अपेंडिसाइटिस (appendicitis)का घरेलू और होम्योपैथी उपचार

अपेंडिसाइटिस (appendicitis)का घरेलू और होम्योपैथी उपचार

अपेंडिसाइटिस(appendicitis)-
हमारे शरीर में आंत से जुडा एक अंग होता है जिसे अपेंडिक्स (appendicitis)कहते है अपेंडिक्स एक पतली और छोटी सी ट्यूब होती है इसकी लम्बाई करीब 2-3 इंच होती है। हमारी बड़ी आंत में जहाँ अपशिष्ट (मल) बनता है वहां यह आंत से जुडी होती है।इस ग्रन्थि में होने वाली सुजन जिसमे बहुत दर्द भी होता है उसे अपेंडिसाइटीस कहते है। अपेंडिसाइटिस होने पर सामान्यतौर पर पेट के बीच के हिस्से में बार-बार दर्द होता है यही दर्द कुछ देर बाद में पेट के दाहिने भाग में नीचे की और होने लगता है जहाँ पर यह अपेंडिक्स होती है और यह धीरे-धीरे बहुत तेज होने लगता है। अपेंडिक्स का दर्द अधिकतर ज्यादा चलने,खांसने या इस जगह को दबाने से यह दर्द गंभीर हो जाता है। पीड़ित के लिए ही नहीं डॉक्टरों के लिए भी यह एक समस्या है क्योंकि इसका उपचार इतना सरल नहीं है जिसकी वजह यह है कि यह सुनिश्चित करना कठिन होता है कि दर्द अपेंडिक्स का है भी या नहीं। चूँकि हमारे पेट में बहुत से अंग होते हैं, इन अंगों के बहुत से रोगों में पेटदर्द, बुखार, उल्टी आदि जैसे लक्षण समान ही होते हैं। साथ ही पेट के बहुत से अंगों व दूसरे रोगों के भौतिक परीक्षण और पूर्व इतिहास भी मिलते-जुलते होते हैं इसलिए यह कहना मुश्किल होता है कि यह दर्द अपेंडिक्स का ही है इसलिए इसकी पूरी जाँच करने के बाद ही जब यह सुनिश्चित हो जाता है कि समस्या इसी में है तब ही इसको निकालना चाहिए। अन्यथा इसको निकलना गलत है। आजकल बहुत से डॉक्टरों को ज्ञान ही नहीं होता है और अन्य किसी कारण से होने वाले पेटदर्द के निदान के लिए इस अवशेषी अंग को निकाल देते है जोकि गलत है। आंत से जुड़े इस छोटे से टुकड़े का एक सिरा खुला होता है और दूसरा सिरा पूरी तरह बंद होता है। भोजन करने के बाद जब कोई कण इसमें चला जाता है तो दूसरा सिरा बंद होने की वजह से यह निकल नहीं पाता है। जिसके कारण अपेंडिक्स में संक्रमण हो जाता है। इसके अलावा पेट के कीड़े होना,अधिक दिनों तक कब्ज रहना,आंत में क्षय रोग होना आदि होने के कारण अपेंडिक्स की नली में रुकावट आ जाती है और ऐसे भोजन का सेवन करना जिसमे रेशा बहुत ही कम मात्रा में होता है या बिलकुल नहीं होना भी इस समस्या को निमत्रंण दे सकता है। और जब यह रुकावट अधिक दिनों तक रहती है या लगातार बनी रहती है तो फिर यह संक्रमण होकर फट सकती है यह फटने से पीड़ित इमरजेंसी स्थिति में आ जाता है।
अपेंडिक्स के प्रकार-
  • एक्यूट अपेंडिसाइटिस - यह तेजी से कुछ ही दिनों में फैल जाता है इसका पता लगाना आसान होता है। इसके इलाज के लिए तुरंत सर्जरी करनी होती है। जब अपेंडिक्स में संक्रमण के कारण जीवाणु तेजी से उत्पन्न होने लगतें हैं तो इससे सूजन और मवाद (पस) बनने लगता है,जिससे अपेंडिक्स खराब हो जाती है।
  • क्रोनिक अपेंडिसाइटिस - इसमें सूजन बहुत दिनों बनी तक रहती है। हालाँकि इस तरह के अपेंडिसाइटिस के मामले बहुत कम देखने को मिलते है। इसमें अपेंडिक्स में थोड़ी-थोड़ी रुकावट होने से आसपास के उतकों में सुजन आ जाती है अंदरूनी दबाव के कारण यह सुजन और भी कम हो जाती है इसका इलाज लम्बा काफी चलता है।
    लक्षण- पीठ में दर्द होना,भूख न लगना,चक्कर आना,उल्टी होना,दस्त लगना,कब्ज होना,पेशाब करते समय दर्द होना,मलाशय में दर्द रहना,पेट में दर्द रहना,ठण्ड लगना या शरीर का कांपना, गैस नहीं निकाल पाना,नाभि के आसपास दर्द रहना आदि लक्षण हो सकते है।
    बचाव के उपाय-
    रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पियें
    रोजाना ताजा फल और सब्जियों के सेवन करें
    प्रतिदिन नियमित रूप से एक्सरसाइज करें क्योकि जिससे हमारे शरीर के सभी अंग ठीक से करें और पाचन क्रिया भी सही बनी रहे। भोजन करने से पहले अपने हाथ अवश्य धोएं।
    भोजन में पर्याप्त मात्रा में फाईबर युक्त चीजों का सेवन करें। जैसे बींस, खीरा, टमाटर, चुकंदर, गाजर, ब्रॉक्ली, मटर, ब्राउन राइस, मुनक्का, वीट जर्म, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज और अन्य ताजे फल तथा सब्जियां आदि का सेवन करें।
घरेलू उपचार-
  • अपेंडिक्स में असहनीय दर्द हो रहा है और डॉक्टर ने सर्जरी करवाने की बोला हो तो ऐसी स्थिति में मिटटी को भिगोकर प्रभावित हिस्से पर लगायें तथा इसे थोड़ी-थोड़ी में बदलते रहे और तीन दिन तक उपवास पर रहना है सिर्फ पानी पीना है इसके अलावा कुछ भी नहीं खाना है चौथे दिन आधी कटोरी मुंग का पानी, पांचवे दिन एक कटोरी और छठे दिन एक कटोरी मुंग व सातवें दिन भूख के अनुसार मुंग खाएं। आठवें दिन मुंग और चावल खाएं तथा नवें दिन से सब्जी-रोटी खाना शुरू करें। इससे अपेंडिक्स मिट जाएगा और जिन्दगी में फिर कभी नहीं होगा।
  • अदरक- 8-10 अदरक के टुकड़े लेकर एक कप पानी लेकर इसको उबालकर इसमें इन टुकड़ों को डालकर थोड़ी देर बाद छान लें।इसको दिन में दो बार पीने से अपेंडिक्स ठीक हो जाएगा।
  • एक चम्मच निम्बू का रस लेकर उसमे एक चम्मच शहद में मिलाकर सेवन करने से आपको अपेंडिसाइटीस में राहत मिलेगी आप दिन में चार बार ऐसा कर सकते है।
  • खाना खाने से पहले 1 टमाटर लेकर उसमें सेंधा नमक डालकर खाने से पेट का दर्द और सुजन कम हो जाएगी।
  • अपेंडिक्स के दर्द से छुटकारा पाने के लिए छाछ में काला नमक डालकर पीना लाभकारी है। इससे शरीर में जमा गंदगी बाहर निकल जाती है।
    होम्योपैथिक उपचार -
    ब्रायोनिया एल्बा - अपेंडिक्स के दौरान चुभन वाला दर्द होने पर,हल्का सा हिलने पर दर्द होने पर इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से करे। इससे सर्जरी की आवश्यकता खत्म हो जाती है।

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