मासिक धर्म (menstrual pain)के दर्द को ठीक करने के रामबाण उपाय

मासिक धर्म (menstrual pain)के दर्द को ठीक करने के रामबाण उपाय

मासिक धर्म(menstrual pain) क्या है

मासिक धर्म(menstrual pain) वह क्रिया है जब बालिका बाल्यावस्था को पार करके युवा वस्था में आ जाती है तो उसमे अनेक प्रकार के परिवर्तन होने लगते है। बालिकाओं में मासिक स्त्राव का होना युवावस्था के आगमन का एक प्रमुख एवं स्पष्ट कारण है। बालिका को जब पहली बार मासिक स्त्राव होता है तो इसे रजोदर्शन कहा जाता है।

इसके पश्चात कई युवतियों को प्रतिमाह नियमित रूप से मासिक स्त्राव होने लगता है और कई को रजोदर्शन के बाद कुछ माह तक स्राव नहीं होता है तथा बाद में आरम्भ हो जाता है। यह एक अनिवार्य प्रक्रिया है। प्रत्येक स्त्री के मास के कुछ विशेष दिनों में रज-डिब (अंडे) अंडाशय से निकलकर डिम्ब नलिकाओं में से किसी एक में आकर स्थिर हो जाता है तथा पुरुष के शुक्राणु की प्रतीक्षा करता है। यदि इन दिनों में समागम न किया जाएँ या शुक्राणु रज-डिम्ब तक न पहुंच सकें तो यह रज डिम्ब(अंडा) गर्भाशय में एकत्रित हो जाता है। दुसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि यदि दोनों का मिलन न हो तो रज-डिम्ब डिम्ब नलिका में से गर्भाशय में आ जाता है जहाँ

यह रक्त में मिलकर मासिक स्त्राव की क्रिया द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है। मासिक-स्त्राव के रक्त का प्रवाह अत्यंत धीमा होता है क्योकिं यह श्लेष्मिक कला (गर्भाशय की झिल्ली) में से होकर आता है यह झिल्ली रक्त को रोक लेती है। तथा मासिक स्त्राव के दिनों में रक्त इनमे से रिस-रिस कर आता है। यही कारण है कि रक्त प्रवाह धीमा होता है। रक्त जब इस झिली में समा जाता है तो वह फुल जाती है और इसके पश्चात पुनः धीरे-धीरे अपनी वास्तविक अवस्था में आ जाती है। अधिकांश स्त्रियों को मासिक स्त्राव चार-पांच दिनों तक चलता रहता है। कई स्त्रियों को छ: से सात दिनों तक मासिक स्त्राव होता है। और कई एक को दो से तीन दिनों तक। यह उनके शारीरिक स्वास्थ्य एवं कई अन्य बातों पर निर्भर करता है।

  • पीरियड्स के दिनों में हमे खट्टे और गरिष्ट भोजन (जो खाना पचाने में आसान ना हो) से बचना चाहिए।
  • तैलीय और मसालेदार चीजें का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • चाय,कॉफी और कोल्डड्रिंक आदि का सेवन करने से बचें।
  • 1 चम्मच धनिया के बीज और दाल चीनी पाउडर लेकर एक कप पानी में उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसमें आधा चम्मच खांड(शुद्ध शक्कर) मिला लें। इस पानी को दिन में 2 बार पियें। इससे भी मासिक धर्म के दर्द से राहत मिलती है।
  • मासिक स्त्राव के दौरान अधिक मेहनत वाले कामों से बचना चाहिए। थकान वाले कार्यो से बचें।
  • पीरियड्स में खाने के साथ में देसी घी जरुर खाएं।
  • सबसे जरूरी, शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

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