WELCOME TO RAMBAAN AUSHADHI

Rambaan Aushadhi

Bread-biscuits-Flour

ब्रेड-बिस्कुट-मैदा (Bread-biscuits-Flour) रोगों का घर अनाज में सबसे खतरनाक अनाज हैं रिफाइंड मैदा, धुले हुए पोलिश किए गए चावल,पालिशवाली दालें अनाज

खतरनाक अनाज मैदा -अनाज में सबसे खतरनाक अनाज हैं- रिफाइंड मैदा, धुले हुए पोलिश किए गए चावल,पालिशवाली दालें अनाज के थोड़े-बहुत जो (स्वस्थ नहीं) ज़िंदा रखने के लिए खनिज तत्व, पोषण हैं। मशीनों से गुजरकर ये अनाज पूरी तरह लूट जाता हैं, खत्म हो जाता हैं। इसके सारे खनिज तत्व, रेशे जो अनाज के संपूर्ण पाचन के लिए सहयोगी थे - बाहर छूट जाते हैं। ये लुटा हुआ नंगा आहार भीतर जाकर अपने पाचन के लिए शरीर को लूटता हैं - खनिज तत्वों को नोंच लेता हैं और शरीर को कमजोर और शिथिल कर देता हैं। सामान्य अनाज से मैदा होने वाली अम्लता के मुकाबले रिफाइंड अनाज (मैदा, चावल, दालें,) मशीनों से गुजरकर अपने क्षार तत्वों को खो देने के कारण, भयंकर अम्लता वाले आहार बन जाते हैं। रिफाइंड अनाज की अम्लता मांस की अम्लता से भी अधिक हानिकारक हैं। शरीर अपने आप को कब तक लुटाता रहेगा और इस खतरनाक अम्लता से अपने आप को बचाता रहेगा। कहने की आवश्यकता नहीं। एक-एक घर एक-एक शरीर से उठ रही पीड़ा की कराह-अपने आप से सबूत दे रही हैं मुंह में ये आहार डालने से पहले अपने आप से पूछ लीजिए ये लुटा हुआ खाद्य आपके शरीर का पोषण करेगा या शोषण ?

बिस्कुट यानी लुटेरों का गिरोह-Bread-biscuits-Flour

लुटा हुआ मैदा- लुटी हुई चीनी- लुटा हुआ रिफाइंड या डालडा- साथ में कुछ रसायन शरीर को लूटने को और रोगी बनाने के लिए काफी है ये सब! ये इस तरह से बनाए जाते हैं 1 किलो बिस्कुट में 600 ग्राम डालडा घी यानि चर्बी में लिपटकर आग में सेका यानि एक पकौड़े की तरह तला हुआ खाद्य! चर्बी के सम्पर्क में आकर जो आहार आग में सका वह सिर्फ तला हुआ आहार है - फर्क क्या पड़ा? समोसा बाहर से तला तो बिस्कुट भीतर से तला और तले हुए आहार का कभी अच्छा पाचन नहीं होता, वह तो सिर्फ सड़ता हैं कभी सब कुछ छोड़कर केवल बिस्कुट खाकर 1 सप्ताह रह जाइये- सच अपने आप बोल उठेगा। फिर भी आप इनको अपने खाने में नाश्ते में लेना चाहोगे तो आप सोच लो की आप कितनी खतरनाक बीमारियों के आने का रास्ता बना रहे हो। अपना भविष्य अपने हाथ में होता हैं और हम ऐसी चीजें खा के कोई भी बीमारियाँ कर लेते हैं और ईश्वर को दोषी मानते हैं की, हे भगवान तूने ये क्या किया वगैरह वगैरह ! मैदा स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक हैं। ये आग रिफाइंड शक्कर रिफाइंड ऑयल के सम्पर्क में आने पर तो और भी खतरनाक हो जाता हैं। इसलिए ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। उपहार या अत्याचार - ऐसे खतरनाक खाद्य बच्चों को खिलाकर माँ-बाप, मित्र-परिवार बड़े खुश और गर्वित होते हैं-क्यों न हो उनका बच्चा रोग की दौड़ में-रोग का सबसे बड़ा और पहला इनाम जो लाएगा। 2 साल की उम्र के पहले जैसे भी बिस्कुट खिलाना अपने हाथों से बच्चों को मारना है इसकी चर्चा हम आपको बालरोग में बता चुके हैं सामान्य अनाज की सड़न के मुकाबले बिस्कुट चार गुना अधिक सड़ता हैं टोंसिल,कब्ज,दस्त,सर्दी-जुखाम,खाँसी,न्यूमोनिया, छूत की बीमारियाँ, अपच, गैस आदि कई बीमारियाँ बिस्कुट के उपहार हैं- आपका अनोखा प्यार हैं बच्चों के पेट में कीड़े होने का सबसे बड़ा कारण ही बिस्कुट हैं। जो लोग प्यार-दुलार दर्शाने के लिए औपचारिकता दिखाने के लिए, बिस्कुट टॉफियों चाकलेट के पैकेट खरीदकर उपहार में देते हैं ये ही लोग बच्चों के स्वास्थ्य की बर्बादी के जिम्मेदार होते हैं। किस काम का ये महामारक प्यार! अपने घरों में तख्ती लगाकर सख्त निर्देश लिख दीजिए। बिस्कुट,चाकलेट जैसा मारक वस्तुए खिलाकर, भेंट देकर हमारे बच्चों का (तथा हमारा भी) स्वास्थ्य बर्बाद करने का आपको क्या हक हैं? आप स्वास्थ्य नहीं बाँट सकते तो कृपया रोग मत बांटिये। हमेशा फल मेवों का ही उपहार दें।

⇒अंकुरित अनाज (Sprouted grains)से रोग मुक्ति⇐click करें

आधुनिक सभ्यता का अभिशाप-ब्रेड - ब्रेड आज की सभ्यता का एक बड़ा अभिशाप हैं।, मैदा, नमक,सोडा,यीस्ट कैसे हानिकारक तत्वों से मिलकर-एकदम ऊँचे तापमान में पककर ब्रेड खाने में हल्का लगता हुआ भी -पाचन पर एक जबरदस्त बोझ हैं। दाँतों के रोग, कब्ज,अपच और स्वाभाविक बीमारियों का, आँतों के कैंसर, आंत्रशोध का एक कारण ब्रेड हैं। ब्रेड सबसे खतरनाक और रोगकारक खाद्य तब होता हैं जब इसे, जैम,टोमेटो,जेली, सोंस, दूध, पनीर, या आमलेट या टमाटर नींबू की खट्टी चटनियों के साथ खाया जाता हैं तो अनाज (ब्रेड) के साथ ये सारे विरोधी आहार हैं- पाचन को विकृत कर अपच और गैस पैदा करते हैं। रिफाइंड मैदा,चावल से चिपकने वाली लई बनाई जाती हैं, इनका चिपकाव न केवल दाँतों में बल्कि आँतों में भी चिपका रहता हैं और कड़े कठोर मल के रूप में आँतों की दीवारों में चिपक जाता हैं। ये अनाज से कई गुणा अधिक श्लेष्माकारक खाद्य हैं। वात और कफ संबंधी अधिकतर बीमारियाँ इससे जुडी हैं। इनको आहार से निकालते ही इन बीमारियों के प्रकोप अपने आप कम हो जाते हैं। इनका सेवन करते हुए ये बीमारियाँ कभी ठीक नहीं होती, जड़ हो जाती हैं। अस्पतालों में बेवकूफी - विश्व का एक-एक चिकित्सक (जहाँ पहले इसके हानिकारक प्रभाव से अनजान था) अब खूब अच्छी तरह जान गया हैं कि रिफाइंड अनाज अत्यंत हानिकारक हैं। पूर्ण अनाज का ही उपयोग करना उचित है-दिल्ली के ऑल इण्डिया मेडिकल इंस्टिट्यूट से लेकर मायो अस्पताल तक विश्व के किसी भी विशेषज्ञ से पूछ लीजिए, वह इस सच्चाई को स्वीकार कर लेगा। खूब अच्छी तरह से इस ठोस सच्चाई को जानने के बावजूद ये ही महारथी अस्पतालों में मरीजों को ब्रेड, चावल चीनी जैसे खोखले, मुर्दे आहार रोज बांटते हैं (ताकि अस्पताल-दवाओं के कारखानें चलते रहें) खुद भी यही खाते हैं। मरीजों को भी बेरोक-टोक यही राय देते हैं। दलिया 12 घंटे में पचकर निकल जाता हैं, आटा रेशे सहित 18 से 24 घंटे में निकल जाता हैं, तला हुआ अनाज 30 से 40 घंटे में सड़कर निकलता है और मेदे की वस्तुएँ (ब्रेड, बिस्कुट, पिज्जा, बर्गर, मैगी, इत्यादि) रेशे के अभाव में 48 से 60 घंटे के बाद पेट से निकलते हैं। अब क्या खाना बेहतर हैं आप ही सोचिए - ये स्वास्थ्य के रक्षक हैं या स्वास्थ्य के भक्षक? समाज में इस डाक्टरों और वैज्ञानिकों के इस जघन्य अपराध के लिए (जानबूझकर मानव स्वास्थ्य खोखला करने के लिए) क्या हमारे समाज में कोई सजा हैं ?

⇒पेट साफ़ होगा एक ही बार में बिना किसी दवा के⇐click करें

Compare0

              Pre-order item

              product preview

              Soft armchair

              $420.00

              Select variant

              Select purchase option

              Your pre-order item has reached its limit.