टीबी Tuberculosis की समस्या -दोस्तों दुनिया में छह से सात करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं और प्रत्येक वर्ष 25 से 30 लाख लोगों की इससे मौत हो जाती है।और देश में हर तीन मिनट में दो मरीज क्षयरोग यानि टीबी Tuberculosis के कारण दम तोड़ देते हैं। हर दिन चालीस हजार लोगों को इसका संक्रमण हो जाता है।
तो आप समज सकते है की ये बीमारी कितनी खतरनाक है हमे समय रहते इस बिमारी के कारणों को जानना होगा नही तो इस महामारी से मरने वालो की संख्या बढती चली जाएगी और हम बस हाथ पर हाथ रखकर बेठे रहेंगे और डॉक्टरो के चक्कर लगाते रहेंगे
दोस्तों टीबी क्या है,हमे इसे अन्दर से समजना होगा की ये किस कारन होती है क्योकि बिना कारन जाने हम आगे का स्टेप नही ले सकते, हम पहेले कारन का उपचार करेंगे फिर बीमारी का
दोस्तों टीबी की बीमारी को क्षय रोग भी कहा जाता है, यह एक बड़ी संक्रामक बीमारी है और यह बहुत खतरनाक है!यह बीमारी एक प्रकार के माइक्रोबैकटेरियम ट्यूबरयुक्लोसिस बैक्टीरिया (जीवाणु ) के कारण होती है! العاب مربحة
यह टीबी अधिकतर फेफड़े पर ही असर करती है! العاب مربحة फेफड़ो में होने वाली टीबी को पल्मनेरी टीबी कहा जाता है और अधिकतर लोगो को ये ही टीबी होती है यानि 85 % टीबी फेफड़ो की होती है
और बाकि बची 15 % टीबी जो की फेफड़ों के बाहर किसी भी अंग में हो सकती है जैसे गर्भाश्य टीबी, जो की महिलाओ को इसका होने खतरा ज्यादा रहता है ऐसे ही हडि्डयां में टीबी जोडो में, पेट में आंत में, दिमाग में, किडनी में ,जननांग व मुंह-नाक आदि। जगह भी टीबी हो सकती है
इसको में और सरल तरीके से आपको बताने की कोशिश करता हु दोस्तों ये माइक्रोबैकटेरियम ट्यूबरयुक्लोसिस नाम का बैक्टीरिया दूषित पानी या धुल मिटटी में पाया जाता है,इसलिए दूषित जगहों पर टी.बी के ज्यादा मरीज पाए जाते हैं।
इसके आलावा खानपान में गडबडी या अनुचित खान पान से यह जीवाणु शरीर में प्रवेश कर जाता है।ध्यान दिजिये दोस्तों अनुचित खानपान भी टीबी के होने का बड़ा कारण है
⇒ये दावा है हमारा टीबी (Tuberculosis) का ऐसा इलाज कोई नही बतायेगा आपको⇐click करें
धूल मिटटी के कण जब हमारी सास के दुआरा फेफड़ो में जाते है तो धुल में मोजूद बेक्टीरिया वहा इन्फेक्शन कर देते है जिसके कारन व्यक्ति को टीबी होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है ऐसे ही दूषित पानी पिने या अनुचित खानपान से भी इन्फेक्शन होता है
दोस्तों अगर आपकी इम्युनिटी पॉवर (रोग प्रतिरोधक शमता)कमजोर है तो ये बेक्टीरिया शरीर में अपनी संख्या को तेजी से बढाने लगता है,जिससे कारन ही व्यक्ति को टीबी की बीमारी होती है लेकिन अगर आपका इम्यून सिस्टम बड़ा हुआ है तो भले ही ये बेक्टीरिया आपके शरीर में पहुच जाए पर आपको कोई हानी नही होगी अब आप सोच रहे होंगे ये इम्यून सिस्टम क्या है दोस्तों इम्यून सिस्टम यानि रोगों से लड़ने की शमता को कहते है
रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर ही बीमारियों का असर जल्दी होता है. ऐसे में शरीर कमजोर हो जाता है और हम जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं,ज्यादातर कमजोर लोग ही टीबी का शिकार होते है क्योकि उनका इम्यून पॉवर बहुत कम होता है
दोस्तों हमारा इम्यून सिस्टम हमें कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता कई तरह के बैक्टीरियल संक्रमण,फंगस संक्रमण से हमे सुरक्षा प्रदान करता है,
दोस्तों टीबी के बारे में आपने जान लिया है की ये कैसे होती है अब हम जानेंगे इसके उपचार के बारे में और साथ ही जानेंगे की इस बीमारी में हमें किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिये
दोस्तों टीबी के बेक्टीरिया को खत्म करने के लिए आज आपको राजीव दिक्सित जी दुआरा बताया गया ऐसा इलाज बता रहे है जिससे आपकी टीबी जड़ से खतम हो जाएगी,क्योकि स्वंम राजीव दीक्षित जी को इसका 6 साल का तजुर्बा है xperiment है और हजारो लोगो पर आजमाया हुआ है की गोमूत्र से दमा अस्थमा और टीबी ये तीनो बिमारिया जड़ से खतम होती है
दोस्तों हो सकता है गोमूत्र का नाम लेते ही आपकी नाक चढ़ गई हो कुछ दोस्त सोच रहे होंगे क्या पागल बना रहा है गोमूत्र भी कोई पिने की चीज होती है
पर दोस्तों आयुर्वेद के ग्रंथो में जो लिखा है वो ही हम आपको बता रहे है वर्ना कोई पागल नही जो 3000 वर्ष पूर्व आयुर्वेद के ग्रन्थ अष्टांग हर्द्यम में ये लिख कर चला गया की गोमूत्र पीना चाहिये
अब जो लोग गोमूत्र के बारे में नही जानते वो थोडा जान ले की इसमे क्या क्या होता है,
दोस्तों गोमूत्र में कई तरह के पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, कॉपर, फॉस्फेट, यूरिक एसिड, पोटैशियम,कार्बोलिक अम्ल,लेक्टोस शुगर,एंजाइम्स,पानी,क्लोराइड,सल्फर,मैगनीज,लोहा,केल्शियम,और सोडियम पाया जाता है।और अगर मेरे किसी दोस्त लग रहा हो की जो में कह रहा हु वो सच नही है तो एक बार गोमूत्र की लेब टेस्टिंग जरुर करवा ले जिससे आपको पता चल जाएगा की इसमे क्या क्या होता है
अब दोस्तों थोडा आगे बढते है,टीबी होने पर हमे गोमुत्र का किस तरह से प्रयोग करना है राजीव दीक्षित जी ने इस प्रयोग को हजारो लोगो पर किया है और पूर्ण रूप से टीबी के सभी मरीज फिर से स्वस्थ हुए है,उन्होंने आल इण्डिया इन्सीटयूट के कुछ मरीज जिनको डॉट्स दी जा रहि thi उनपर गोमूत्र का प्रयोग किया गया …डॉट्स तो चल ही रही थी साथ में unko गोमूत्र भी दिया gya …डॉट्स में जो माइक्रो न्यूट्रिएंट्स होते है यानि उनके गटक जो शरीर पर काम कर रहे है
गोमूत्र पीते ही उनके काम करने की शक्ति 20 गुने से 40 गुनी तक बढ़ गई …दोस्तों डॉट्स तो अपना काम कर ही रही थी लेकिन जैसे ही गोमूत्र के साथ जब डॉट्स दी गई तो परिणाम अद्भुत थे …क्योकि केवल डॉट्स का सेवन व्यक्ति को 6 महीने तक करना पड़ता है तब जाकर टीबी का इलाज होता है पर जैसे ही गोमूत्र के साथ डॉट्स दिया गया तो जहा 6 महीने लग रहे थे अब वहा 2 सवा 2 महीने में ही टीबी सम्पूर्ण जड़ से ठीक हो रही थी …
और अगर आप केवल गोमुत्र का ही सेवन करेंगे तो 3 महीने में आपकी टीबी जड़ से खतम होगी ..इसके साथ ही अगर किसी को दमा अस्थमा भी है तो वो भी जड़ से खतम होगा
दोस्तों राजीव दीक्षित जी ने गोमूत्र पर काफी रिसर्च किया और उन्होंने बताया की गोमूत्र 48 बिमारियो में अद्भुत काम करता है और उनको जड़ से खतम भी करता है, इसलिए आपसे निवेदन है की आप गोमूत्र से नफरत मत करिए बल्कि गोमूत्र का सेवन करिए
गोमूत्र का सेवन आपको कैसे करना है ये भी आप जान लीजिये,दोस्तों गोमूत्र का सेवन करते समय आपको in बातो का जरुर धयान रखना चाहिए तभी पूर्ण लाभ मिल पाता है,गोमूत्र यानि देशी गाय के शरीर से निकला हुआ सीधा सीधा मूत्र गोमूत्र कहलाता है,जर्सी गाय का मूत्र किसी काम का नही है
दोस्तों देशी गाय का मूत्र जब आप लेते है तो उसमे भी आपको इस बात का ध्यान रखना है की गाय गर्भवती न हो …उसी का मूत्र आपको काम में लेना है,और अगर गाय काली हो तो और भी अच्छा है…मूत्र लेने के बाद मूत्र को सूती कपडे की 8 परत करके छान ले और सवेरे सवेरे इसका आधे कप की मात्रा में सेवन करे तो दोस्तों इस तरह आप गोमूत्र का सेवन कर सकते है
इसके आलावा आप गोमूत्र का इस तरह भी सेवन कर सकते है इसे भी आप थोडा ध्यान से सुनिए
दोस्तों अभी जो उपाय हम आपको बताने जा रहे है उससे आपकी टीबी की समस्या 4 से 5 सप्ताह में ही ठीक हो जाएगी ये उपाय बाबा रामदेव दुआरा बताया गया है और उन्होंने भी हजारो लोगो पर इसका परीक्षण किया है
दोस्तों उपाय बिलकुल सीधा है इसमे भी आपको गोमूत्र का ही सेवन करना है कैसे करना है ये थोडा जान लीजिये -काली गाय का मूत्र आपको लेना है दोस्तों और दिन में करीब दस बार इस मूत्र का सेवन करना है कितनी मात्रा में करना है केवल एक चम्मच बस हर बार आप एक चम्मच इसका सेवन करेंगे और दिन में करीब 10 बार लेना है
दोस्तों इस उपाय से 21 वे दिन से ही टीबी में बहुत सुधर हो जायेगा और 4 से 5 सप्ताह में टीबी की समस्या खत्म हो जाएगी ,तो आप एस उपाय को भी कर सकते है
गोमूत्र को लेकर अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप हमे कमेंट कर सकते है
इसके आलावा अपने खाने में कच्चे प्याज का सेवन भी जरुर करे…रोजाना कच्चे प्याज पर नमक डालकर खाने से टीबी के कीटाणुओं का नाश होता है
इसी तरह रोजाना 25 ग्राम कच्चा नारियल खाने से अथवा पीसकर पिने से भी TB के कीटाणु बैक्टीरिया मर जाते हैं जिससे फेंफड़ों को शक्ति मिलती हैं व रोग आसानी से दूर हो जाता हैं,
टीबी को दूर करने के लिए आप ये उपाय भी कर सकते है …इस उपाय को बनाने के लिए
पीपल 5 ग्राम, पीपलामूल 5 ग्राम, धनिया 4 ग्राम, अजमोद 5 ग्राम, अनारदाना 50 ग्राम, मिसरी 25 ग्राम, काली मिर्च 5 ग्राम, बंशलोचन 2 ग्राम, दालचीनी 2 ग्राम और तेजपात 8-10 पत्ते। इन सबको पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से आधा चम्मच चूर्ण प्रतिदिन शहद के साथ sevan करे अगर शहद नही है तो बकरी या गाय के दूध से भी सेवन कर सकते है
दोस्तों टीबी के रोग में बहुत ही सावधानी बरतनी होती है क्योकि ये एक संक्रामक बीमारी है
इस रोग से पीड़ित किसी व्यक्ति का झूठा भोजन, झूठा पानी, उसके पास सोने से,उसके नजदीक रहने से,उसके कपडे पहनने से टीबी के कीटाणु आसानी से ek-दुसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते है
दोस्तों जब टीबी का रोगी छींकता हैं व थुंकता हैं तो ऐसे में TB के बैक्टीरिया हवा में मिल जाते हैं और करीब 45 मिनट तक इसके बेक्टीरिया हवा में ही रहते है…और ऐसे में अगर श्वास दुआरा किसी व्यक्ति के शरीर में ये बेक्टीरिया पहुच जाए तो उसको टीबी होने के खतरे बहुत अधिक बढ़ जाते है …
अगर उसका इम्यून पॉवर बढ़ा हुआ है तो उसको कुछ नही होगा पर अगर इसका उलट हुआ तो टीबी होना तय है दोस्तों ये एक छुआछुत का रोग है
इसलिए बेहतर होगा की अगर आपके घर में कोई टीबी का रोगी है तो उसका खाने पिने का सामान अलग ही रखे और उससे दुरी बनाये रखे नही तो पुरे घर में टीबी फेल सकती है और बहुत लोगो के साथ ऐसा हुआ भी है इसलिए आप पहले से ही सावधान रहे
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खाने पिने पर पूरा ध्यान रखे क्योकि टीबी रोगी का अगर खानपान सही नही होगा तो उसका टीबी ठीक नही हो पायेगा ….खानपान पर पूरा ध्यान दे हरी सब्जिया सलाद का सेवन अधिक करे …. لعبة روليت مجانيه और हा… मिर्च मसाले वाली चीजे खट्टी चीजे बेंगन का सेवन ना करे एस बात का भी ध्यान रखे