बंद डिब्बे वाला दूध (Canned milk) हैं (खतरनाक) कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर दूध हमारे शरीर को एनर्जी बढ़ाने वाले कई पोषक तत्व देता हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक पैकेटबंद दूध के नुकसान भी हैं।
पैकेटबंद दूध में कई बार मिलावट होने की बात सामने आ चुकी हैं, क्या आपको पता हैं दूध को गाढ़ा बनाने के लिए यूरिया डाला जाता हैं जो हम लोग खेतों में डालना भी उचित नहीं समझते हैं और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए मेलामाइन डाला जाता जिससे की 1 लीटर दूध से 4 लीटर दूध बना सके और दूध को चिकना बनाने के लिए कास्टिक सोढा जो की ये कास्टिक सोढा दूध को चिकना बनाने के साथ-साथ दूध में जाग भी देता हैं, क्या आपको पता नहीं कास्टिक सोढ़े का यूज कपड़े धोने के डीटरजन में किया जाता हैं। और दूध को लम्बे समय तक पिजर्व रखने के लिए दूध में फोर्मिलन मिलाया जाता हैं। क्या आपको पता हैं फोर्मिलन का यूज कहा होता हैं फोर्मिलन का यूज लाशों को लम्बे समय तक सड़ने से बचाने के लिए किया जाता हैं।अब देख लो यह हैं आपका (दूध) पैकेट वाले दूध को दूध नहीं स्लोह पोइजन कहते हैं। जो धीरे-धीरे शरीर को बीमारियों का घर बनाता हैं और फिर जीवन भर इससे होने वाले नुकसानों को दरकिनार नहीं किया जा सकता। पैकेटबंद दूध का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव का छोटे बच्चों पर पड़ता हैं प्रीमैच्योर होने की वजह से पैकेट वाले दूध से उनकी किडनी, लीवर और ब्रेन को नुक्सान पहुंच सकता हैं इतना ही नहीं इससे वे मेंटल डिसऑर्डर का भी शिकार हो सकते हैं। पैकेट वाले वाले दूध में कोंटेमिनेट होता है और उसमें बहुत सी चीजे मिली हुई होती हैं जिससे डायरिया, इंटेस्टाइन इंफेक्शन, लूज मोशन, टाइफाइड, उल्टी और फ़ूड प्वाइजनिंग होने की संभावनाएं अधिक होती हैं इन सारी समस्याओं से बचने के लिए आपको पैकेट वाले दूध को पीने से बचना चाहिए। पैकेट वाले दूध में बहुत से हानिकारक केमिकल भी मौजूद होते हैं।
यह भी पढ़े ⇒ दूध (Milk when how much time) कब कितना किस समय पीना चाहिए ⇐

