औषधीय गुणों से भरपूर है पुदीना (Benefits of peppermint), जानें इसके फायदे पुदीना एक ऐसा पौधा हैं, जिसका उपयोग भारतीय रसोई घरों में मुख्य उप में चटनी के रूप में किया जाता हैं।पुदीने की भीनी खुशबू और स्वाद से भला कौन परिचित नहीं होगा।
चटनी हो या आम पना, रायता हो या पुलाव हर किसी के साथ मिक्स होकर यह अनोखा स्वाद देता हैं। भारतीय रसोई में पुदीने का इस्तेमाल कई रूपों में किया जाता हैं। पुदीने में मिंथोल, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइडरेड, विटामिन-ए, सी, डी, ई, कैल्शियम और कुछ मात्रा में फास्फोरस और कुछ मात्रा में विटामिन बी भी होते हैं,
रिबोफ्लेविन, कॉपर, आयरन आदि पाएं जाते हैं। पुदीने की पत्तियाँ एंटीओक्सिडेंट से भरी होती हैं, जो की पेट की मांसपेशियों को आराम देती हैं और पाचन क्रिया तन्त्र को दुरस्त भी रखती हैं।
और इसमें मौजूद मिंथोल आपके नाक के बंद द्वार खोल देगा। पुदीने के जूस में पुदीने की पत्तियों को कुचल कर डालने से नाक से सांस लेने में आसानी होती हैं। पुदीने में तेज आने वाली खुशबू और एंटीऑक्सिडेंट दोनों ही मिल कर आपको तनाव से निजात दिलाकर रिलैक्स कर देंगें।
इन हरी पत्तियों में विटामिन सी, डी, ई, कैल्शियम, फास्फोरस और कुछ मात्रा में विटामिन होते हैं। जो कि शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने का काम करते हैं। पुदीने के पत्तों का सेवन कर उल्टी को रोका जा सकता हैं, और पेट की गैस को दूर किया जा सकता हैं।
यह अंदर जमा हुआ कफ होता हैं उसे बाहर निकालता हैं। इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह शरीर से पसीना निकालकर बुखार को दूर करता हैं इसमें इतने गुण हैं की किसी कीड़े के काट जाने पर उसके जहर को नष्ट कर सके यह गुण भी होता हैं पुदीने में।
यह पेट से जुड़ी सभी तरह की समस्या को दूर करता हैं आजकल गलत खानपान की वजह से पेट में तरह-तरह की तकलीफे हो जाती हैं। एक चम्मच पुदीने के रस में एक कप गुनगुना पानी और एक चम्मच शहद मिलाकर पिने से पेट के रोगों में आराम मिलता हैं।
जंक फ़ूड खाने या मसालेदार खाना खाने से बहदजमी हो जाती हैं और पेट में दर्द होने लगता हैं। पुदीने को उबालकर इसमें शहद मिलाकर सेवन करने से पेट की समस्या दूर होती हैं।
पुदीने के पत्तों की लुगदी बनाकर इसे हल्का गर्म करके किसी भी तरह के जख्म या किसी कीड़े के काटने वाले स्थान पर रखने से जख्म व कीड़े का काटा ठीक होता हैं,साथ ही उसका दर्द और सूजन भी ठीक हो जाती हैं।
पुदीने का रस काली मिर्च और और काले नमक के साथ चाय की तरह उबालकर पीने से जुखाम खासी और बुखार में राहत मिलती हैं। अगर जोर से सिर दर्द हो और रुकने का नाम ही नहीं हैं

तो ताज़ी पत्तियों का लेप माथे पर लगाने से आराम मिलता हैं। और हैजा से पीड़ित व्यक्ति को पुदीने के रस के साथ प्याज के रस में नींबू और सेंधा नमक मिलाकर सेवन कराना चाहिए।
हैजा में पुदीने का रस, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता हैं। उल्टी दस्त, हैजा हो तो आधा कप पुदीने का रस हर दो घंटे से रोगी को पिलाएं।
गर्मी के दिनों में तो अक्सर सड़क के किनारे जूस,आम का पना या दुकानों पर कोल्ड्रिंक आदि पीने के लिए खड़े हो जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी पुदीने का रस पिया हैं।मिंट जूस यानी की पुदीने का जूस गर्मियों में पिने से काफी स्वास्थ्य में लाभ मिलता हैं
पुदीना जूस पीने से शरीर को ठंडक मिलती हैं और गर्मी झट से गायब हो जाती हैं। पुदीने और सौंठ का कवाथ बनाकर पीने से सर्दी के कारण होने वाली बुखार में राहत मिलती हैं।
(skin)केयर की लिए भी पुदीना बहुत फायदेमंद हैं। ताजा -हरा पुदीना पीसकर चहरे पर बीस मिनट तक लगा लें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें, यह त्वचा की गर्मी निकाल देता हैं। हरा पुदीना पीसकर उसमें नींबू के रस की दो-तीन बूंदे डालकर चेहरे पर लेप करें।
कुछ देर लगा रहने दें बाद में चेहरा ठंडे पानी से धो लें यह कुछ दिनों तक करें मुंहासे दूर हो जायेंगे तथा चेहरे की कांति खिल उठेगी। अगर आपकी त्वचा ऑयली हैं तो पुदीने का फेशियल आपके लिए सही रहेगा।
इसको बनाने के लिए दो बड़े चम्मच दही और एक बड़ा चम्मच ओटमील (जई का दलिया) लेकर गाढ़ा घोल बनाएँ। इसे चेहरे पर 10 मिनट तक लगाएं और चेहरे को धो लें। पुदीने के पत्तो का इस्तेमाल दांतों की देखभाल में भी किया जाता हैं
इसके अलावा इसका प्रयोग मुंहासे और ब्लैकहेड्स को ठीक करने में भी किया जाता हैं। पुदीना शरीर से टोक्सिन और फ्री रैडिकल को निकालने में भी मदद करता हैं। अगर आप इसे डाईट में शामिल करती हैं तो यह जीवाणु और कवक को शरीर से दूर करता हैं।
और गर्मियों के लिए रामबाण तो हैं ही पुदीना। मिनरल्स से भरपूर पुदीना विटामिन-सी का भी अच्छा स्त्रोत हैं। इसकी कई वैरायटी हैं, जिसमें पिपरमिंट और स्पीयरमिंट सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाता हैं।

इसकी अनेक खूबियां हैं,यह भोजन को पचाने में तो कारगर हैं ही पेट में होने वाले काफी रोगों के उपचार में भी उपयोगी साबित होता है। इसके अधिकतम लाभ के लिए कब,कैसे और कितने पुदीने का इस्तेमाल करना चाहिए।
सेहत संबंधी कोई भी परेशानी हो तो घरेलू नुस्खों के जरिये कई रोगों को ठीक किए जा सकते हैं। पुदीना जिसका महत्व आयुर्वेद में भी बताया गया हैं।
आयुर्वेद में पुदीने को वायुनाशक जड़ी-बूटी के रूप में देखा जाता हैं जो साइन में जलन,मितली आदि में राहत देता हैं। इसके पत्ते को चबाकर खाने से पेट दर्द और आँतों की ऐठन में आराम मिलता हैं।