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कोल्डड्रिंक (cold drink) को ना पिएं वरना हो सकते है ये खतरनाक रोग

कोल्डड्रिंक (cold drink) को ना पिएं वरना हो सकते है ये खतरनाक रोग लेकिन क्या आपको मालूम है कि तेज धूप में शरीर को ताजगी देने के लिए जिस कोल्ड ड्रिंक का आप इस्तेमाल कर रहे हैं वो शरीर के लिए कितनी हानिकारक है गर्मियों के दिनों में कोल्ड ड्रिंक लगभग सभी लोग पीते हैं और सभी दुकानों पर कोल्ड ड्रिंक मिल भी जाती है | आप किसी छोटे से छोटे गांव में भी अगर जाए तो वहां पर भी आपको कोल्ड ड्रिंक मिल जाएगी| जब गर्मी होती है तो कोल्ड ड्रिंक पीने से बहुत शांति मिलती है हम जिसे कोल्डड्रिंक के नाम से जानते हैं उसे वैसे सॉफ्ट ड्रिंक के नाम से जाना जाता है|

ठंडे पेयों (cold drink) का pH मान 2.4 से लेकर 3.5 तक होता है जो एसिड की सबसे तेज सीमा होती है।रसायनिक रूप से घरों में जो टायलेट क्लीनर उपयोग में लाते है इसका भी pH मान 2.5 से लेकर 3.5 के बीच होता है। सामान्य रूप से पानी का pH मान 7.0 के आसपास होता है, जो कि पिने के लिए सर्वोत्तम है। इसीलिए राजीव जी ने ठंडा मतलब टायलेट क्लीनर का मुहावरा दिया है। पोटेशियम सोरबेट,सोडियम ग्लूटडाई ऑक्साइड जैसे जहर इसमें मिलाये जाते है। इसके अलावा मेलाथियान, लिन्डेन, डीडीटी जैसे खतरनाक रसायन भी मिलाये जाते है। इन कोल्डड्रिंक बनाने वाली कम्पनियों ने हमारे राजनितिक नेतृत्व को खरीद कर जिस तरह से भारतीय बाजार पर कब्जा किया है वह सबके सामने है। संसद के भोजनालय में प्रतिबंधित होने के बाद भी यह पुरे देश में धडल्ले से बिक रहे है। हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और ठंडे पेयों से बचें। इससे आप आंतो के कैंसर, अपच, एसिडिटी जैसी बिमारियों से बच सकते है। गर्मी की वजह से आपका पाचन तंत्र काफी प्रभावित होता है. ऐसे में जब आप तेज धूप से निकलर एसिड से लैस कोल्ड ड्रिंक पीते हैं तो इसे पचा पाना शरीर के लिए काफी मुश्किल हो जाता है. इसका प्रभाव इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि आप बीमार तक पड़ सकते हैं.
कोल्डड्रिंक में उपलब्ध कीटनाशकों का मानव शरीर पर दुष्प्रभाव -
लिन्डेन का मानव शरीर पर दुष्प्रभाव- लिन्डेन हमारे शरीर में जाने के बाद वसीय उतकों में जमा हो जाता है। यह शरीर के लीवर,किडनी तथा प्रतिरोधक तंत्र को नष्ट करता है और कैंसर पैदा करता है। मानव शरीर की सभी ग्रन्थियों पर भंयकर दुष्प्रभाव लिन्डेन का होता है। डीडीटी का मानव शरीर पर दुष्प्रभाव- डीडीटी महिलाओं के वक्षस्थल (स्तन) के कैंसर के लिए मुख्य जिम्मेदार रसायन है। मानव शरीर की सेक्स क्षमता को बहुत कम करने का काम करता है। पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की क्षमता कम करने का कार्य भी यह डीडीटी रसायन करता है।। क्लोरो पायरी फ़ॉस का दुष्प्रभाव - मानव शरीर के तंत्रिका तंत्र,थाईराइड ग्रन्थि तथा मांसपेशियों पर भयंकर दुष्प्रभाव इस रसायन का होता है। मेलाथियान का दुष्प्रभाव- मेलाथियान का दुष्प्रभाव शरीर के सभी अंगों पर पड़ता है इस रसायन के कारण पक्षाघात (लकवा)का सबसे अधिक खतरा होता है। कैफीन का दुष्प्रभाव -इस रसायन का शरीर पर काफी बुरा असर होता है। अनिद्रा,घबराहट,चिंता,चिडचिडापन,हड्डियों में कमजोरी आदि बिमारियां कैफीन के कारण होती है। यदि गर्भवती स्त्रियों के शरीर में कैफीन की मात्रा कुछ ज्यादा हो जाए तो फिर पैदा होने वाले बच्चे के शरीर में काफी विकृतियाँ हो जाती है। ठंडे पेयों में मीठापन लाने वाले रसायनों का दुष्प्रभाव- ठंडे पेयों में मीठापन लाने के लिए सैकिन,एस्परटेम का उपयोग किया जाता है।ये दोनों ही रसायन मुत्रपिंड के कैंसर को पैदा करते है। एस्परटेम रसायन से गर्भस्थ शिशु पर बुरा असर पड़ता है। मानव शरीर के तंत्रिका तंत्र,थाईराइड ग्रन्थि तथा मांसपेशियों पर भयंकर दुष्प्रभाव इस रसायन का होता है।

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