तांबे के बर्तन में पानी पिने (Copper pot drinking water) के अद्भुत फायदे

तांबे के बर्तन में पानी पिने (Copper pot drinking water) के अद्भुत फायदे

तांबे के बर्तन में पानी पिने (Copper pot drinking water) के फायदे आयुर्वेद में पंचधातु के बर्तनों में खाना अच्छा बताया गया हैं,और इसके फायदों को साइंस भी मानती हैं,इसी तरह तांबे के बर्तन की भी ऐसी ही कुछ खासयित हैं

जो आपकी सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता हैं,यह सभी डायरिया,पीलिया,डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमारियों को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर देता हैं।

तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर में दर्द ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होने देते। ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी फायदेमंद होता हैं। सेहत के लिए पानी पीना बहुत फायदेमंद माना जाता हैं। परन्तु तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से स्वास्थ्य को कई प्रकार के फायदे होते हैं,

तांबे यानी सीधे तौर पर आपके शरीर में कॉपर को कमी को पूरा करता हैं। और बिमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से सुरक्षा देता हैं। स्वस्थ रहने के लिए हर इंसान को दिनभर में 8 से दस गिलास पानी जरुर पीना चाहिए,

पर आयुर्वेद में विशेष तौर पर सुबह के समय तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से त्वचा पर किसी प्रकार की समस्याएं नहीं होती। दरअसल तांबा एक शुद्ध सात्विक धातु हैं इसलिए इसके पानी को पीने से शरीर के कई रोग ठीक हो जाते हैं। साथ ही,

इस पानी से शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं।रात को इस तरह तांबे के बर्तन में संग्रहित पानी को ताम्रजल के नाम से जाना जाता हैं, तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे रखा हुआ पानी लाभकारी होता हैं।

फोड़े, फुंसी, मुहासे और त्वचा संबंधी अन्य रोगों को पनपने नहीं देता जिससे आपकी त्वचा साफ़ और चमकदार दिखाई देती हैं। त्वचा को अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने के लिए मेलानिन त्वचा, आँखों एवं बालों के रंग के लिए जिम्मेदार तत्व होता हैं।

और बिमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से आपकी रक्षा कर आपको पूरी तरह से स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता हैं। तांबे में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता हैं यह सभी प्रकार के बैक्टेरिया को खत्म कर देता हैं,

जो डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमारियों को पैदा करते हैं। और ये पाचनतन्त्र को मजबूत कर बेहतर पाचन में सहायक करता हैं रात के वक्त तांबे के बर्तन में पानी रखकर सुबह पीने से पाचन क्रिया दुरस्त होती हैं इसके अलावा यह अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता हैं।

तांबा प्योरीफायर का काम करता हैं ये पानी की अशुद्धियों को दूर करता हैं। इसे पीने से पेट की आँतों की गंदगी साफ़ होती हैं, आँतों की गंदगी साफ़ होने से पूरे शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ता हैं। तांबा रक्त शुद्धि का काम करता हैं, इसके कारण त्वचा संबंधी समस्याएँ भी ठीक होती हैं।

इसके अलावा दिल को स्वस्थ बनाए रखकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर यह बेड कोलेस्ट्रोल को कम करता हैं,हार्ट अटैक के खतरे को दूर करता हैं,यह रक्त संचार को बेहतरीन रखता है। यह पेट लीवर और किडनी सभी को डिटोक्स करता हैं

इसमें ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो पेट को नुकसान पहुँचाने वाले बैक्टीरिया को मार देते हें, जिस वजह से पेट में कभी भी अल्सर और इंफेक्शन नहीं होता इसके साथ ही तांबा पेट संबंधी बीमारियां जैसे एसिडिटी और गैस से भी बचाता हैं।

इसलिए खाली पेट तांबे का जल अवश्य पीना चाहिए। यह वात,पित्त,और कफ की शिकायत को दूर करने में मदद करता हैं। इस प्रकार के जल में एंटी- ऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो कैंसर जैसे रोग से भी लड़ने की शक्ति प्रदान करता हैं कैंसर के मरीज के लिए तांबे का जल बहुत लाभकारी हैं।

अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबा कैंसर की शुरुआत को रोकने में मदद करता हैं,और इसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते हैं। तांबे का पानी पीने से मस्तिष्क को उत्तेजित कर उसे सक्रिय बनाए रखने में तांबे का पानी बहुत सहायक होता हैं इसके प्रयोग से स्मरणशक्ति मजबूत होती हैं और दिमाग तेज होता है।

अगर आपको तांबे में रखे पानी का पूरा फायदा लेना हैं तो 8 से 12 घंटे तक इसी में रखें। इसे 8 से 12 घंटे रखने के बाद इसकी तासीर गर्म हो जाती हैं इसलिए यह गर्म तासीर का होने के कारण सर्दियों में पीएं तो दुबारा गर्म करने की जरूरत नहीं पड़ती।

फिर सुबह खाली पेट पीएं 12 घंटे से ज्यादा तांबे के बर्तन में पानी रखने से पानी का स्वाद थोड़ा कसैला हो जाता हैं, इसी कारण वो नुक्सान भी कर सकता हैं।इसलिए ध्यान रहे 12 घंटे से ज्यादा तांबे के बर्तन में पानी न रखें।Copper pot drinking water

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और अगर तांबे के बर्तन में रखे पानी का पूरा लाभ उठाना चाहते हो तो रात में तांबे के बर्तन में पानी रखें और ध्यान रहे की जो पानी तांबे के पात्र में हैं वो एक लकड़ी के पाटे या मेज पर रखें। सुबह उठते ही खाली पेट पानी पीएं। एक गिलास से शुरू करके इसे एक लीटर से सवा लीटर तक पीएं। एकदम से ना पी पीएं घूंट-घूंट करके पीएं। पानी को अगर ब्रह्म मुहूर्त में पीएं तो सर्वोतम हैं।

अगर ये गलती की तो नुक्क्सान भी हो सकता हैं - अगर आप के पेट में एसिडिटी की समस्या हैं या अल्सर हैं तो तांबे के बर्तन का पानी न लें,क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती हैं। यदि आप किडनी या हार्ट के मरीज हैं

तो डॉक्टर का सलाह से ही पानी पीएं, ज्यादा पानी एक बार में पीना नुकसान दायक हो सकता हैं। पानी के अलावा खाने-पीने की कोई भी चीजें और खट्टी चीजें इसमें विषाक्त हो सकती हैं इससे फ़ूड पॉयजनिक भी हो सकती हैं। ख़ासकर के तांबे के बर्तन में भूलकर भी नींबू पानी न पीएं,

ऐसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता हैं क्योंकि नींबू में एसिड होता हैं जो तांबे के साथ मिलकर सेहत पर उल्टा प्रभाव डालता हैं अगर आप तांबे के गिलास में नींबू पानी पीते हैं तो आपको गैस,पेट दर्द, उल्टी आदि की समस्या हो सकती हैं।

यह चार्ज्ड वोटर भी हैं -Copper pot drinking water

तांबे का बर्तन पानी को चार्ज करने का काम करता हैं इससे तांबे के सारे गुण पानी में आ जाते हैं, इसलिए इस पानी को चार्ज्ड वोटर भी माना जाता हैं। जब कोई वस्तु चार्ज की जाती हैं तो उसे अर्थिंग से बचाने के लिए जमीन पर नहीं रखा जाता यह नियम इस पर भी लागू होता हैं,

जब भी पानी तांबे के बर्तन में रखे तो उसे जमीन पर न रखे लकड़ी के पाटे या मेज पर ही रखें। तांबा शरीर के लिए काफी महत्वपूर्ण खनिज हैं, लोगों को इस शोध को सावधानी के साथ लेना चाहिए और अपने खाने-पीने से तांबे के बर्तनों को हटाना नहीं चाहिए।

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