होने पर भुना हुआ सुहागा व वंशलोचन को मिलाकर शहद के साथ रोगी बच्चे को चटाने से काली खासी दूर हो जाती हैं।
दंत निकलते समय शिशु के मसूड़े पर हल्का-हल्का इस महीन चूर्ण को दिन में दो बार मलने से शिशु के दंत आसानी से और बिना किसी उपद्रव के निकल जाते हैं।
सुहागे का फूला और मुलहठी - सुहागे का फूला और मुलहठी को अलग-अलग पकाकर या पीसकर कपड़े में छानकर बारीक चूर्ण बना लें और फिर इन दोनों औषधियों को बराबर मात्रा में मिलाकर किसी शीशी में सुरक्षित रख लें आधा ग्राम से 1 ग्राम तक इस चूर्ण को दिन में 2-3 बार शहद के साथ चाटने से या गर्म पानी के साथ लेने से दमा रोग को रोकने में लाभ मिलता हैं।
बच्चों के लिए लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा या आयु के अनुसार दें। इसका सेवन करने से श्वास (दमा) खासी तथा जुखाम नष्ट हो जाता हैं। इस औषधि का सेवन करते समय दही,केला चावल तथा ठंडे पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए।
सर्दी -जुखाम - सर्दी या जुखाम लगने पर चुटकी भर दवा एक घूंट गर्म पानी में घोलकर दिन में तीन बार पिलाने से एक-दो दिन में ही समाप्त हो जाती हैं। इस योग का मुख्य घटक अकेला सुहागा (फूला हुआ) के बारीक चूर्ण का प्रयोग भी सर्दी-जुखाम में चमत्कारिक फल देने वाला हैं।
आँखों का दर्द - अगर आँखों में तेज दर्द हो तो दर्द के कारण सुकून से बैठना मुश्किल हो जाता हैं,ये दर्द काफी बैचेन करने वाला होता हैं
आँखों का दर्द ठीक करने लिए भुना हुआ सुहागा पीसकर इसे कपड़े से छानकर सलाई से सुबह और शाम आँखों में लगाने से आराम मिलता हैं,और कुछ दिनों तक करने पर आँखों का दर्द पूरी तरह ठीक हो जाता हैं।
सुहागा से चर्म रोग खत्म - अगर आपको किसी भी तरह का चर्म रोग हैं तो आपको यह ध्यान रखना हैं, की सुहागा इसमें बहुत फायदेमंद हैं आपको चर्म रोग के स्थान पर सुहागे का तेल लगाना हैं। यह प्रक्रिया कुछ दिनों तक करने से आपको आराम मिल जाएगा और चर्म रोग खत्म हो जाएगा।