पेट के अल्सर(Stomach ulcers) को ठीक करने के सर्वोत्तम उपाय
Share
पेट के अल्सर (Stomach ulcers)की समस्या -
आजकल की दैनिक दिनचर्या और डाइट में बदलाव के कारण पेट में अल्सर (Stomach ulcers)के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आमतौर पर पेट में छाले व घाव हो जाने को अल्सर कहा जाता है। पेट में अल्सर (Stomach ulcers)होना बहुत पीड़ादायक तो होता ही है और यह आपकी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक भी हो सकता है। इस समस्या का पता चलते ही तुरंत इसका इलाज कराना बहुत आवश्यक है, वरना यह और भी रोगों का कारण बन सकता है।
देर रात तक जागना, ऑफिस का तनाव, जंक फूड का अधिक सेवन करना और खाने पिने में कई तरह की पाबंदियों से शरीर में पोषण तत्वों की कमी हो जाती है। उस पर लोग सिगरेट एवं बीडी, शराब और तंबाकू का सेवन करने से पेट की परत को नुकसान पहुंचता है जिससे पेट में छाले हो जाते है और इसी को पेट का अल्सर कहते है पेट में घाव या छाले होने को पेप्टिक अल्सर भी कहते हैं। पेट में श्लेष्मा झिली नाम की एक परत होती है, जो पेट की भीतर की परत को पेप्सिन और हाइड्रोक्लोरिक एसिड से बचाती है। इस एसिड की खास बात यह है कि यह एसिड पाचन क्रिया के लिए आवश्यक होती है, वहीं शरीर के उतकों को नुकसान भी पहुंचाता सकता है।
इस एसिड और म्यूकस(श्लेष्मा झीली) की परतों के बीच तालमेल होता है। इस तालमेल के बिगड़ने पर ही अल्सर होता है। आमतौर पर यह एसिड डाइट नली, पेट और छोटी आंत के उपर के भाग की भीतर की झिली में होता है। वैज्ञानिकों ने एक शोध में यह पता लगाया है कि अधिकतर अल्सर एक प्रकार के बैक्टिरया हेलिकोबैक्टर पायलोरी या एच. पायलोरी द्वारा होता है। अल्सर का इलाज समय पर नही किया जाए तो यह गंभीर समस्या बन जाती है। इस बैक्टीरिया के अलावा अल्सर के लिए कुछ हद तक खान-पान और दैनिक दिनचर्या भी जिम्मेदार है।
इस तरह की समस्या अक्सर खान-पान में गलत बदलाव के कारण उत्पन्न होती है जो कभी-कभी नुकसानदायक भी साबित हो सकती है। पेट के अल्सर को गैस्ट्रिक अल्सर नाम से भी जाना जाता है मुख्य रूप से यह पेट की नली में जख्म हो जाने की वजह से होता है साथ ही हाथ के ऊपरी हिस्से में भी हो सकता है।
पेट के अल्सर के कुछ सामान्य लक्षण भी है। जैसे भूख नहीं लगना,पेट में जलन होना, बदहजमी होना,खट्टी डकार,उल्टी होना ,वजन का अप्रत्याशित रूप से कम होना आदि है। अल्सर की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है अल्सर की समस्या पुरुषों की तुलना महिलाओं में अधिक होता है। यदि कोई भी व्यक्ति इस रोग से ग्रस्त है तो उसको इसका उपचार जल्द से जल्द करवा लेना चाहिए अन्यथा यह बीमारी उसके लिए घातक हो सकती है।
पेट का अल्सर कितने प्रकार का होता है-
दोस्तों पेप्टिक अल्सर का मूल कारण पेट मे दर्द होता है। इसके साथ साथ खून भी निकलता है। पेप्टिक अल्सर का एक लक्षण होता है जब खाना खाने के बाद जब पेट मे दर्द होने लगे और डकारे भी आने लगे और एंटी एसिड दवाइयों का भी असर नहीं होता है तो इसे गैस्ट्रिक अल्सर कहा जाता है।
वही भूखे पेट मे दर्द होने पर खाना खाने के बाद दर्द नहीं होता है इसको डूआइनल अल्सर कहा जाता है उल्टी होना भूख ना लगना वजन कम हो जाना पेप्टिक अल्सर का ही कारण होता है।
अल्सर के लक्षण -
1 कई व्यक्तियों को बार-बार डकार आती है। यह पेट के अल्सर का एक लक्षण भी हो सकता है।
2 पेट में किसी प्रकार के घाव या असहनीय दर्द होना एवं आंतों में जलन होना।
3 पेट में सूजन, सीने में जलन एवं गैस बनना।
4 पेट के ऊपर के हिस्से में दर्द एवं जलन होना एवं गर्म चीजों को पीने के बाद जलन का अनुभव होना।
5 मल में खून आना या मल का रंग काला होना।
6 खांसी होने पर खून आना या खून की उल्टी होना।
7 वजन का कम होना और भूख न लगना।
परंतु अच्छी बात यह है कि अल्सर को ठीक करने के कुछ प्राकृतिक उपाय भी हैं। जिसका उपयोग करके आप अपने अल्सर को घर बैठे ही ठीक कर सकते हैं। इन उपायों को अपनाने से पहले यदि आप अपने नजदीकी डॉक्टर से से जाँच कराते है तो यह आपके लिए और भी अच्छा होता है। तो आइए जानते हैं पेट के अल्सर के कुछ घरेलू उपाय क्या है।
पत्ता गोभी- पेट के अल्सर के रोगियों के लिए पत्ता गोभी बहुत लाभदायक है। पत्ता गोभी में लैक्टिक एसिड होने के कारण यह एमिनो एसिड का उत्पन्न करता है जो हमारी पेट की नली में रक्त के प्रवाह को तेज करता है। इसके सेवन से पेट की परत मजबूत होती है और अल्सर बहुत जल्द ठीक हो जाता है। पत्ता गोभी विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है। जो पेट के अल्सर से लड़ने में हमारी सहायता करता है।
केला- केले में बहुत अधिक मात्रा में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं साथ ही यह पेट की नली की सूजन को भी ठीक करता है।
लाल मिर्च- लाल मिर्च का सेवन अल्सर के इलाज के लिए बहुत ही उपयोगी माना गया है। लाल मिर्च में कैपसाइसिन होता है जो पेट के एसिड के स्त्राव को कम करता है। जिसकी वजह से पेट के अल्सर काबू में रहते हैं ।
नारियल- पेट के अल्सर में नारियल बहुत ही लाभकारी माना जाता है क्योंकि इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो अल्सर में होने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर देते है
मेथी- मेथी में बहुत सारे स्वास्थ्यवर्द्धक गुण होते हैं। इसका उपयोग कर आप पेट के अल्सर की समस्या में भी कर सकते हैं। मेथी पेट के नली के आसपास परत बनाकर उसे सुरक्षित रखता है।
शहद- शहद एक ऐसा पदार्थ है जिसमें बहुत से लाभकारी गुण है शहद के सेवन पेट है के अल्सर के साथ शरीर में अनेक स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ पहुंचता हैं। इसमें मौजूद ग्लूकोस, ऑक्सीडेंस, हाइड्रोजेन, पेरोक्सिड का उत्पादन करता है। जिससे अल्सर के दौरान पेट में मौजूद खराब बैक्टीरिया खत्म होने लगते हैं। जिनकी वजह से पेट में अल्सर होता है।
लहसुन- पेट के अल्सर की बीमारियों को ठीक करने में लहसुन भी बहुत लाभदायक है इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो अल्सर के दौरान पेट में जमी हुई गंदगी को बाहर निकालता है।
अदरक- अदरक शरीर को प्रोटीन भी देता है साथ ही यह हमारे पाचन तन्त्र को ठीक रखता है। इसको रोजाना सेवन से अल्सर की गांठ नहीं होती और एसिड भी नहीं बनता है। पेट को ठंडा रखने के लिए अदरक उत्तम औषधि पदार्थ है।
उपर दी गई जानकारी का लाभ सभी लोगों को मिले सके इसलिए हम आप से रिक्वेस्ट करते है कि इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। धन्यवाद
आयुर्वेदिक तेल ayurvedic oil एक ऐसी उपचार पद्धति जो आपको हर तरह के दर्द से राहत तो दिलाता ही है दूसरा इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। आयुर्वेद पूर्णतावादी...
आयुर्वेदिक तेल ayurvedic oil एक ऐसी उपचार पद्धति जो आपको हर तरह के दर्द से राहत तो दिलाता ही है दूसरा इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। आयुर्वेद पूर्णतावादी...
इन आसनों के हैं कई आश्चर्यजनक लाभ (amazing benefits) योग जबर्दस्त संभावनाएं पेश करता है, लेकिन उसके लिए अनुशासन और सही तरीक़ा जरूरी है। गलत तरीके से किया जाने वाला...
इन आसनों के हैं कई आश्चर्यजनक लाभ (amazing benefits) योग जबर्दस्त संभावनाएं पेश करता है, लेकिन उसके लिए अनुशासन और सही तरीक़ा जरूरी है। गलत तरीके से किया जाने वाला...