रसोई के तीन प्रकार (Three types of kitchen)
1.भगवान की रसोई -
फल और सब्जियां जो खेतों में सूर्य की रौशनी से पकती है वह भगवान की रसोई (sun cooked food) उसे सूर्य भगवान मीठी-मीठी आंच पर पकाते है |वायु भगवान लोरी देकर हरा-भरा करके निखराते है चन्द्रमा भगवान उनमें दिव्य ओषधीय गुण भरते है |जल उनको रसीला बनाता है पृथ्वी माता उनको खनिज प्रदार्थो से युक्त करती है |सोना,चांदी,लोहा आदि पृथ्वी में से निकलते है जो भगवान की रसोई का खायेगे वे भगवान् जैसे पूर्ण स्वस्थ हो जायेगे |भगवान् सर्वशक्तिमान और सुन्दर है |
2.इंसान की रसोई-
अर्थात भगवान् की रसोई को इंसान की रसोई में उचित प्रकार से पकाना | भगवान् की रसोई को इस तरह से पकाना चाहिए जिससे कि साग-सब्जियों आदि का स्वाद नष्ट ना हो जाय|जैसे घीये की सब्जी बने तो उसमे घीये का स्वाद आना चाहिए मिर्च मसालों का नहीं |जो इंसान की रसोई का खाते है वे मध्यम स्वास्थ्य स्तर के होते हैं |
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3.शैतान की रसोई-
कारखानों,ढाबों रेस्टो रेंटो,होटलों आदि के बने हुए अखाद्द्य प्रदार्थ शैतान की रसोई है |जो शैतान की रसोई का खायेगे उनका रोगी होना निश्चित है |