virus

कोई भी वायरस (virus) हो खत्म हो जायेगा बस आपको यह करना है

भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) बहुत तेजी से फेल रहा है, लोगो का घर से बाहर निकलना बद से बत्तर हो गया है हर एक व्यक्ति कोरोना से डरा हुआ है,और अपने घरो में ही डरकर कर बेठे हुए है,
और इटली जैसे अन्य 186 देशो का बुरा हाल देखकर भारत सरकार ने इस पर जो फेसला लिया है वो हम सब जानते है और सरकार के इस फेसले को हमे मानना भी पड़ेगा,पर ये सब इतना जल्दी हो रहा है की आप कुछ समज नही पा रहे होंगे की ये सब क्या हो रहा है। थोडा रूककर हम सबको इसे समजना भी जरुरी है की ये वायरस (Virus) क्या है? बेक्टीरिया क्या है? और कैसे इनका वंश फेलता है ।
क्या ये वायरस (Virus) पहले नही होते थे क्या पहले लोग वायरस (Virus) की चपेट में नही आते थे,आपको बता दे की जब से ये धरती बनी है तब से वायरस (Virus) और बेक्टीरिया इस धरती पर मोजूद है,और लाखो करोड़ो सालों से ये शरीर इन बेक्टिरिया और वायरस (Virus) रूपी राक्षस से लड़ता आ रहा है,पर ये सब हमे नही दिख रहा,
परमात्मा ने पहले से ही इस शरीर में एंटीवायरस डालकर भेजा है ताकि हम इन अद्रश्य बेक्टीरिया और वायरसो से बचे रहे,और इस शक्ति को रोग उपचारक शक्ति (प्राणशक्ति) कहते है।
ये प्राणशक्ति समय समय पर कम और ज्यादा हो जाती है यानी कम उम्र में ये ज्यादा होती है और बड़ी उम्र में कम हो जाती है,प्राणशक्ति ही हमारी जीवनी शक्ति है ओर इसी से हम रोजमर्रा के काम कर पाते है,पहले सभी लोगो की प्राणशक्ति बहुत अधिक होती थी
जिससे वो बहुत ही कम बीमार पड़ते थे,उस समय प्राणशक्ति ज्यादा होने का कारण आप ये भी समज सकते है की उस समय इतनी टेक्नोलॉजी भी नही थी या इतना प्रदुषण भी नही था...पर आज सबकुछ अलग है ज्यादातर लोग बीमार ही है और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है, और इसका क्या कारन है ये आप सबको पता है।
में इस लेख को ज्यादा लम्बा नही खीचना चाहता पर आप बस इस बात को समज ले की इस प्रदुषण वाले दोर में किस तरह हम अपनी प्राणशक्ति को बढ़ा सकते है क्योकि आज विज्ञान ने बहुत तरक्की करी है इसलिए ही तो बायोलोजिकल वेपन हमारे लिए तेयार हो रहे है,और जिससे ही ये कोरोना जैसे वायरसो का निर्माण किया जा रहा है,
ये विज्ञानं की तरक्की का ही नतीजा ही तो है जिससे वो आज किसी भी तरह का वायरस (Virus) अलग से बना सकती है और ये ही बायोलोजिकल वेपन है ।
असल मायने में अगर विज्ञानं ने सचमुच तरक्की की है तो फिर इतनी बीमारिया क्यों है,(ये एक बहुत बड़ा षड़यंत्र है जो हमारे लिए रचा जा रहा है)। लेकिन आप डरियेगा बिलकुल भी मत आज का विज्ञान भले ही कितने भी बायोलोजिकल वेपन बना ले वो हमारा कुछ भी नही बिगाड़ सकते बस हमे उस चीज को नष्ट करने और अपनी प्राणशक्ति को बढाने की समज होनी चाहिए ।
अभी हम आपको प्राण शक्ति को बढ़ाने का अद्भुत तरीका बता रहे है जिससे आपकी प्राणशक्ति तो बढ़ेगी ही साथ ही वातावरण में मोजूद जितने भी वायरस (Virus) और बेक्टिरिया मोजूद है वो सब खत्म हो जायेंगे चाहे वो कोरोना,डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया,निपाह,जीका,h1n1 ही क्यू न हो एक भी वायरस (Virus) आपके इन्वारमेंट में नही रुक सकता और ये 100%सत्य बात है
और ये कोई आज की नई खोज नही है,हमारे ऋषियों ने इसे हमारे धर्म से जोड़ा और समय समय पर हवन करने के लिए कहा गया और एक हवन करने से क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ और क्या क्या आध्यात्मिक लाभ होते है उनके बारे में धर्म ग्रंथो में विस्तार से बताया गया ।

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हमारे ऋषियों को इस बात का पता था की एक समय अवधि के बाद जीवाणु और विषाणुओ की संख्या बहुत अधिक बढ़ जाती है और उसका सीधा असर हमारी प्राणशक्ति पर होता है प्राणशक्ति के कमजोर होते ही ये वायरस (Virus) शरीर में अपना डेरा जमाने लगते है जिससे अगर व्यक्ति सावधानी और समजदारी से काम न ले तो व्यक्ति की मोत भी हो सकती है
इसलिए ऋषियों ने हवंन करने का विधान धर्म ग्रंथो में बताया ताकि आपके आसपास के वातावरण में जितने भी वायरस (Virus), बेक्टीरिया मोजूद है वो खत्म हो सके और साथ ही आपको अध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त हो सके।
हवन करने के बहुत से विधान हमारे ग्रंथो में मिलते है जिसमें अलग अलग समय यानि ऋतू अनुसार अलग अलग जड़ी-बूटियों से हवन का उल्लेख है।आपने मंदिरों में अक्सर गोबर के जलते हुए कन्डो पर नारियल की गिरी ,देशी घी डालते हुए पुजारियों को देखा होगा,ये एक हवन ही है
इसके आलावा आप याद कीजिये की साल के 365 दिन में आप किस दिन कंडे जलाकर उसमे घी की आहुति से ज्योत जलाते है। वो आपके पितरों का श्राद भी हो सकता है,या अलग अलग जाती अनुसार अलग अलग तिथि जैसे कोई जाती दूज ,तेरस तो कोई च्योहदस,अमावश्या तिथि के दिन धुप यानि छोटा हवन घर में हर महीने करते है।
अगर आप इन सबके पीछे के रहष्य को जान गये तो आप समज जांएगे की हमारे ऋषि कितने समजदार थे | इन छोटे हवनो के साथ ही मावन हित के लिए बड़े हवन भी किये जाते थे जिससे 4 से 5 किलोमीटर के दायरे को जडीबुटीओ और शुद्ध गाय के घी से आहुति देकर शुद्ध किया जाता था। आज भी बहुत से विद्वान लोग जिनको हवन की महत्वता पता है वो हवन जरुर करते है। पर हम तो मोर्डन जमाने के लोग है हम आखिर हवन क्यू करेंगे,हमे तो अपने निजी कामो से ही फुर्सत नही है |
दोस्तों आज एक्शन लेने का समय है आखिर कब तक हम यु ही डर डर के जीते रहेंगे पहले मुगलों के गुलाम थे फिर अंगेजो के और आज फार्मा कम्पनियों के वो जैसा चाहे नाच नचा सकती है(हमारी संस्कृति को नष्ट किया गया है इसके पीछे बहुत बड़ा षड़यंत्र है) आज जो कोरोना का कहर चारो तरफ छाया हुआ है उससे बचने के लिए अगर सभी अपने अपने घर में एक छोटा हवन करे तो सम्पूर्ण मावन जात को फेलने वाली महामारी से बचाया जा सकता है|
छोटा हवन बड़ा धमाका सामग्री - एक गोबर का सुखा कंड़ा,भीमसेनी कपूर का एक छोटा टुकड़ा,2 इलायची,2 लोंग,और एक चम्मच देशी गाय का घी... बाजार में मिलने वाला घी किसी काम का नही है इस बात का विशेष ध्यान रखे,घी अगर शुद्ध है तो एक चमच्च घी की आहुति से 1 टन ऑक्सीजन का निर्माण होता है तो आप सोच सकते है आप कितना बड़ा महान कार्य करने जा रहे है|
हवन करने की विधि- गोबर के सूखे कंडे को जला ले फिर उस पर 2 इलायची 2 लोंग थोडा सा भीमसेनी कपूर का टुकड़ा डाले उसके बाद एक चम्मच गाय का शुद्ध घी भी उसके उपर डाले,इससे उठने वाले धुएं को अपने पुरे घर में घुमाये,यह हवन आप रोज शाम को कर सकते है
जितने भी वायरस (Virus) और बेक्टीरिया आपके आसपास है सभी इस हवन से नष्ट हो जायेंगे,घबराने की कोई आवश्यकता नही है कोई भी वायरस (Virus) आपका कुछ नही बिगाड़ पायेगा |

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