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श्वास नली में सुजन होने(respiratory-tract-is-inflamed) पर करें ये 5 आसान उपाय
श्वास नली में सुजन(respiratory-tract-is-inflamed) की समस्या-

साँस लेने व छोडऩे में किसी भी तरह की समस्या होने पर किसी भी कार्य में मन ही नहीं लगता है। श्वास नलियों में सुजन आना एक आम बीमारी है जो बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होती है जिससे हमारा साँस लेना दूभर हो जाता है इसके कारण छाती से घड घड की आवाज आती है थोडा चलने पर साँस फूलने लगती है और खांसी भी हो जाती है ये सारी समस्याए साँस लेने वाली नली में सुजन के कारण होती है यह जहरीली हवा, धूल, दुर्गन्ध, धुआं जैसे बाहरी कारणों से बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाते है और पर्यावरण में ऐसे तत्वों की मात्रा सर्दियों में बढ़ जाती है

जिसके कारण सर्दियों में यह प्रकोप आरम्भ होता है और आगे इसकी समस्या साल भर होने लगती है। सामान्यत: इस बीमारी की चपेट में 20 प्रतिशत पुरूष एवं 5 प्रतिशत महिलाएं आती हैं यह बीमारी अधिकतर 40 से 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके लोगों को होती है शुरू में इस बीमारी का असर सिर्फ सर्दियों में दिखता है है किन्तु धीरे-धीरे यह वर्षभर रहने लगता है।

हमारी श्वास नली के अंदर श्लेष्मिक झिल्ली में जलन और सुजन होने को श्वास नली की सुजन या ब्रोकाइटीस कहते है हमारी श्वास नली संक्रमण एवं सुजन के कारण यह अनावश्यक रूप कमजोर हो जाती है। जिसके कारण इसका आकार नलीनुमा नहीं रहकर गुब्बारेनुमा हो जाता है जिसकी वजह से अंदर इक्कठा हुए बलगम को बाहर निकालने में असमर्थ हो जाती है और फिर श्वास नलियों में गाढे कफ का जमाव हो जाता है जो नलियों में अवरुद्ध पैदा करता है।

इस अवरुद्ध के कारण नलियों से जुड़ा डायफ्राम का अंग बुरी तरह प्रभावित हो जाता है व सिकुड़ जाता है या फुल जाता है प्रभावित भाग में स्थित फेफड़े को सप्लाई करने वाली धमनी भी आकार में बड़ी हो जाती है इन सबका परिणाम यह होता है कि प्रभावित फेफड़ा या श्वास नली अपना कार्य सुचारू रूप से नहीं कर पाती है जिससे पीड़ित व्यक्ति के शरीर में तरह तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है बच्चो और बूढों को जब यह बीमारी हो जाती है तो साँस लेने में बहुत ही तकलीफ होती है। इस बीमारी का सही वक्त पर इलाज करवाना बहुत जरूरी है नहीं तो यह बीमारी पुरानी होने पर जल्दी ठीक नहीं होती है।

श्वास नली में सुजन के कारण-
अधिक देर तक गीले कपड़ों में रहना,ज्यादा देर तक पानी में भीगना,अधिक देर तक ठन्डे पानी में नहाना,और ठण्ड लगना, यह वही वायरस है, जो सर्दी और फ्लू (इन्फ्लूएंजा) का कारण बनता है। एंटीबायोटिक वायरस नहीं मारते, इसलिए श्वास नली की सुजन के ज्यादातर मामलों में इस प्रकार की दवाएं उपयोगी नहीं होती हैं।

सिगरेट पीना धूम्रपान करना है, वायु प्रदूषण और धूल या पर्यावरण या कार्यस्थल में जहरीले गैसों का होना, इसके अलावा कुछ व्यवसाय, सूत मिल, प्लास्टिक फैक्टरी, खदान, सीमेंट कारखानों, रासायनिक कारखाना आदि से जुड़े लोगों को हो सकता है। और जो लोग अत्यधिक प्रदूषित या गंदे स्थानों पर रहने से होता है यह अनुवांशिकता या पाजिटिव फैमिली हिस्ट्री वाले को भी हो सकता है।
श्वास नली में सुजन के लक्षण-

बार-बार साँस से संबंधित बीमारी का होना, सुबह-सुबह खांसी में कफ आना, गले में खराश होना, थोड़ा काम करने पर साँस फूलना, सीने में दर्द होना एवं चमड़ी का नीला पड़ जाना, इसमें बार-बार खांसी आती है सांस छोडऩे व लेने में तकलीफ होती है। और गले में तेज दर्द होना, बुखार आना खानपान की चीजें निगलने में तकलीफ,लार टपकना व आवाज में बदलाव होना आदि लक्षण हो सकते है।
बचाव के उपाय-

  • अगर रोग होने पर भी आप धुम्रपान करते है तो उसे तुरंत धुम्रपान करना बंद कर देना चाहिए। अगर नहीं छुट रही है तो उसे पीना कम कर दें।
  • पीड़ित को दूध या दूध से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • पीड़ित को अधिक मेहनत का काम नहीं करना चाहिए।
  • पीड़ित को गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने चाहिए।
  • पीड़ित को धुल-धुआं और सर्दी-जुकाम वाले रोगियों से दूर रहना है।
  • पीड़ित को भोजन में फल,हरी सब्जियां अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए।
  • रोगी को सूखे और गर्म कमरे में नहीं जाना चाहिए।
    श्वास नली में सुजन का घरेलू उपचार -
  • पीड़ित को रोग की शुरुआती अवस्था में ही रोगी को होम्योपैथी की दवाई एकोनाइट ओषधि की 6 या 30 शक्ति देना लाभकारी होता है।
  • आक (मदार) की जड़ की छाल का बारीक़ चूर्ण 20 ग्राम और सेंधा नमक 70 ग्राम को मिलाकर चूर्ण बना लें यह चूर्ण लगभग चुटकी भर लेना है सुबह-शाम इसका सेवन करने से श्वास नली की सुजन दूर हो जाएगी।
  • 4 बादाम की गिरी और 8 मनुक्का और 15 ग्राम अदरक को एक साथ पीसकर गर्म पानी से सेवन करना है रोजाना सेवन से कुछ ही दिनों में यह रोग ठीक हो जाएगा।
  • सौंठ,हल्दी कालीमिर्च तीनों चीजों का अलग-अलग चूर्ण बना लें प्रत्येक में से 4-4 चम्मच चूर्ण लेकर मिला लें और इसे कांच की शीशी में भरकर रख लें। इसे आधा चम्मच गर्म पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करना है।इससे श्वास नली की सुजन कम हो जाएगी।
  • पुरानी श्वास नली की सुजन के लिए प्याज बहुत लाभकारी है बच्चों को प्याज का रस मिश्री मिलाकर देना चाहिए और बुजुर्गो को प्याज पकाकर सेवन करना चाहिए।

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