ये पोस्ट आपको हेरत में डालने के लिए काफी है heart patients को
आखिर तक इस पोस्ट को जरुर पढ़े आज आपको ह्रदय रोग की सच्चाई के बारे में बताया जा रहा है 5 मिनट का समय निकालकर इसे पूरा जरुर पढ़े
आज के युग में हृदय रोग एक सबसे बड़े कातिल के रूप में उभर चुका है। ऐसा अनुमान है कि 2020 तक एक तिहाई मौतों की वजह यह हृदय रोग होगा। वर्तमान में केवल भारत में ही लगभग 7 करोड़ हृदय रोगी हैं। भारत में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ने की दर विश्व में सबसे ज्यादा तेज़ है जो कि विश्व में 37वें स्थान पर है, जबकि हमारा पड़ोसी देश श्रीलंकाहमसे बहुत पीछे 131वें स्थान पर है तथा जापान व फ्रांस में हृदय रोग की दर सबसे कम है एवं वे सबसे निचले पायदान पर हैं। स्वास्थ्य के मामले में हमारा देश सभी सेहत से कंगाल देशों का नेतृत्व कर रहा।हम किसी और मामले में आगे हों न हों, लेकिन सेहत की बर्बादी के मामले में हम सबको पीछे छोड चुके हैं।
हृदय रोग आज एक ऐसा भूत बन चुका है जो हर व्यक्ति को सीने के मामली दर्द के रूप में भी डरा रहा है। डर इतना हावी है कि लोग इससे बचने के लिये हजारों की जाँच मिनटों में करवा लेते हैं। लोगों के डर का आलम यह है कि हृदय रोग विशेषज्ञों के पास रोगियों को देखने का समय ही नहीं है और वे बेतहाशा अपनी फीस को बढ़ा रहे हैं।
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हमारा स्वास्थ्यतंत्र सेवा से लगभग-लगभग व्यवसाय में परिवर्तित हो चका है। इसी परिवर्तन के फलस्वरूप हृदय रोग एक ऐसा व्यवसाय बन चुका है जिसमें कि सबसे ज्यादा कमाई की संभावना है। इसी संभावना को देखते हुए कई अस्पताल, फिटनेस सेंटर, दवा निर्माता कंपनियाँ एवं डाइग्नोस्टिक सेंटर्स अपनी नीतियाँ बना रहे हैं। आपने भी देखा होगा कि एम.डी.मेडिसिन का डॉक्टर अपने बोर्ड पर डाइबिटीज़,थायरॉइड एवं हृदय रोग विशेषज्ञ लिखवा रहे है क्योंकि यह ऐसी बीमारियाँ हैं जिसमें उनको जीवन भर के लिये ग्राहक मिल जाते हैं, वे भी डरे-डरे और निराश से।
हृदय रोग के बारे में एक आम भ्रांति लोगों के मन में यह भीबैठा दी गई है कि यह रोग जान लेकर ही जाएगा। यह कभी अच्छा नहीं हो सकता। लोगों के मन में एक डर बैठ चुका है जो उन्हें बेवजह की दवाएँ और सर्जरी करवाने के लिये प्रेरित करता है। मरीज़ बेचारे डरे-सहमे से डॉक्टर की हर बात अक्षरशः मानते चले जाते हैं और इसी आस में रहते हैं कि हम एक-न-एक दिन ज़रूर ठीक हो जाएंगे,लेकिन उनकी दवाई साल-दर-साल, दो से चार,चार से छ:,और छ: से दस हो जाती हैं, पर उनका दिल बीमार-दर-बीमार होता जाता है। तो आईये हम जानते हैं कि जब किसी को पता लगे कि उसे हृदय रोग है तब क्या करना चाहिये, जिससे कि वे हृदय को फिर से तंदुरुस्त बना लें।

