सफेद शक्कर (Refined sugar) हैं (जहर) रिफाइंड शुगर

सफेद शक्कर (Refined sugar) हैं (जहर) रिफाइंड शुगर

सफेद शक्कर (Refined sugar) हैं (जहर) रिफाइंड शुगर सफेद चीनी जी हाँ आप चोक रहे होंगे की हम रोज हमारे किचन में यूज करते हैं वो एक जहर से कम नहीं हैं, सफेद चीनी को रिफाइंड शुगर भी कहते हैं

इसे बनाने के लिए सुक्रोज को गन्ने से प्राकृतिक रूप से मिलने वाली चीनी के साथ निकाला जाता हैं इसे रिफाइंड करने के लिए सल्फर डाई ऑक्साइड, फास्फोरिक एसिड, कैल्शियम हाइड्रोक्साइड और एक्टिवेटड कार्बन का उपयोग किया जाता हैं। इतना ही नहीं,रिफाइंड के बाद चीनी में मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन, एंजाइम्स जैसे पौषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसे साफ़ करके सफेद रंग देने के लिए हड्डी के कोयले का उपयोग प्रमुख रूप से रंगो और गन्धो को दूर करने के लिए होता हैं, एक समय अनेक देशों में सफेद चीनी के प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग होता था। और इसे साफ करने के लिए सल्फर का प्रयोग किया जाता हैं जो शरीर के लिए और भी हानिकारकक होते हैं। इसी वजह से शक्कर में भारी मात्रा में कैलोरी रहती हैं। मेटाबोलिज्म पर यह खराब असर डालती हैं,मेटाबोलिज्म से संबधित रोग जैसे कोलेस्ट्रोल का उच्च स्तर,इंसुलिन रेजिस्टेंस और उच्च रक्तचाप हो जाते हैं, चीनी के अधिक सेवन से पेट पर वसा की परतें अधिक मात्रा में जमा हो जाती हैं। और इससे कई तरह की बीमारियां,जैसे मोटापा, कैंसर, टाइप-2 डायबटीज, लीवर के रोग, ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियाँ होती हैं। शक्कर के रक्त में मिलने से पहले पाचन मार्ग में यह सिम्पल शुगर के दो भाग ग्लूकोज और फ्रक्टोज में विभाजित होती हैं। जो लोग शारीरिक श्रम नहीं करते उन्हें इससे बहुत मुश्किल होती हैं। चीनी या चीनी से बनी चीजे खाने के बाद तुरंत मुह साफ़ करना चाहिए ये दांतों की सुरक्षा कवच को नुक्सान पहुंचाती हैं। दिन भर में महिलाओं को 21 से 25 ग्राम और पुरषों को 30 से 35 ग्राम से ज्यादा चीनी नहीं खानी चाहिए। क्योंकि इससे ज्यादा चीनी खाने से आपके हेल्थ के लिए नुक्सान भी हो सकते हैं। अब आप कहोगे की क्या ऐसी चीजे खाएँ जिससे हमारी संतुष्टि भी हो जाएँ और कोई नुक्सान भी नहीं। तो आप मीठे में गुड़ खा सकते हैं खजूर खा सकते हो वो भी कम मात्रा में शक्कर या चीनी (Sugar) एक क्रिस्टलीय खाद्य पदार्थ हैं। Refined sugar प्राकृतिक और रिफाइंड में अंतर - प्राकृतिक चीजे प्राकृतिक रूप से मीठी होती हैं जो साबुत अनाज फल, सब्जियाँ बींस, मेवे से मिलता हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं। इनमें मौजूद विटामिन, मिनरल व खासकर फाइबर शरीर में शुगर की मात्रा को सीमित रखकर ब्लड शुगर सही रखते हैं, असल समस्या सेहत को उस चीनी से हैं जो फेक्ट्री में प्रोसेसिंग के बाद मार्केट में उपलब्ध होती हैं या मीठे का स्वाद बढ़ाने के लिए अलग से मिलाई जाती हैं इसे रिफाइंड शुगर कहते हैं। यह शुगर खाने के दौरान हमारा लीवर इसमें मौजूद प्रोक्टोज को चर्बी में बदल देता हैं। ऐसे में कुछ चर्बी तो बाहर निकल जाती हैं। लेकिन कुछ हिस्सा लीवर में ही रह जाता हैं। अधिक मात्रा में चीनी खाने से धीरे-धीरे चर्बी लीवर में बढ़ती हैं जिससे नॉन एल्कोहालिक लीवर, सिरोसिस व लीवर कैंसर की आशंका बढ़ जाती हैं। सफेद चीनी (sugar) के नुक्सान - घरों में इस्तेमाल की जाने वाली आर्टिफिशियल चीनी स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदेह होती हैं, वजह यह हैं की इसे इतना अधिक रिफाइंड कर दिया जाता हैं की इसमें मिठास के अलावा और कोई तत्व नहीं बचते। लेकिन रिफाइंड सफेद चीनी नुकसान के अलावा और कुछ नहीं करती। इसके नुक्सान को जानते हुए अधिकतर लोग अब इसका प्रयोग करना बंद कर रहे हैं।आप भी अपने स्वास्थ्य को लेकर परेशान हैं तो एक महीने के लिए ही रिफाइंड सफेद चीनी को पूरी तरह से बंद कर दें आपके स्वास्थ्य में किस तरह से बदलाव होता हैं।यह आप खुद महसूस करेंगे। हमारी डाईट में मौजूद चीनी हमारे ब्लड में मौजूद शुगर की मात्रा प्रभावित करती हैं अगर ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होती हैं तो त्वचा के लिए भी खतरनाक हो सकती हैं। ब्लड में बहुत अधिक चीनी की मौजूदगी हमारे स्किन के प्रोटीन कोलेजन को नुक्सान पहुंचाते हैं। यह कोलेजन हमारी त्वचा को जवान रखने और इसकी इलास्टिसिटी बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है। मुलायम और सॉफ्ट स्किन कोलेजन के स्वस्थ रहने पर ही निर्धारित होती हैं ऐसे में जब आप बहुत अधिक मात्रा में शुगर का सेवन कर रहे हैं तो आपकी स्किन जल्दी ही ढीली पड़ने लगती हैं और झुर्रियां भी होने लगती हैं जब आप अपनी डाईट में से रिफाइंड चीनी पूरी तरह से हटा देते हैं तो कुछ ही दिनों में आपको अपना पुराना गलो वापस नजर आता दिखने लगेगा हो सकता हैं, आपको अपनी स्किन पहले से भी ज्यादा चमकदार और गलोइंग दिखे। सफेद चीनी से हुई हानि बहुत ही धीमी और घातक होती हैं,आपके पाचक ग्रन्थि अधिवृक ग्रन्थि और हार्मोन प्रणाली को बुरी तरह खराब करने में सालों लग जाते हैं। दाँतों की मुख्य सड़न का कारण शक्कर ही होती हैं, जैसे दाँतों में गड्डे होना, मसूड़ों से खून निकलना, शुगर शरीर में एसिड पैदा करती हैं। प्राकृतिक शक्कर को रोकती हैं - (सफेद चीनी) अगर आप एक सुखी और जीवन चाहते हैं तो आप अपनी चीनी से इतनी घृणा करें उतना अच्छा हैं,यह सबसे खतरनाक चीज हैं। अब आपको इशारे के लिए बोल देते हैं की ये जो चीनी है ना, ये जो गन्ने के रस से बनाई जाती हैं ये Polysaccharide है

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Refined sugar और हम जो भोजन में से ले रहे हैं वो सब monosaccharide's हैं। ये जो polysaccharides हैं ये भोजन से मिलने वाली monosaccharide's को डाइजेस्ट होने से सबसे ज्यादा रोकती हैं भोजन के अंदर की जो monosaccharide's हैं वो इस polysaccharides को बदलने के लिए लगातार झगड़ा करती हैं और इस झगड़े में सबसे ज्यादा वास्ता होता हैं हमारे शरीर को जो द्रव हैं जिसे आप इंसुलिन कहते हैं, उसका और इस इंसुलिन को ppencres (शरीर का एक अंग) पैदा करती हैं, मतलब सीधा सा ये यह की अगर आप चीनी खरीद कर खायेगें तो यह चीनी आपके शरीर में जो भोजन में से मिलने वाली नेचुरल शुगर हैं उसको रोकेगी और उसमे सबसे ज्यादा इंसुलिन पैदा होगा इंसुलीन ज्यादा पैदा करने के लिए pancreas को ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी, pancreas अगर ज्यादा मेहनत करने में लग गयी तो आपको 101%डायबटीज होगी और जिनको डायबटीज होगा, उनको हार्ट अटैक होगा उनको नपुंसकता होगी, आँखे भी कमजोर होने लगेगी, वो बच्चे पैदा नहीं कर सकते वो कुछ नहीं कर सकते उनका जीवन ही उनके ऊपर बोझ होता हैं। महर्षि वागभटजी - साढ़े तीन हजार साल पहले भारत के महान वैज्ञानिक (महर्षि वागभटजी) ने यह कहा था की भोजन में कोई ऐसी चीज मत खाइयें जो प्राकृतिक भोजन को शक्कर में अवशोषित करने में दीकक्त करें, और यह बात साढ़े तीन हजार साल बाद हम देख रहे हैं की हमारी आँखों के सामने सिद्ध हो रहा हैं, अपने रसोईघर में किसी चीज से घृणा करनी हो तो वो हैं चीनी आप चीनी से इतनी घृणा करें की इतनी घृणा अपने दुश्मन से भी नही करते। अगर आपको यह बात समझ में आई हो तो रसोईघर से चीनी को हमेशा के लिए बाहर करिये और इसे अपनी डाईट में कभी भी शामिल मत करिये।

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