Mishri cures many diseases

धागे वाली मिश्री है कई बीमारियों का इलाज (Mishri cures many diseases)

मिश्री है कई बीमारियों का इलाज (Mishri cures many diseases)
इसे मुख्य रूप से गन्ने और खजूर के रस से तैयार किया जाता हैं, इसका उत्पादन सबसे पहले भारत में ही शुरू हुआ, इसके बाद धीरे-धीरे यह पुरे विश्व में उपयोग की जाने लगी।

इसमें चीनी के मुकाबले कम मिठास होती हैं मिश्री के आकार में बड़े टुकड़े को अंग्रेजी में (rock sugar) के नाम से भी जाना जाता हैं, आपको यह कई रूप और कई आकार में मिल जाएगी। और पूजा के बाद प्रसाद के रूप में मिश्री अपना ख़ास महत्व हैं,

वही कुछ लोग मीठे पकवान या फिर दूध में चीनी की जगह मिश्री का ही इस्तेमाल करते हैं। मिश्री चीज ही ऐसी हैं, जो मुहँ में जाते ही मिठास घोल देती हैं। क्या आप जानते हैं की मिठास से भरी मिश्री को कई गंभीर बीमारियों का अचूक इलाज भी माना गया हैं।

इसमें औषधीय गुण इतने हैं की कई आयुर्वेदिक दवाओं में इसे विशेष प्रभाव की लिए इस्तेमाल किया जाता हैं अब मिश्री के फायदों के बारे में बात करते हैं -शरीर में हिमोग्लोबिन का स्तर कम होने से खून की कमी होती हैं बिना कुछ किए थकान महसूस होती हैं,
कमजोरी का एहसास होता हैं कई लोगों को चक्कर भी आते हैं, तो वही खून की कमी के कारण कुछ लोगों की रंगत चली जाती हैं। तो इस कारण मिश्री का सेवन रक्त में हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाकर एनीमिया से बचाव करती हैं।
इसके अलावा यह शरीर में रक्त परिसंचरण में भी सुधार करती हैं।और मिश्री में डाइजेस्टिव गुण मौजूद होते है, जिससे खाना जल्दी और आसानी से डाइजेस्ट हो जाता हैं। इसलिए खाना खाने के बाद मिश्री और सौंफ का सेवन जरुर करें,
सौंफ के साथ मिश्री खाने का सबसे पहला लाभ तो यह हैं कि सौंफ का जो हल्का कसैला-सा स्वाद होता हैं मिश्री के साथ इसे खाने से उस स्वाद का अहसास नहीं हो पाता हैं। सौंफ के साथ मिश्री खाने से दूसरा लाभ यह होता हैं कि भोजन करने के पूर्व संतुष्टि हमारे शरीर और मन को प्राप्त होती हैं
इससे मानसिक एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती हैं। और अगर शरीर में गर्मी हो तो मिश्री खा लें मिश्री खाने से शरीर को ठंडक मिलती हैं,और शरीर की गर्मी से राहत मिल जाती हैं। गर्मी होने पर आप एक गिलास ठंडे पानी में मिश्री के दाने डाल दें,

इस पानी में मिश्री को अच्छे से घोले और यह घूल जाएँ तो इस पानी को पी लें। यह पानी पीने से शरीर अंदर से ठंडा हो जाएगा। मिश्री के अंदर फाइबर, विटामिन, खनिज, एमिनो एसिड और कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसका प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में खूब किया जाता हैं।

मुँह के छालों में आराम देती हैं धागे वाली मिश्री - अगर आप के मुहँ में छाले हो गये हो तो छालों की समस्या से राहत पाने के लिए भी आप मिश्री का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके लिए मिश्री और हरी इलाइची को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाएँ और उसे मुहँ के छालों पर लगाएं, नियमित रूप से इस प्रक्रिया को अपनाने से छालों की समस्या जल्द ही खत्म हो जाती हैं।
इलाइची और धागे वाली मिश्री के फायदे - इलाइची का खाना खाने के बाद सेवन करने से मुहँ की दुर्गन्ध दूर करने के साथ दांतों की कैविटिज की समस्या से भी छुटकारा मिलता हैं। इसके अलावा उल्टी और मितली की परेशानी भी दूर होती हैं। इलाइची के अर्क को रोजाना सेवन करने पर लीवर से जुड़ी बीमारियों (फैटी लीवर का खतरा कम होता हैं।

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वजन को नियंत्रित करती हैं धागे वाली मिश्री - अगर आप अधिक वजन से परेशान हैं तो मिश्री का उपयोग आप के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता हैं, मिश्री का सौंफ के साथ पाउडर बनाकर नियमित एक चम्मच लेने से वजन कम होता हैं अगर आप चाहो तो सौंफ की जगह धनिया पाउडर का भी उपयोग कर सकते हैं।
आँखों की रोशनी को बढाती हैं धागे वाली मिश्री - मिश्री औषधीय गुणों में से एक यह भी हैं कि इसे खाने के बाद आँखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती हैं मिश्री का सीमित मात्रा में नियमित सेवन करने से आँखों की रोशनी के अलावा मोतियाबिन्द जैसी समस्या में भी सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित कर करता हैं।
और आँखों के साथ-साथ मष्तिष्क के लिए भी फायदेमंद हैं मिश्री आयुर्वेद में मिश्री को मानसिक स्वास्थ्य की एक प्राकृतिक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता हैं। मिश्री को गर्म दूध के साथ हर रात पीने से याददाश्त मजबूत होती हैं और मानसिक तनाव से भी राहत मिलती हैं।
पाचन का सुधार करती हैं मिश्री - पाचन प्रक्रिया में सुधार के लिए भी मिश्री का उपयोग फायदेमंद माना गया हैं। आयुर्वेद में भी इस बात का वर्णन हैं की खाने के बाद मिश्री को सौंफ के साथ सेवन करने से पाचन क्रिया बेहतर हो सकती हैं,
मिश्री में डाइजेस्टिव गुण मौजूद होते हैं जिससे खाने को पचाने में मदद मिलती हैं इस कारण हम कह सकते हैं यह नुस्खा पाचन प्रक्रिया को सुधारने में भी मदद करता हैं।

खासी में तुरंत फायदा करती हैं मिश्री - अगर किसी को खासी हो तो तुरंत आराम देती हैं मिश्री और गले में खराश आदि भी खत्म करती हैं। और खासी ज्यादा परेशान कर रही हो तो मिश्री इसे दूर करने में काफी मदद करती हैं।

धागे वाली मिश्री फायदेमंद होती हैं गर्भवती महिलाओं के लिए - मिश्री का सेवन गर्म दूध के साथ करने से मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बना रहता हैं। साथ ही तनाव से मुक्ति मिलती हैं और गर्भवती महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण चिंता, तनाव, और अवसाद की समस्याओं का होना आम हैं इसलिए गर्भवती महिलाओं को इन समस्याओं से राहत मिल सकती हैं।
धागे वाली मिश्री से होता हैं नकसीर में आराम - नाक में से बहते खून को (नकसीर) कहते हैं। जो काफी आम समस्या हैं, मिश्री की तासीर ठंडी होती हैं और यह शरीर को शीतल कर गर्मी के प्रभाव को दूर रखता हैं
नाक से खून आने की समस्या गर्मियों के दिनों में ही देखी जाती हैं, जो शरीर का तापमान बढ़ने के कारण होती हैं। पानी के साथ मिश्री का सेवन इस समस्या से राहत पाने का एक बेहतर विकल्प हैं।
खांसी-ज़ुकाम और गले की खराश के लिए - खांसी-ज़ुकाम और गले में खराश होने पर आप धागे वाली मिश्री का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप मिश्री के दस और काली मिर्च के पांच दानों को पीसकर पाउडर बना लें। दोनों को मिलाकर रात में सोने से पहले इसका सेवन करें।

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