फेफड़ों के संक्रमण (lung infection) से बचने के घरेलू उपाय सीने के डिहाइड्रेशन (dehydration) को रोकने के लिए और पतले बलगम को खांसने में आसान बनाने के लिए बहुत ज्यादा तरल पदार्थ पीएं
और आप किसी प्रकार का नशा (dhumrpaaan) करते हैं, तो तुरंत छोड़ दें, खांसी की दवाओं पर अपने पैसे बर्बाद मत करो। इसके बहुत कम सबूत हैं की वे काम करेंगे।और किसी भी मामले में खांसी आपके फेफड़ों से बलगम (phlegum) को हटाकर फेफड़ों को संक्रमण को अधिक तेजी से साफ़ करने में मदद करता हैं। यदि आपको खांसी हैं और खांसी की वजह से गले में खराश हैं,तो आप अपनी खांसी को शहद और नींबू के गर्म पेय से ठीक कर सकते हैं,क्योंकि ब्रोंकाइटिस आमतौर पर वायरस के कारण होता हैं, एंटीबायोटिक (antibiotics) के सेवन से शायद ही आपके सुधार में मदद मिलेगी, ब्रोंकाइटिस के लिए अनावश्यक रूप से एंटीबायोटिक का सेवन एंटीबायोटिक प्रतिरोधक (antibiotics resistance) बनकर हानि पहंचा सकता हैं। निमोनिया हैं तो आप घर पर एंटीबायोटिक टैबलेट का सेवन कर सकते है। यदि निमोनिया अधिक गंभीर हैं तो एंटीबायोटिक अस्पताल में नसों के द्वारा दी जाएगी।वैसे तो सीने का संक्रमण अन्य संक्रमण जैसे फ्लू की तरह संक्रामक नहीं होता हैं, आप इसे खासने या छिकने के द्वारा दूसरों में फैला सकते हैं। और अगर आप धम्रपान करते हैं तो सीने के संक्रमण होने का खतरा अत्यअधिक रहता हैं। उदाहरण के लिए आपकी उम्र 65 साल हैं तो आपको वैकसीनेशन की सलाह दे सकते हैं। सांस लेने में दिक्कत क्यों होती हैं? अधिकाँश मामलों में ऑक्सीजन की कमी से सांस लेने में परेशानी होती हैं, लेकिन अन्य मामलो में यह गंभीर बिमारी का संकेत हो सकता हैं। हार्ट संबंधी समस्या की शुरुआत भी सांस की समस्या से होती हैं बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन के कारण भी सांस लेने में समस्या हो सकती हैं जिन लोगों को अस्थमा की समस्या हैं, इन्हें इसका सबसे ज्यादा खतरा रहता है। श्वास नली क्षतिग्रस्त होने से भी सांस लेने में दिक्कत होती हैं।
