ब्रेन हेमरेज (brain hemorrhage)से बचने के लिए करें ये आसान उपाय

ब्रेन हेमरेज (brain hemorrhage)से बचने के लिए करें ये आसान उपाय

ब्रेन हेमरेज(brain hemorrhage) की समस्या -

हमारे शरीर में मस्तिष्क और नाड़ियो को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की निरंतर आपूर्ति रक्त वाहिकाओं से रक्त के द्वारा की जाती है। जिस तरह ह्रदय को रक्त नहीं पहुंच पाने से हार्ट अटैक आ जाता है, उसी प्रकार मस्तिष्क के कुछ हिस्से को 3 से 4 मिनिट से ज्यादा रक्त न मिलने पर प्राणवायु और पोषक तत्वों में कमी होने से वह नलियाँ फटने लगती है, इसे ही ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन हेमरेज कहते है। ब्रेन हेमरेज एक तरह का मानसिक दौरा (स्ट्रोक) है।
यह दिमाग की धमनियां जो दिल से शरीर के बाकी हिस्सों तक खून पहुँचाने का कार्य करती है इन नलियां के फटने के कारण होता है जिससे मस्तिष्क के ऊतकों में रक्तस्त्राव हो जाता है। ब्रेन हेमरेज से होने वाला रक्तस्त्राव मस्तिष्क कोशिकाओं को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर देता है। मस्तिष्क से रक्त बहने के कारण खोपड़ी और दिमाग के बीच दबाव पैदा हो जाता है जो दिमाग के कई हिस्सों को क्षति पहुंचा सकता है। दिमाग में जब किसी नसों के फटने के कारण खून बहता है तो उसे हेमरेज स्ट्रोक कहते हैं।
ब्रेन हेमरेज हाई ब्लड प्रेशर,बीपी, नसों का अत्यंत कमज़ोर हो जाना ,दवाई के दुरूपयोग और मस्तिष्क में गंभीर चोट के कारण होता है। जिन व्यक्तियों को ब्रेन हेमरेज होता है उनमे स्ट्रोक के जैसे ही लक्षण दिखाई देते है। इस रोग के कई कारण हो सकते हैं। इसमें प्रमुख है रक्त नालियों का उलझना, रक्त स्राव, सिर पर चोट और खून का पतला होना, ड्रग्स लेना, ज्यादा दवाइयां का सेवन करना या शराब पीने की वजह से भी ब्रेन हेमरेज हो सकता है। ब्रेन हेमरेज का असर इसकी गंभीरता, खोपड़ी में सूजन तथा उपचार के देरी पर निर्भर करता है।
कुछ लोगों पर इसका प्रभाव कम पड़ता हैं तो वहीं कुछ लोगों के मस्तिष्क हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो जाते है। ब्रेन हेमरेज में खून का स्राव होने से दिमाग का सामान्य रक्त प्रवाह बदल जाता है। जिसके कारण पैरालाइसिस यानी लकवा, हार्ट अटैक या अन्य गंभीर बीमरियां हो सकती है यह बीमारी ठीक भी हो सकती है और नहीं भी।
कई बार बड़े स्ट्रोक से पहले छोटा स्ट्रोक आता है, जिसमें कुछ समय के लिए आंख की रोशनी चली जाती है और फिर लौट आती है। या फिर अंग का कोई हिस्सा कमजोर हो जाता है और फिर ठीक हो जाता है। ऐसा चक्कर व तेज सिर दर्द हो सकता है, जो जिंदगी में पहली बार हुआ हो। पीडि़त को सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है और वह अचेत भी हो सकता है। कैसे होता है
चाहे हेमरेज हो या स्ट्रोक, दिमाग का प्रभावित हिस्सा काम करना बंद कर देता है। दिमाग के अंदर बना क्लॉट आसपास के हिस्से को दबाकर निष्क्रिय कर देता है, जिससे वह काम करना बंद कर देता है। ऐसे में उस हिस्से का जो भी काम है, उस पर असर पड़ता है। हाथ-पांव चलने बंद हो सकते हैं, दिखने और खाना निगलने में दिक्कत हो सकती है, बोलने में परेशानी हो सकती है और बात समझने में मुश्किल आ सकती है। अगर दिमाग का बड़ा हिस्सा प्रभावित हो तो स्ट्रोक जानलेवा भी साबित हो सकता है।
पैरालिसिस अचानक होता है। अक्सर पीड़ित रात में खाना खाकर ठीक-ठाक सोने जाता है। सुबह उठता है तो पता चलता है कि हाथ-पांव नहीं चल रहा। खड़े होने की कोशिश करता है तो गिर जाता है। कई बार दिन में ही काम करते या खड़े-खड़े या बैठे-बैठे अचानक पैरालिसिस हो जाता है। हेमरेज अक्सर तेज सिरदर्द और उलटी से शुरू होता है। फिर शरीर का कोई अंग काम करना बंद कर देता है और बेहोशी आने लगती है।

ब्रेन हेमरेज के प्रकार -brain hemorrhage

इंट्रासेरेब्रल हेमरेज - मस्तिष्क के अंदर खून का स्त्राव होना। सबरकनॉइड हेमरेज - मस्तिष्क और उसे सुरक्षित करने वाली झिल्ली (मेम्ब्रेन) के बीच खून का स्त्राव होना। सबड्यूरल हेमरेज - दिमाग और रीढ़ की हड्डी के आस-पास की झिल्ली) की निचली सतह और दिमाग के ऊपरी हिस्से के बीच खून का स्त्राव होना। एपीड्यूरल हेमरेज - खोपड़ी और दिमाग के बीच खून का स्त्राव होना।

ब्रेन हेमरेज के लक्षण -

अचानक से सिर में बहुत तेज़ दर्द होना,अचानक से दौरा पड़ना जो आज से पहले कभी नही हुआ,बाजू या पैर में कमज़ोरी लगना, सुस्ती आना,आँखों से दिखना कम हो जाना, उल्टी आना, शरीर का कोई भी हिस्से का सुन्न पड़ जाना, बोलने में कठिनाई होना, समझने की शक्ति खो देना, खाने में परेशानी होना,हाथों का कांपने लगना,बेहोशी महसूस होना आदि लक्षण होने पर आपको ब्रेन हेमरेज हो सकता है।

बचाव के उपाय-

संतुलित और ताजा आहार सेवन करें, अपने के वजन को कंट्रोल करें, रोजाना व्यायाम जरुर करें, धूम्रपान और तंबाकू का सेवन न करें, कार चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट का इस्तेमाल करे, खेल खेलते समय सेफ्टी का सामान और हेलमेट जरुर पहने, ड्रग्स और पेन किलर्स के अत्यधिक और अनुचित प्रयोग नहीं करें,शराब का सेवन नहीं करें,अधिक तनाव नहीं लें,कोलेस्ट्रॉल न बढ़ने दें,
ब्लड प्रेशर को नियन्त्रण में रखें क्योकि यह ब्रेन हेमरेज का एक प्रमुख कारण है, शरीर में एसिड का बढ़ना यानि आपके भोजन में ऐसी चीजे शामिल है जिनमे एसिड अधिक है और ब्रेन अटेक होने की मूल जड़ ये ही है इस पर आघात करना ही पूर्ण समस्या से मुक्त होना है साथ ही डायबिटीज को बढने ना दें,सही नींद लें, संतुलित और स्वस्थ भोजन का अर्थ यह है कि फल, सब्जियां, साबुत अनाज, बादाम, अनाज, बीज भोजन में शामिल करें। बचाव ही उपचार है इसलिए सावधानियाँ रखे। धन्यवाद

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