Period pain

पीरियड्स के दर्द (Period pain) से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

पीरियड्स के दर्द (Period pain) से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय पीरियड के दर्द को कम करने के लिए कई सरल तरीके है उसे अपनाकर आप अपना दर्द धीरे -धीरे कम करके जड़ से खत्म कर सकते हैं।

पीरियड्स में दर्द क्यों होता हैं ? महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दो तरह का दर्द होता हैं पहले को प्राइमरी डिसमेनोरिया और दूसरे को सेकेंडरी डिसमेनोरिया कहते हैं। प्राइमरी डिसमेनोरिया में महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में दर्द होता हैं, लेकिन यह कोई रोग नहीं हैं यह दर्द तो पीरियड्स होने पर होता हैं और दो से तीन दिन में ठीक हो जाता हैं। यह पेट के निचले हिस्से और जांघो में दर्द होता हैं और अगर गर्भाशय में फाइब्रोयड्स, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजाज या एंडोमेट्रिओसिस जैसी कोई बिमारी हो तो पीरियड्स के दौरान तेज दर्द महसूस होता हैं और इसे ही सेकेंडरी डिसमेनोरिया कहा जाता हैं। पीरियड्स शुरू होने से एक हफ्ते पहले यह दर्द बढ़ जाता हैं और जिनके नोर्मल दर्द होता हैं तो 2 या तीन दिन पहले से शुरू हो जाता हैं। 50%महिलाओं में पीरियड्स के समय दर्द के साथ-साथ कुछ लक्षण भी होते हैं,जैसे कि सूजन आना, स्तन का कोमल हो जाना, पेट में सूजन आना ,एकाग्रता में कमी, चिडचिडापन,अकडन और थकान आना। प्राइमरी पेन के लक्षण - यह दर्द आमतौर पर किशोर लडकियों और युवा महिलाओं को होता हैं क्योंकि यह दर्द पीरियड्स के शुरुआत का संकेत हैं गर्भाशय में खून की कमी के कारण भी दर्द हो सकता हैं,यह दर्द ज्यातर पेट के निचले हिस्से में कमर में और जांघो में भी होता है कुछ महिलाओं में तो चिडचिडापन भी महसूस होता हैं यह एक प्राकृतिक स्थिति हैं और कई महिलाओं को तो बस यह दर्द मामूली लगता हैं क्योंकि उन्हें नोर्मल पेन होता हैं ऐसे दर्द में ज्यादा परेशानी नहीं होती हैं। सेकेंडरी पेन - सेकेंडरी पेन जब तक के महिला की उम्र 20 साल की नहीं हो जाए तब तक तो नही होता हैं जब महिला 20 साल की हो जाती हैं उस के बाद ये दर्द शुरू होता हैं यह दर्द सिर्फ पीरियड्स के महीने तक ही नही रहता यह दर्द पीरियड साइकिल भी बन सकता हैं और पीरियड्स लम्बे समय तक हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में सेक्स नहीं करना चाहिए आपकी उम्र 20 हो या ज्यादा भी हो अगर आप पीरियड्स दर्द का सामना कर रही हैं इस असहनीय दर्द को झेलने का तो इसे झेलिए मत और घर बैठे ही इसका इलाज कर सकती हैं घरेलू उपायों से जो आपको बताये जा रहे है इसी को अपना कर आपका दर्द ठीक हो सकता हैं। आपको ये उपाय बताये जा रहे हैं इसी को आजमाकर आप दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।

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(1) गर्म पानी से सिकाव- पीरियड्स के समय पेट दर्द में गर्म पानी का सिकाव करें। पानी ठंडा हो जाएँ तो वापस गर्म कर लीजिए और जब तक दर्द रहता हैं पेट का गर्म पानी से सिकाव करें,गर्म पानी ही पीएं और जब तक पीरियड्स रहते हैं गर्म पानी से ही नहायें। गर्म के इस्तमाल से दर्द में राहत मिलती है। पीरियड्स के समय ठंडा पानी का इस्तमाल न करे। क्योंकि ठंडे पानी के इस्तमाल से दर्द बड़ता है।
(2) अजवाइन हैं दर्द में लाभकारी -
पीरियड्स के समय महिलाओं में गैस की समस्या ज्यादा होती हैं गैस की प्रोब्लम की वजह से दर्द बढ़ जाता हैं इस दर्द को दूर करने के लिए अजवाइन सबसे अच्छा विकल्प हैं,इसे बनाने के लिए एक चम्मच अजवाइन और दो चम्मच गुड़ एक गिलास पानी में इस को अच्छे से उबालें जब तब तक की पानी एक कप ने हो जाएँ और थोड़ा गुनगुना रहने पर पी ले इससे आपको दर्द में राहत मिलेगी।
(3) अदरक और अजवाइन -
पीरियड्स में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए एक चम्मच अदरक कदुकस की हुई और उसमें एक चम्मच अजवाइन डाल दीजिए स्वाद के लिए थोड़ा गुड़ डाल सकते हैं इन सब को एक गिलास पानी में जब तक उबाले की तब तक आधा न हो जाएँ, और उसे गुनगुना रहने पर पी लें इससे भी आपके दर्द में राहत मिलेगी।
(4) आटे का हलवा -
पीरियड्स में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए आटे का हलवा बहुत फायदेमंद होता हैं। इससे पेट में गर्माहट लाने के लिए खाया जाता हैं इसे बनाने के लिए सबसे पहले हम गुड़ का पानी तेंयार करेंगे उसके लिए 2 गिलास पानी लें,और किसी स्टील के बर्तन में डालकर गर्म करें, हल्का गर्म होने पर इसमे आवश्यकता अनुसार गुड़ मिलाये और इसे चम्मच से चलाते रहे,जब गुड़ पूरी तरह पानी में घुल जाए तब इसे लोहे की छलनी की सहायता से छान लें, ध्यान रहे हमे गुड़ के इस घोल को ठंडा नही होने देना है ,इसलिए इसे गर्म-गर्म ही छाने और तुरंत ही आगे की प्रक्रिया को करें जो इस प्रकार है |
अब एक कढाई लें और गैस पर धीमी आंच पर चढ़ा दे अब इसमे एक आधा बड़ा चम्मच घी डाले और गर्म होने पर इसमे एक बड़ा चम्मच आटे की मिलाये,घी और आटे को अच्छे से मिलाये और हल्की आंच पर इसे सेंके| जब आटे का कलर हल्का ब्राउन या बदामी जैसा हो जाए तब इसमे आपने जो गुड़ वाला पानी बनाया था वो इसमे धीरे धीरे डालते जाए और साथ में चमच्च से भी हिलाते रहे, गुड़ का पानी पूरी तरह से न मिल जाए तब तक इसे हिलाते रहे,चम्मच से इसे हिलाते इसलिए भी रहना है ताकि इसमे कोई भी गाँठ (गुठली) न पड़े, हल्का गाढ़ा रहने पर इसे उतार लें और गर्म-गर्म ही इसका सेवन करें इससे आपको बहुत ही उम्दा लाभ होगा |
(5)दूध वाली चीजों का सेवन- पीरियड्स के समय उस महिलाओं को ज्यादा दर्द होता हैं जिन महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की कमी हो। कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए कैल्शियम युक्त आहार ले दूध कैल्शियम की कमी को दूर करता हैं इसलिए दूध से बनी चीजें जरुर सेवन करें। जैसे दूध गर्म करके पी लीजिए दूध से चाय बनाकर पी लीजिए इससे भी आपको राहत मिलेगी। पीरियड्स आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया हैं इसे रोकना या बाधित करना प्रकृति के नियमों को भंग करना हैं जब प्रकृति के नियमों को तोड़ते हैं तो प्रकृति दंड देती हैं वो दंड आप देख सकते हैं बीमारियों के रूप में यही प्रकृति का दंड हैं, इसलिए इस दर्द को रोकने के लिए आप कोई भी टेबलेट लेकर पीरियड्स को मत रोकिये,आप सिर्फ दर्द को रोकिये ये बताई हुई सुविधा हैं इसी का फायदा जरुर ले सकते हैं। अगर महिलाएं कुछ सावधानियां और परहेज करेंगी तो वह पीरियड्स में होने वाली परेशानियों से आराम से बाहर आ सकती हैं आपकी रोज की दिनचर्या को खाने-पिने का रूटीन बनाकर संतुलन रखकर इसे नियंत्रित किया जा सकता हैं।

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