स्वप्न दोष (Night fall)की समस्या -
आजकल के युवाओं में स्वप्नदोष(Night fall) की समस्या होना बहुत ही आम बात हो गई है। किशोरावस्था में और महीने में एक-दो बार स्वप्न दोष(Night fall) होना आम बात होती है लेकिन अगर यह बार-बार या बहुत ही अधिक बार होता है तो यह आपके लिए चिंता का विषय है।यह एक मानसिक बीमारी है जो हमारी सोच और विचारों के कारण होती है। जब हम किसी रोमांटिक चीजों के बारे में बहुत अधिक सोचते है या किसी लडकी को देखकर उसकी और आकर्षित होना और उसके साथ रतिक्रिया करने जैसे ख्याल दिमाग में आना स्वप्न दोष का कारण हो सकता है। अगर आप खाने पीने में गर्म चीजों का अधिक सेवन करते है तो उसकी वजह से आपको यह समस्या हो सकती है। पेट के बल उल्टे होकर सोने से भी आपको स्वप्न दोष की समस्या हो सकती है। रात को देरी से खाना खाने के कारण भी आपको यह समस्या हो सकती है अगर आप हमेशा ही सेक्स सम्बन्धी गलत ख्यालों में खोए रहते हैं जो इसका प्रमुख कारण है। स्वप्नदोष एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत एक पुरुष को नींद के दौरान वीर्यपात (स्खलन) हो जाता है। सामान्यत: जब स्त्री व पुरुष का सम्मिलन होता है और यह जब चरम सीमा तक पहुंचता है तो पुरुष का वीर्य स्खलित होता है। या यह कह सकते है कि वीर्य़ का स्खलन संभोग की चरम सीमा है जिसमें पुरुष का वीर्यपात हो जाता है। इसमें पुरुष व स्त्री शारीरिक व मानसिक तौर पर एक साथ सम्मिलित होते हैं और दोनो का एक ही उद्धेश्य होता है सम्भोग की चरम सीमा पर पहुँच कर आनन्द की अनुभूति करना। लेकिन स्वप्नदोष इसके विपरीत प्रक्रिया है जिसमें कोई भी स्त्री शारीरिक रुप से शामिल नही होती। केवल पुरुष स्वप्न में स्त्री या कामिनी को देखता है और शारीरिक रुप से किसी स्त्री की उपस्थित नहीं होने के कारण से व्यक्ति केवल कल्पना में ही सारे सम्भोग को कर लेता है और उस मानसिक सम्भोग की पूर्णता से पहले या पूर्णता पर वीर्यपात हो जाता है। इस असामान्य स्थिति को स्वप्नदोष कहते है। यह व्यक्ति के कल्पना का ही परिणाम होता है। इस प्रक्रिया में चाहे आपका लिंग उतेजित हो या न हो, वीर्य आपके लिंग से अपने आप बाहर निकल जाता है। ये समस्या प्रायः उन युवकों तथा किशोरों को अधिक होती है जो अविवाहित है इनको रात में सोते समय स्वप्न में वीर्य स्खलित होने लगता है, इसी को स्वप्नदोष कहते हैं। वास्तव में स्वप्नदोष कोई बीमारी नहीं है। पर जब इसके कारण व्यक्ति के तनाव में रहने लगता है तो यह बीमारी का रूप धारण कर लेता है। यह रोग शुरुआत में स्वप्न से संबंधित होता है,परन्तु अधिक दिनों तक ऐसा होने से जननेन्द्रिय तथा शारीरिक शक्ति इतनी दुर्बल हो जाती है कि सोने के बाद बिना स्वप्न के ही लिंग उत्तेजित हो जाता है और वीर्य-स्खलन होने लगता है। स्वप्नदोष होना कोई गंभीर बात नहीं है। अगर महीने में एक दो बार स्वप्न दोष होता है तो यह एक सामान्य बात है और यह कोई रोग नहीं है। परन्तु यह इससे भी ज्यादा बार होता है। तो इससे वीर्य और शुक्र धातु की हानि होती है और शरीर में दुर्बलता आ जाती है। यह अधिकतर व्यक्तियों की इच्छा के विपरीत ही होता है इससे कोई शारीरिक संतुष्टि नहीं मिलती है बल्कि यह तो मानसिक दुर्बलता, कुण्ठित व्यक्तित्व व आध्यात्मिक दुर्बलता का प्रतीक है।
इसके मुख्य कारण किशोरावस्था में लडके लडकियों का एक-दुसरे के प्रति आकर्षण, कामुकता, अश्लील साहित्य पढना व अश्लील चलचित्रों को देखना, खाने में तली-भुनी चीजों का अधिक सेवन करना, तेल-मसालेदार वस्तुओं का अधिक मात्रा में सेवन करना, अधिक गर्म वस्तुएं चाय, कॉफ़ी आदि का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करें, व्यायाम नही करना व मानसिक तनाव में रहना भी इस रोग के कारण हैं। रात-दिन अश्लील विचारों में खोये रहने के कारण स्वप्न में भी युवक यही सब देखता है। परिणामस्वरूप उसका वीर्यपात हो जाता है। हालांकि स्वप्नदोष एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, पर जब इसके बाद सिरदर्द, चक्कर आना, कमजोरी आदि होने लगे तो आपको जल्दी से इसका उपचार करा लेना चाहिए।
स्वप्न दोष के लक्षण-
मध्य-किशोर अवस्था के दौरान वीर्य बनना और निकलना आरंभ हो सकता है। इससे पता चलता है कि किशोर प्रजनन के लिए परिपक्व हो गया है। यह सामान्य घटना है और इसके लिए किसी उपचार की आवश्यकता नहीं होती। स्वप्न दोष होने पर बेहद कमजोरी महसूस होना,स्वप्न दोष के बाद का तनाव बढ जाता है। घबराहट होने लगती है, किसी भी कार्य में ध्यान न लगना,थोडा काम करने पर भी जल्दी थकावट होना, स्नायु दुर्बलता,धातु कमजोर हो जाना, राह चलते-चलते अचानक आंखों के आगे अंधेरा छा जाना (कमजोरी) आदि के लक्षण रोगी में हो सकते हैं।
बचाव के उपाय-
संयमित आहार करें, व्यायाम करे,मेडिटेशन जरुर करें, आध्यात्मिक चीजों में ध्यान लगाये। अपने विचारों को शुद्ध करें।
पेट व पीठ के निचले भाग पर गर्म-ठंडा सेंक करते रहने से स्वप्नदोष में विशेष लाभ मिलता है
सात्विक भोजन करें, गर्म, तली-भुनी, मसालेदार युक्त चीजों से सेवन नहीं करें, सूप (सब्जियों के) व फलों के जूस का अधिक सेवन करें , दूध, दही का सेवन, खाने में सलाद का प्रयोग करें। आध्यात्मिकता से सम्बन्धित पुस्तकों को पढ़े।
घरेलू उपचार-
- 3 ग्राम शहद,गाय का घी 4 ग्राम और प्याज का रस 6 ग्राम मिलाकर चाटने सुबह-शाम चाटने से स्वप्नदोष से ठीक हो जाती है।
- आंवले के 20ml रस में 1 ग्राम इलायची के दाने और ईसबगोल बराबर-बराबर की मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम नियमित रूप से जल के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष नहीं होता, साथ ही वीर्य भी गाढ़ा होता है।
- बबूल की पफलियों को छाया में सुखाकर पीस लें और बराबर की मात्रा में खांड या मिश्री मिला लें। एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित रूप से जल के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष की समस्या नहीं होगी। साथ ही वीर्य भी गाढ़ा होगा।
- रात को सोते समय त्रिफला चूर्ण को एक लीटर पानी में भिगो कर रख दें। और सुबह उसको मथकर साफ़ महीन कपड़े से छानकर पी जाएँ। इससे स्वप्न दोष की समस्या खत्म हो जाएगी।
- नीम की पत्तियाँ रोज सुबह चबाकर खाते रहने से स्वप्नदोष जड़ से खत्म हो जाएगा।
- रोजाना आंवले के मुरब्बे का सेवन करें,और उसके बाद गाजर का रस पीने से स्वप्न दोष में लाभ होता है।
- लहसुन की दो कच्ची कलियाँ को कुचल कर निगल जाएँ और थोड़ी देर बाद गाजर का रस पीने से स्वप्न दोष में लाभ होता है।
- 3 ग्राम मुलहठी के चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से स्वप्नदोष होना बंद हो जाता है।
- जामुन की गुठली का चूर्ण लगभग 4 ग्राम रोज सुबह-शाम पानी के साथ लेने से यह रोग दूर हो जाता है।
यह सब करते हुए आपको यह भी याद रखना है की सारा प्रपंच हमारे विचारों और हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन का है…इसीलिए ही तो हमारे पूर्वजो ने कहाँ है की जैसा अन्न वैसा मन।
विचार दूषित तो मन दूषित