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Rambaan Aushadhi

नपुसंकता(Impotence) की समस्या-

सामान्यत: हमारे समाज में नपुंसकता(Impotence) एक ऐसा विषय माना जाता है जिसके बारे में बात करने से लोग हिचकिचाते है। नपुसंकता का मतलब सम्भवता पुरुष के सम्बन्ध से होता है। नपुंसकता का संबंध सीधे तौर पर पुरुष के जननांग से होता है। नपुसंकता का अर्थ है पुरुष की प्रजनन क्षमता कमजोर होना। नपुसंकता की स्थिति में पुरुष का जननांग बहुत छोटा होता है जिसके कारण शुक्राणुओं की कमी हो जाती हैं या शुक्राणु बिल्कुल नहीं बनते। नपुसंकता की समस्या से ग्रस्त व्यक्ति स्त्री के साथ सम्भोग करने पर भी उसे शारीरिक रूप से संतुष्ट नहीं कर पाता। ऐसी स्थिति में व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से डिप्रेशन में चला जाता है व्यक्ति चिडचिडा हो जाता है पारिवारिक झगड़े बढने से वैवाहिक जीवन में दरार पड़ने लगती है। प्रजनन के लिए आवश्यक शुक्राणुओं का उत्पादन न होने के कारण वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, नर्वस सिस्टम में आई कमी के चलते भी नपुंसकता की समस्या हो सकती है। आपकी अच्छी सेहत ही समाज में आपको प्रतिष्ठा दिलाती है। यदि सेहत अच्छी है तो आप हर तरह के कार्य को बखूबी कर सकते है हर व्यक्ति चाहता है कि वह उन रोगों से दूर हो जो उसके वैवाहिक जीवन में प्रभाव डालते हों। लेकिन दौड़भाग वाली लाइफस्टाइल में कुछ न कुछ कमी रही जाती है जिस वजह से शरीर में गुप्त रोग हो जाते हैं। आइये जानते हैं किस तरह से व्यक्ति हमेशा इन बीमारियों से बच सकता है। और स्वस्थ जीवन जी सकता है।
नपुसंकता के कारण-
खान-पान में गडबड,डायबिटीज,अधिक मात्रा में शराब का सेवन, अप्राकृतिक यौन संबधों की वजह से,गंभीर सर्जरी होने से, किडनी या लीवर का खराब होने की वजह से,मनावैज्ञानिक कारण,अधिक मात्रा में धूम्रपान करना, हार्मोन्स की कमी की वजह से, हस्तमैथुन व अन्य अप्राकृतिक तरीकों से समय पूर्व वीर्यनाश से शरीर दुर्बल, चेहरा कान्तिहीन, हृदय व वाणी विदीर्ण हो जाती है। हस्तमैथुन नपुसंकता का सबसे बड़ा कारण है। ज्यादा हस्तमैथुन करने से आन्तरिक नसे (नाड़ीया) बहुत कमजोर हो जाती है जिसके कारण उनका वीर्य सम्भोग करने से पूर्व ही बाहर निकल जाता है
नपुसंकता के लक्षण -संभोग के समय जल्दी से थकान आ जाना, इंद्री में कठोरता का नहीं होना,इंद्री में ढीलापन होना,आत्मविश्वास में कमी होना, इंद्री का छोटा हो जाना, घबराहट लगना, संभोग के लिए उत्तेजना ना होना आदि लक्षण हो सकते है।
बचाव के उपाय -
स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना- अगर आप स्वस्थ एवं संतुलित आहार नहीं खाते हो नपुंसकता की संभावना भी बढ़ जाती हैं।
धूम्रपान - धूम्रपान करना सामान्य रूप से खून के प्रवाह पर प्रभावित करता है, जिससे नपुंसकता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
शराब का सेवन बिलकुल नहीं करें - शराब का सेवन बंद कर दें इससे शरीर में नपुसंकता आ जाती है।
वजन कम करें- अधिक वजन होना नपुंसकता की समस्या को बढ़ावा दे सकता है।
तनाव से दूर रहें- तनाव शरीर की सभी बिमारियों का एक कारण है डिप्रेशन में न रहें। यह नपुसंकता का कारण बनता है।
नपुसंकता के घरेलू उपचार -

  • रात को सोने से पहले 20 ग्राम कुलिजन का चूर्ण और 10 ग्राम शुद्ध शहद में मिलाकर चाटें, और उपर से 250 ग्राम गाय का दूध पी लें।ऐसा एक माह तक करना है इससे नपुसंकता दूर हो जाएगी।
  • रात को सोने से पहले 5 ग्राम तुलसी के बीज का चूर्ण 250 ग्राम मिश्री मिलें हुए गर्म दूध के साथ सेवन करे। इसका सेवन 2 सप्ताह तक करना है।इससे नपुसंकता दूर हो जाएगी। इसका सेवन करते समय खट्टी चीजे बिलकुल नहीं खानी है।
  • 10 ग्राम प्याज के रस में 10 ग्राम शहद मिला कर चाटने से एक माह में ही नपुसंकता दूर होकर बल और वीर्य में वृद्धि होगी।
  • 250 ग्राम दूध में 10 ग्राम सौंठ को उबाल कर 40 दिन तक पीने नपुसंकता जड़ से खत्म हो जायेगी।
  • 10 ग्राम शतावर को 400 ग्राम गाय के दूध में डालकर उसको खूब उबालें। जब दूध 300 ग्राम शेष रह जाये तो इसे उतार कर मिश्री या खांड मिलाकर हल्का गर्म ही पी लें। इसका सेवन एक माह तक करने से नपुसंकता दूर हो जाती है।
  • 5 ग्राम अदरक का रस,5 ग्राम शुद्ध शहद,10 ग्राम सफेद प्याज का रस 2 ग्राम शुद्ध देशी घी -इन सबको मिलाकर 45 दिन तक रोजाना सेवन करें व 45 दिन तक स्त्री के साथ सहवास नहीं करें। यह एक अद्भुत उपाय है। इसका सेवन करने से पुरुष वीर्यवान और बलवान हो जाता है।
  • प्याज का रस दो लीटर, शहद एक किलोग्राम लेकर दोनों को मिलाकर पकाएं जब रस जल जाएँ। और शहद शेष रह जाये तो उसमें जावित्री,लौंग तथा केसर 4-4 ग्राम मिला लें। इसे सुबह-शाम 3-3 ग्राम सेवन करें नपुसंकता जड़ से खत्म हो जाएगी।
  • प्रतिदिन 10-20 ग्राम लहसुन ढाई सौ ग्राम दूध में इतना उबालें कि लहसुन गल जाएँ। फिर उतार कर ठंडा करें तथा शहद मिलाकर रात्रि को सोने से पहले पी जाएँ।कुछ दिनों तक के इस प्रयोग से नपुसंकता खत्म हो जाएगी और कम शक्ति प्रबल हो जाएगी।
  • असगंध के चूर्ण को आंवले के रस में मिलाकर आठ ग्राम तक सेवन करें तो नपुसंकता जड़ से खत्म हो जाएगी।
  • दालचीनी दो भाग,लौंग व राई प्रत्येक एक भाग लेकर पाउडर बनालें। आधा भाग औषधि गुनगुने दूध के साथ सुबह-शाम खाते रहें तथा कुछ ही दिनों में इसका परिणाम अद्भुत होगा।

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