दोस्तों अस्थमा Asthma या दमा ये एक श्वसन तंत्र की बीमारी है जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि सांस लेने के रास्ते में सूजन आ जाने से वह सिकुड़ जाता है। जिसकी वजह से छोटी-छोटी सांस लेनी पड़ती है, छाती मे कसाव जैसा महसूस होता है, सांस फूलने लगती है और बार-बार खांसी आती है। इस बीमारी के होने का कोई आयु बंधन नहीं होता है। किसी भी उम्र में कभी भी ये बीमारी हो सकती है। दमा Asthma का रोग एलर्जी, अत्याधिक व्यायाम, मौसम के प्रभाव या आनुवांशिक प्रवृत्ति के कारण होता है। आम तौर पर अगर परिवार में आनुवांशिकता के तौर पर अस्थमा की बीमारी है तो इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। अस्थमा का अटैक आने के बहुत सारे कारणों में वायु का प्रदूषण भी एक कारण है। अस्थमा के अटैक के दौरान वायु मार्ग के आसपास के मासपेशियो में कसाव और वायु मार्ग में सूजन आ जाती है जिसके कारण वायु का आना और जाना अच्छी तरह से हो नहीं पाता है। दमा के रोगी को साँस लेने से ज़्यादा साँस छोड़ने में मुश्किल होती है। एलर्जी के कारण नाक में बलगम पैदा हो जाता है जो कष्ट को और भी बढ़ा देता है।
तो दोस्तों ये थे दमा या अस्थमा होने के कारण .... और अब हम आपको बताएँगे की आप कैसे इस रोग का उपचार कर सकते हैं ....तो दोस्तों पहला उपाय हैं दालचीनी से । साबुत दालचीनी आपको पंसारी की दूकान से मिल जाएगी लेकिन इसका उपयोग करते समय ध्यान रखें की ये पाउडर यानि चूर्ण के रूप में हो।
- दालचीनी का उपयोग आप गुड के साथ कीजिये। 1 चम्मच दालचीनी पाउडर लेकर उसमे गुड का चुरा करके मिलाईये और फिर जब ये दोनों चीजें अच्छी तरह से आपस में मिल जाएँ तो आप इसे धीरे धीरे चबा-चबाकर खाइए और जब पूरा मिश्रण आप खा लें तो फिर ऊपर से थोडा गुनगुना पानी पीजिये.... ऐसा आप दिन में दो से तीन बार करेंगे तो इसका बहुत ही अद्भुत परिणाम मिलेगा।
इसके अलावा आप दालचीनी के पाउडर को शहद में मिलकर भी ले सकते हैं । १ चम्मच शहद के साथ आप १ चम्मच दालचीनी के पाउडर को अच्छी तरह से मिलाइए और फिर धीरे धीरे चबाकर खाइए और १० मिनट बाद आप गुनगुना पानी पीजिये ।
दोस्तों वैसे तो आप दालचीनी के पत्ते या छाल को दाल बनाते समय डालकर भी उपयोग में ले सकते हैं लेकिन इसका लाभ उतना नहीं मिलता है जितना इसको गुड या शहद के साथ मिलाकर खाने से मिलता है ।
दोस्तों ये उपाय न सिर्फ अस्थमा में लाभकारी है बल्कि इसके साथ साथ ये प्रयोग कफ और वात के 50 अन्य रोगों को भी जड़ से समाप्त कर देगा ।
2. अब दूसरा उपाय
सुहागा लाके तवा पर सेक लो चुटकी भर 2 चम्मच पानी के साथ दिन मे 3बार लो खाना खाने के बाद 10 दिन में आपकी सारी बिमारी ठीक हो जाएगी मुझे 12 साल से नजला और दमा की बीमारी थी मे अब ठीक हूँ दवाई पंसारी की दुकान पर मिलेगी 50 रूपये की
एक पका हुआ और बिना छिला हुआ केला लीजिये और उसे लम्बाई में चाक़ू से चीरा लगाकर 1 छोटा चम्मच या 2 ग्राम बारीक पिसी हुई काली मिर्च मिला दें फिर उसमे बिना छिले ही केले के पत्ते में लपेट कर और डोरी से बांधकर 2-3 घंटे के लिए रख दें बाद में केले के पत्ते (छिलके) सहित उसे आग में इस प्रकार भूने की केले का केवल छिलका ही जले और केले का अन्दर का भाग ना जले । इसके बाद केले के ठंडा होने पर केले का छिलका उतार कर केले को खा लें। हर रोज आप केले में काली मिर्च का चूर्ण भरें और शाम को इसको भूनें और फिर केले को खाएं । ये उपाय आपको 15 से 20 दिन तक करना है । 15 से 20 दिन तक इस उपाय को करने से ही दमा या श्वास की बीमारी का नामो निशान मिट जायेगा।
3. अब तीसरा उपाय:-
इस उपाय में आपको पिसी हुई हल्दी और फिटकरी लेनी है। सबसे पहले आप फिटकरी का टुकड़ा लें और उसे भूनें । भूनने से फिटकरी फैल जाती है और पाउडर जैसी बन जाती है और यदि कुछ मोटा हिस्सा बच जाये तो उसको भी कूट लें । इसके बाद आधा चम्मच पिसी हुई हल्दी फिटकरी के पाउडर में डालकर अच्छी तरह मिला लें । अब इस मिश्रण की 1 चम्मच मात्रा लेकर अच्छे से चबाएं और फिर निगल लें फिर थोड़ी देर बाद गुनगुना पानी पी लें । इस उपाय से आपके फेफड़ों में जो अवरोध है वो समाप्त हो जायेगा। इस प्रयोग को आपको सवेरे खाली पेट और या फिर भोजन करने से पहले करना है और इस प्रयोग को आपको प्रतिदिन तब तक करते रहना है जब तक आपकी दमे की समस्या पूरी तरह से समाप्त न हो जाये।
4. चौथा उपाय :-
तुलसी के कुछ पत्ते शहद और काली मिर्च में भिगोकर रख दें। तीन से चार घंटे इन्हें भिगोया रहने दें और फिर पत्तों को चबा लें। इससे दमा का दौरा पड़ने की आशंका बेहद कम हो जाएगी।
5. पांचवा उपाय :-
दमा के इलाज में लहसुन काफी फायदेमंद साबित होता है। आप 30 मिली लीटर दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का सेवन करें। हर रोज सेवन करने से दमा में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है।
इसके साथ ही अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। सबेरे और शाम इस चाय का सेवन करने से मरीज को फायदा होता है।
6. छठा उपाय :-
125 मिली लीटर पानी में 4-5 लौंग डालकर 5 मिनट तक उबालें और फिर इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएँ और गरम-गरम पी लें। हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीने से मरीज को निश्चित रूप से लाभ होता है।
7. सातवाँ उपाय :-
180 मिली लीटर पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर करीब 5 मिनट तक उबालें। अब मिश्रण को ठंडा होने दें.... फिर उसमें चुटकीभर नमक, कालीमिर्च और नीबू रस मिलकर पियें । इस सूप का नियमित रूप से इस्तेमाल दमा उपचार में लाभदायक माना गया है।
8. आठवाँ उपाय :-
अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मैथी के काढ़े और स्वादानुसार शहद इस मिश्रण में मिलाएं। दमे के मरीजों के लिए यह मिश्रण लाजवाब साबित होता है। मैथी का काढ़ा तैयार करने के लिए एक चम्मच मैथीदाना और एक कप पानी उबालें। हर रोज सबेरे-शाम इस मिश्रण का सेवन करने से निश्चित लाभ मिलता है।
9. नौंवा उपाय:-
दो छोटे चम्मच आंवला का पावडर एक कटोरी में ले और उसमें एक छोटा चम्मच शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। हर रोज सुबह इस मिश्रण का सेवन करें।
10. दसवां उपाय:-
आवश्यकता के अनुसार सरसों के तेल में कपूर डालकर अच्छी तरह से गर्म करें। उसको एक कटोरी में डालें। फिर वह मिश्रण थोड़ा-सा ठंडा हो जाने के बाद सीने और पीठ में मालिश करें। दिन में कई बार से इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षणों से कुछ हद तक आराम मिलता है।
इसके अलावा गरमागरम कॉफी पीने से भी दमा के रोगी को आराम मिलता है। क्योंकि यह श्वसनी के मार्ग को साफ करके साँस लेने की प्रक्रिया को आसान करता है।
तो दोस्तों ये थे दमा या अस्थमा को दूर करने के उपाय.... और अब हम आपको बताएँगे की दमे की बीमारी में आपको कौनसी चीजें खानी हैं और कौनसी नहीं खानी हैं...
कौनसी चीजें खानी है
मूंग और अरहर की दालें, सीताफल, टमाटर, गाजर, ककड़ी, एवोकेडो, खीरा, लौकी, पालक, केल, ब्रोकोली स्प्राउट, शकरकंद, अदरक, हल्दी, लहसुन, प्याज़, सेब, मेवे आदि खाये जा सकते हैं। अस्थमा के रोगियों को हल्का भोजन ही करना चाहिए और गुनगुना पानी खूब पीना चाहिए।
कौनसी चीजें नहीं खानी हैं
दूध और इससे बने खाद्य पदार्थों जैसे आइसक्रीम, दही, पनीर, इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड, फ़ास्ट फ़ूड, अंडे, खट्टे फल, गेहूं, उड़द दाल या इससे बने पदार्थ, सोया और इससे बने पदार्थ, अरबी, कचालू, फूलगोभी, कॉफी, स्ट्रांग टी, सॉस, मादक पेय पदार्थ, ठंडा पानी और ठन्डे पेय पदार्थ, अधिक खट्टे और मिर्च मसाले वाली चीजों को भी नहीं खाना चाहिए। साथ ही केला, पपीता, चावल, चीनी और दही का सेवन भी दमा रोग में नहीं करना चाहिए । डिब्बा बंद खाने का सेवन भी दमा रोग में नहीं करना चाहिए ।
दोस्तों दमा या अस्थमा की जो समस्या है वो हमारे फेफड़ों से सम्बंधित है। फेफड़ों में किसी भी प्रकार का अवरोध या रूकावट उत्पन्न होने पर श्वास से सम्बंधित समस्या हो जाती है और दमा के रोगियों में ये समस्या अधिक होती है । साथ ही पेट साफ़ न रहना, कब्ज रहना, अनियमित दिनचर्या, खान-पान में असावधानी और सर्दी जुकाम रहना, वायु प्रदुषण और शरीर में एलर्जी होना भी इसके मुख्य कारण है।
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धन्यवाद!