रक्तचाप (Blood pressure) का असंतुलन होना पके हुआ अनाज, माँसाहार और दूध का अधिक उपयोग करने वाले लोगों का जो रक्तचाप,
चिकित्सा विज्ञान ने निर्धारित किए हैं, वह खोखले वजन की तरह ही असामान्य और अस्वस्थ लोगों का रक्तचाप हैं। ये सभी आहार नमक मसालों के जरिये ही खाए जाते हैं इसलिए रक्तचाप और अधिक होता हैं। सामान्य माने जाने वाला रक्तचाप 120/80 असली रक्तचाप नहीं हैं उम्र के साथ-साथ 100 जोड़कर 120, 140 और 150 रक्तचाप का बढ़ना वास्तव में शीघ्र बुढ़ापा और भयंकर रोगों की और बढ़ रहे हैं व्यक्ति के लक्षण हैं। पूरा विश्व न तो प्राकृतिक आहार पर रहता हैं न कोई असली स्वस्थ व्यक्ति हैं। ये सारे रक्तचाप के मापदंड पूर्णतया रोगियों के रक्तचाप हैं। उम्र के साथ-साथ 130 से अधिक रक्तचाप बढ़ने का अर्थ है हार्टअटैक, गुर्दे की खराबी या उच्च रक्तचाप का जैसे महामारक रोगों की जमीन तैयार हो चुकी हैं। 120/80 बूढ़े लोगों का रक्तचाप हैं अब वह चाहे शरीर से दिखने में 25 साल का हो या 40 साल का। चिकित्सा विज्ञान असली रक्तचाप जानता ही नहीं, क्योंकि स्वयं वैज्ञानिक और डॉक्टर भी रोगी हैं, जो हार्टअटैक और जटिल रोगों से ही मरते हैं। आहार में से पका हुआ अनाज, दूध और माँसाहार और इस सभी के साथ जुड़े लुटेरे नमक, मसाले, चीनी के गायब होते ही रक्तचाप सामान्य होने की और भाग पड़ता हैं। वास्तविक और स्वस्थ रक्तचाप 100 के करीब ऊपर का (सिस्टोलिक) और 60 के करीब नीचे का होता हैं जो उम्र के साथ-साथ हर 10 साल में 2 प्लाइंट बढ़ते हुए 80 वर्ष की उम्र में 120/80 के करीब पहुंचता हैं। प्राकृतिक आहार पर रह रहे 70 वर्षीय लोगों का रक्तचाप 120/70 रक्तचाप 125 या 150 वर्षो के लोगों का ही हो सकता हैं। प्राकृतिक आहारियों का नाड़ी स्पंदन भी 60 से 70 के बीच होता हैं। प्राकृतिक आहार की उपलब्धि हैं स्वास्थ्य और स्वास्थ्य के पीछे चलते हैं रक्तचाप और नाड़ी स्पंदन।निम्न रक्तचाप का उपचार -
