राममूर्ति अपने दिनचर्या(Ramamurti Diet Plan)में 10 दंड और 10 ही बैठक लगाते थे और
आधा मुट्ठी देशी चना
250g बादाम
5 काजू
5 अंजीर
2 अखरोट
10 किशमिश
5 छुहारे

ये सब मिटटी के बर्तन में डालकर रातभर के लिए छोड़ देते थे फिर सवेरे व्यायाम के पश्चात खूब चबा चबा कर खाते थे और आधा किलो गाय के दूध में एक चम्मच घी डालकर उपर से पिते थे,ये उनका सुबह का भोजन था,दोपहर के भोजन में वो सिर्फ 2 चपाती,चावल,दाल और मोसम के अनुसार सलाद ही खाते थे ...फिर शाम को प्राणायाम का ही अभ्यास करते थे और केवल सादा और कम भोजन करके थोडा सा दुध पीके ध्यान करके सो जाते थे .
ये ही उनका डेली रूटीन होता था अगर आप ये सोचते है की जितना ज्यादा खायेंगे तो ज्यादा बल आएगा ये विचार आप अपने दिमाग से निकाल दे...सच्चाई ये है की भोजन का ताकत के साथ बहुत मामूली सम्बन्ध है ....ज्यादा बलशाली बनने का सम्बन्ध राममूर्ति व्यायाम और प्राणायाम से जुडा है
अगर हम राममूर्ति जी की 5 दंड और 5 बैठक लगाते है तो हमे
5 बादाम
5 किशमिश
2 अंजीर
2 काजू
1 अखरोट और
10 देशी चने
भिगोकर सेवन करना चाहिए और ऊपर से 1 गिलास गाय का दूध 1 चम्मच घी डालकर पीना चाहिए...फिर दोपहर में जो राममूर्ति जी भोजन में लेते थे,वो ही खाए ....ज्यादा गरिस्ठ ( भारी भोजन ) न ले अगर आप शाम को प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करते है तो आप जल्दी उस लक्ष्य तक पहुच जायेंगे जहा राममूर्ति जी ,स्वामी विवेकानंद जी , महर्षि दयानंद सरस्वती जी ,रामप्रसाद बिस्म्मिल जी थे
राममूर्ति बैठक लगाने का सही तरीका -