गहरी सांस लेने (Breathe deeply) के शारीरिक लाभ हमारे जीवन की गाडी को चलाने के लिए साँसों का वैसा ही महत्व है जैसा किसी गाडी को चलाने के लिए ईधन का महत्व है
ईधन ख़त्म तो गाडी बंद हो जाती है वैसे ही जैसे सांसें बंद हो जाये तो जीवन की गाडी भी बंद हो जाती है बस फर्क इतना है कि मानव निर्मित गाडी को पुनः ईधन डालकर चलाया जा सकता है पर ईश्वर द्वारा रचित शरीर रुपी गाडी के एक बार बंद हो जाने पर इसे दुबारा नहीं चलाया जा सकता है। आप को जानकारी के लिए बता दू कि एक स्वस्थ व्यक्ति एक दिन में 17280 से लेकर 23040 बार सांसें छोड़ता है जब हम सांस अंदर लेते है तो इसके साथ जीवनदायनी प्राणवायु (ऑक्सीजन) खून के माध्यम से शरीर की कोशिकाओं का पोषण करती है इन्ही कारणों से शास्त्रों में इसे “विष्णुपदामृत” की संज्ञा दी गयी है। हजारों सालों पहले से गहरी साँस लेने और छोडने का महत्व रहा है जिसे आचार्यों ने प्राणयाम के अभ्यास के रूप में प्रस्तुत किया है। केवल गहरी साँसों को लेने और छोडने मात्र से ही हमें कई लाभ मिलते हैं। साँस समस्त जीवों के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण क्रिया है, इसके बिना जीवन संभव नहीं है। लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है, कि आपकी साँस लेने की प्रक्रिया कैसी है। हम कभी भी अपनी इस प्रक्रिया पर ध्यान नहीं देते क्योंकि हमे ज़रूरत ही नहीं महसूस होती। कभी भी हम रुक कर साँस अंदर और बाहर करते हैं, लेकिन हमें पता नहीं चलता है, क्योंकि श्वास की प्रक्रिया बहुत सहज होती है। पर क्या आपको पता है कि श्वास पर ध्यान देने से कई सारी बीमारियां दूर हो सकती हैं, इसके कई सारे फायदे हैं। लेकिन अनियमित दिनचर्या और खराब आदतों के कारण आपके शरीर में कई समस्याएं शुरू हो जाती है। यदि दिन में थोड़ा सा समय भी गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज के लिए निकाले तो आप शरीर को कई रोगों से बचा सकते हैं। गहरी सांस लेने की क्रिया तनाव को दूर कर आपको आपके मस्तिष्क और शरीर को आराम पहुंचाती है। इसके साथ ही गहरी सांस लेने से आपको नींद भी अच्छी आती है। गहरी सांस की एक्सरसाइज से फायदे लेने के लिए आपको उसकी सही तकनीक के बारे में भी मालूम होना बेहद जरूरी है। सही तकनीक से गहरी सांस लेने से आपको इसके फायदे जल्द ही महसूस होने लगेंगे। डीप ब्रीदिंग एक ऐसी एक्सरसाइज है। जिसमें मन में काउंटिंग करते हुए खींच के सांस फेफड़ों में भरते हैं। कुछ निश्चित समय रोक कर सांस को एक निश्चित समय में बाहर छोड़ते हैं। एक्सरसाइज से आंतरिक कोशिकाओं का पोषण मिलता है। जिसके बहुत सारे लाभ होते हैं। दिमाग को स्वस्थ् रखने में डीप ब्रीदिंग मददगार है। इससे ब्लड सेर्कुलशन बेहतर रहता है। यह एक्सरसाइज शरीर के अंदर के उतकों के साथ ही इमोशनल सिस्टम को भी पोषित करती है। जिससे हम शारीरिक मानसिक और भावनात्मक रूप से फिट रह सकते हैं।
हमारी सांसे कैसी हो -
सांसे गहरी और शांत होनी चाहिए।
साँसों में ली गई हवा की मात्रा न तो बहुत ज्यादा हो और न ही बहुत कम। जिस प्रकार हवा की कम मात्रा साँसों ने लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है उसी प्रकार आवश्यकता से अधिक मात्रा में हवा भी स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
मुंह से साँस लेना स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। मुंह से साँस लेने से ओवर ब्रिथिंग हो जाती है ,जिससे खून में ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड का संतुलन बिगड़ जाता है,जो कि रक्त के ph को परिवर्तित करके कई रोगों का कारण बनता है।
रात में सोते समय हमारा मुंह खुला न रहे इसके लिए यदि हो सके तो मुंह पर सोते समय कोई पट्टी बांध लें। कम्बल,चादर आदि से पूरा मुंह ढँक कर नही सोयें।
फेफड़े किस प्रकार कार्य करते है-
हमारे फेफड़े 24 घंटों में लगातार 20 हजार बार फैलते और सिकुड़ते है। सामान्यत यह माना जाता है कि हवा अंदर लेने से फेफड़े फूलते है इसलिए साँस लेने में लोग नाक से ज्यादा से ज्यादा हवा अंदर खीचने का प्रयास करते है परन्तु इससे फेफड़े सिकुड़ जाते है और ऑक्सीजन की आपूर्ति सिमित हो जाती है साँस लेना का यह तरीका बिलकुल गलत है। जो लोग इस तरीके से साँस लेते है वे जल्दी थक जाते है उनकी प्राण शक्ति भी कम होती चली जाती है। वे जितना प्रयास करते है उतना अपने उद्धेश्य से दूर होते चले जाते है उपर की बजाय हमेशा फेफड़ो के निचले हिस्से से शुरुआत करना चाहिए।
गहरी साँस लेने की प्रक्रिया-
यह साइंटिफिक मेथड (वैज्ञानिक तरीका) सिर्फ 10 से 12 बार करना होता है और यह 3 से 4 मिनट में पूरा हो जाता है यह हमे 6 से 8 घंटे के लिए रिचार्ज कर देता है जिससे आपकी बॉडी ऊर्जा से भरपूर रहेगी।
फार्मूला है। मतलब यदि हम साँस 3 सेकंड तक ले रहे है तो उसे 12 सेकंड तक रोकें और उसे 6 सेकंड में छोड़े। इस तकनीक के जनक एन्थोनी रॉबिन्सन ने बताया है की अगर आप इसे करते है तो आप कैंसर जैसे गंभीर रोग से भी बचे रह सकते हैं।
गहरी साँस के लाभ
1. आनंद की अनुभूति-
हमारे शरीर में गहरी साँस लेने से एंडोर्फिन नामक केमिकल रिलीज़ होता है। जो हमारे शरीर के लिए दर्द निवारक दवा का काम करता है। यह हमें उत्साह और ख़ुशी देता है। एंडोर्फिन एक नेचुरल पेनकिलर है।
2. शरीर से अपशिष्ट पदार्थो को बाहर निकाले-
गहरी सांस लेने से हमारा शरीर विष से मुक्त हो जाता है, वहीं पर अगर आप छोटी सांस लेते हैं, तो हमारे अंगों को यही काम करने में अधिक समय लगता है।
3. खून तेजी से बढाये-
गहरी साँस लेने से शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई तेज हो जाती है, जिससे खून में हीमोग्लोबिन बढ़ने लगता है। इससे शरीर में खून और तेजी से बनने लगता है।
4. फेफड़ों को मजबूत व स्वस्थ बनाती है-
गहरी सांस लेने से फेफड़े ज्यादा खुलते है और उसे ताकत मिलती है। जिससे फेफड़े स्वस्थ्य बनते हैं और उनमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है।
5. मोटापे पर नियन्त्रण करती है-
रोजाना गहरी सांस लेने से शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है। जिससे मेटाबॉलिज्म तेज बनता है और मोटापा धीरे धीरे कम होने लगता है।
6. दिमाग को स्वस्थ रखती है-
रोजाना गहरी सांस लेने से दिमाग, मेरुदंड और शरीर की सारी नसों को खूब सारी आक्सीजन मिलती है, जिससे हमारा दिमाग स्वस्थ रहता है।
7. एकाग्रता बढ़ती है-
अगर आप किसी काम को ध्यान लगा कर नहीं करेगें तो आपका वो काम कभी ठीक से नहीं हो सकता है। इसलिये गहरी साँस लेने से आपका ध्यान लगना शुरु हो जाता है। और आप अपने काम पर सही तरीके से ध्यान लगा पाएंगे।
8. स्टैमिना(शरीर का आंतरिक बल) बढ़ाने में मदद करती है-
गहरी सांस लेने से हमारा शरीर अच्छी तरह से सभी पौष्टिक तत्वों को ले लेता है जिससे हमें अच्छी एनर्जी मिलती है, और हमारा स्टैमिना बढ़ता है।
9. रक्त प्रवाह ठीक करता है- जब गहरी सांस लेते हैं, तो डायाफ्राम की ऊपर और नीचे की गति रक्त प्रवाह को बढ़ावा देने वाले शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है।
10. ऊर्जा स्तर बढ़ाता है-
रक्त का प्रवाह बढ़ने से व्यक्ति को रक्त में अधिक ऑक्सीजन मिलती है। ऑक्सीजन बढ़ने से ऊर्जा के स्तर में वृद्धि होती है।
11. रीढ़ की हड्डी के पोश्चर को ठीक करता है-
गलत पोश्चर गलत श्वास से संबंधित है। इसकी जांच खुद कर सकते हैं। गहरी सांस लेने की कोशिश करें और प्रक्रिया के दौरान नोटिस करें कि शरीर कैसे सीधा होने लगता है। जब फेफड़ों को हवा से भरते हैं, तो शरीर खुद ही रीढ़ को सीधा करने लगता है।
12. अम्लता कम करता है- कहा जाता है कि कैंसर जैसे रोग केवल उन शरीर में पनपते हैं, जिनकी प्रकृति अम्लीय हैं। गहरी सांस लेने से शरीर में अम्लता कम होती है, जिससे यह क्षारीय हो जाता है। तनाव शरीर में अम्लता के स्तर को भी बढ़ाता है। सांस लेने से तनाव भी कम होता है और इस तरह एसिडिटी कम होती है।
13. शरीर को डिटॉक्स करती है- कार्बन डाइऑक्साइड एक प्राकृतिक विषैला कचरा है जो सांस के जरिए निकलता है। लेकिन जब हम गहरी सांस लेते हैं तो डिटॉक्सिफिकेशन सिस्टम इस कचरे को बाहर निकाल देता है
14. पाचन क्रिया को दुरुस्त करती है- गहरी सांस लेना पाचन तंत्र सहित शरीर के सभी अंगों को अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है, जिससे यह अच्छी तरीके से काम कर पाता है। गहरी सांस लेने के कारण बढ़ा हुआ रक्त प्रवाह भी आंतों की कार्यप्रणाली में सुधार करता है,जिससे समग्र पाचन में सुधार होता है।
15.मन और शरीर को आराम मिलता है- जब व्यक्ति गुस्से में, थका हुआ या डरा हुआ होता है, तो उसकी मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं और सांस उथली हो जाती है। सांसें रुकती हैं। इस समय शरीर को उस ऑक्सीजन की मात्रा नहीं मिल रही होती है, जिसकी उसे जरूरत है। लंबी गहरी सांस इस प्रक्रिया को उलट देती हैं, जिससे आपका शरीर और दिमाग शांत हो जाता है।
अन्य फायदे- अच्छी नींद आना,दर्द निवारक,मस्तिष्क के कार्यों पर प्रभाव,जवान बनाए रखना बीपी को सामान्य बनाए रखना, आदि। धन्यवाद